Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Sep 2017 · 1 min read

=_= असत् पर सत् की विजय =_=

दंभ आडम्बर छल प्रपंच का परिचायक था रावण।
सत्य पौरुष मर्यादा व संयम के प्रतीक थे राम।
असत्य पर सत्य की जय है विजयादशमी,
बुराई पर अच्छाई की जीत है दशहरा।
श्री राम ने वध किया असत रूपी रावण का,
तभी उदित हुआ एक रामराज्य सुनहरा।
जलाते हैं हम उस दशानन के साथ साथ,
दसों दिशाओं की बुरी हवाएं बुरी बलाएं।
घमण्ड,अहंकार,दंभ,मद,क्रोध और गरूर,
क्षण मात्र में ही सब, हो जाते हैं चूर चूर।
जब सत्य संग पुरुषार्थ, आ खड़ा होता है सामने,
तब असत्य व बुराई लगती है बगलें झांकने।
जब जब सिर उठाती है दुष्टों की पराकाष्ठा,
तब तब उस पर भारी पड़ती है मानवता की आस्था।
यही सीख देता है हमें हर बार यह त्यौहार,
इसीलिये हम करते हैं रावण रूपी राक्षस का
दहन बार बार।

—रंजना माथुर दिनांक 20/09/2017
मेरी स्व रचित व मौलिक रचना
©

Language: Hindi
489 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
गीत, मेरे गांव के पनघट पर
गीत, मेरे गांव के पनघट पर
Mohan Pandey
कहीं ख्वाब रह गया कहीं अरमान रह गया
कहीं ख्वाब रह गया कहीं अरमान रह गया
VINOD CHAUHAN
‘ विरोधरस ‘---6. || विरोधरस के उद्दीपन विभाव || +रमेशराज
‘ विरोधरस ‘---6. || विरोधरस के उद्दीपन विभाव || +रमेशराज
कवि रमेशराज
क्या बचा  है अब बदहवास जिंदगी के लिए
क्या बचा है अब बदहवास जिंदगी के लिए
सिद्धार्थ गोरखपुरी
गुस्सा
गुस्सा
Sûrëkhâ Rãthí
कवि मोशाय।
कवि मोशाय।
Neelam Sharma
चांद पर चंद्रयान, जय जय हिंदुस्तान
चांद पर चंद्रयान, जय जय हिंदुस्तान
Vinod Patel
राम
राम
Suraj Mehra
ये दुनिया सीधी-सादी है , पर तू मत टेढ़ा टेढ़ा चल।
ये दुनिया सीधी-सादी है , पर तू मत टेढ़ा टेढ़ा चल।
सत्य कुमार प्रेमी
स्वास विहीन हो जाऊं
स्वास विहीन हो जाऊं
Ravi Ghayal
मेरा केवि मेरा गर्व 🇳🇪 .
मेरा केवि मेरा गर्व 🇳🇪 .
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
इन्द्रधनुष
इन्द्रधनुष
Dheerja Sharma
*स्वतंत्रता आंदोलन में रामपुर निवासियों की भूमिका*
*स्वतंत्रता आंदोलन में रामपुर निवासियों की भूमिका*
Ravi Prakash
■ 24 घण्टे चौधराहट।
■ 24 घण्टे चौधराहट।
*Author प्रणय प्रभात*
किताबें भी बिल्कुल मेरी तरह हैं
किताबें भी बिल्कुल मेरी तरह हैं
Vivek Pandey
"बोली-दिल से होली"
Dr. Kishan tandon kranti
पंक्ति में व्यंग कहां से लाऊं ?
पंक्ति में व्यंग कहां से लाऊं ?
goutam shaw
💐प्रेम कौतुक-211💐
💐प्रेम कौतुक-211💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
2303.पूर्णिका
2303.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
गजल सगीर
गजल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
पिछले 4 5 सालों से कुछ चीजें बिना बताए आ रही है
पिछले 4 5 सालों से कुछ चीजें बिना बताए आ रही है
Paras Mishra
सच ही सच
सच ही सच
Neeraj Agarwal
मेरी रातों की नींद क्यों चुराते हो
मेरी रातों की नींद क्यों चुराते हो
Ram Krishan Rastogi
आप सभी को महाशिवरात्रि की बहुत-बहुत हार्दिक बधाई..
आप सभी को महाशिवरात्रि की बहुत-बहुत हार्दिक बधाई..
आर.एस. 'प्रीतम'
"नवरात्रि पर्व"
Pushpraj Anant
प्रेम का प्रदर्शन, प्रेम का अपमान है...!
प्रेम का प्रदर्शन, प्रेम का अपमान है...!
Aarti sirsat
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
सपने
सपने
Divya kumari
🔥वक्त🔥
🔥वक्त🔥
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
आप हँसते हैं तो हँसते क्यूँ है
आप हँसते हैं तो हँसते क्यूँ है
Shweta Soni
Loading...