Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Apr 2022 · 1 min read

आदर्श ग्राम्य

पराकाष्ठा अपरूप लिए, ग्रामीण सजा है भव्य
प्राण प्रतिष्ठा बसे हमारे, उर ग्राम्य धर्म कर्त्तव्य
अमूल्य निधि अरुणोदय की, चित चितवन सब धन्य
आदर्श ग्राम्य आंचल ओढ़े, धन्य गात चैतन्य

कार्य प्रगति पर हुए हमारे, मौन वचन से बंधा हुआ
अपने ही कुटुम्ब के तरु से, शूल वाणी से सधा हुआ
दर्पण दिखलाने वाले पर, हंसे चोचले जन्य
आदर्श ग्राम्य आंचल ओढ़े, धन्य गात चैतन्य

साध रहे हित अपने, दिए प्रगति का नाम
कलंक लगा कर कुल पर, चारु अशिष्टिक धाम
परिधान स्वच्छ सौन्दर्य में, विष हुआ नगण्य
आदर्श ग्राम्य आंचल ओढ़े, धन्य गात चैतन्य

देव भूमि बगीचों में, खिला हुआ हर पुष्प
ताल सरोवर खग वृंदों से, प्रकृत सजी अनुप्प
पुरखों के सद्भावों से, छवि ग्राम्य की सौम्य
आदर्श ग्राम्य आंचल ओढ़े, धन्य गात चैतन्य

अहम त्वं में बंधे हुए है, शनि राहु संग केतू
निष्ठुरता के सुमन खिलाए, मंगल क्षुब्ध बन सेतू
सुफल सार हम बसे हुए है, परम ज्योति के सैन्य
आदर्श ग्राम्य आंचल ओढ़े, धन्य गात चैतन्य

जिला प्रसिद्ध बड़ैला ताल, अपूर्व सरोरूह नाव
समीप भैसहि स्रोतस्विनी, सांकृत्यायन का गांव
किलकारी से हर्षित गुंजित, कामिनी वृद्ध व्यौम्य
आदर्श ग्राम्य आंचल ओढ़े, धन्य गात चैतन्य

आदर्श गुरु का दर्जा में, सिद्ध प्रसिध्द सेऊटा गांव
पुलकित प्रकृति चित्रण, यक्ष गंधर्व अतिथि भाव
कहे कवि सुनों श्रोता जन, आज जन्म मेरों धन्य
आदर्श ग्राम्य आंचल ओढ़े, धन्य गात चैतन्य

Language: Hindi
2 Likes · 402 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Er.Navaneet R Shandily
View all
You may also like:
हमारे प्यार का आलम,
हमारे प्यार का आलम,
Satish Srijan
वो कहती हैं ग़ैर हों तुम अब! हम तुमसे प्यार नहीं करते
वो कहती हैं ग़ैर हों तुम अब! हम तुमसे प्यार नहीं करते
The_dk_poetry
2517.पूर्णिका
2517.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
// दोहा पहेली //
// दोहा पहेली //
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
"संकल्प"
Dr. Kishan tandon kranti
* फूल खिले हैं *
* फूल खिले हैं *
surenderpal vaidya
बेटा हिन्द का हूँ
बेटा हिन्द का हूँ
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
शब्द गले में रहे अटकते, लब हिलते रहे।
शब्द गले में रहे अटकते, लब हिलते रहे।
विमला महरिया मौज
*मनुष्य जब मरता है तब उसका कमाया हुआ धन घर में ही रह जाता है
*मनुष्य जब मरता है तब उसका कमाया हुआ धन घर में ही रह जाता है
Shashi kala vyas
"मैं आज़ाद हो गया"
Lohit Tamta
"Always and Forever."
Manisha Manjari
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Shweta Soni
दोस्ती का रिश्ता
दोस्ती का रिश्ता
विजय कुमार अग्रवाल
मंजिल तक का संघर्ष
मंजिल तक का संघर्ष
Praveen Sain
Tum makhmal me palte ho ,
Tum makhmal me palte ho ,
Sakshi Tripathi
ऐसे थे पापा मेरे ।
ऐसे थे पापा मेरे ।
Kuldeep mishra (KD)
प्रारब्ध भोगना है,
प्रारब्ध भोगना है,
Sanjay ' शून्य'
माई बेस्ट फ्रैंड ''रौनक''
माई बेस्ट फ्रैंड ''रौनक''
लक्की सिंह चौहान
हर इंसान लगाता दांव
हर इंसान लगाता दांव
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
So, blessed by you , mom
So, blessed by you , mom
Rajan Sharma
कोशिशें हमने करके देखी हैं
कोशिशें हमने करके देखी हैं
Dr fauzia Naseem shad
😢सीधी-सीख😢
😢सीधी-सीख😢
*Author प्रणय प्रभात*
आयी प्यारी तीज है,झूलें मिलकर साथ
आयी प्यारी तीज है,झूलें मिलकर साथ
Dr Archana Gupta
केतकी का अंश
केतकी का अंश
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
गर्दिश का माहौल कहां किसी का किरदार बताता है.
गर्दिश का माहौल कहां किसी का किरदार बताता है.
कवि दीपक बवेजा
*रामलला सिखलाते सबको, राम-राम ही कहना (गीत)*
*रामलला सिखलाते सबको, राम-राम ही कहना (गीत)*
Ravi Prakash
हर रात की
हर रात की "स्याही"  एक सराय है
Atul "Krishn"
तितली
तितली
Manu Vashistha
हम दुनिया के सभी मच्छरों को तो नहीं मार सकते है तो क्यों न ह
हम दुनिया के सभी मच्छरों को तो नहीं मार सकते है तो क्यों न ह
Rj Anand Prajapati
पिताश्री
पिताश्री
Bodhisatva kastooriya
Loading...