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28 Jan 2017 · 1 min read

⁉क्या है तू ⁉

⁉क्या है तू ⁉

रुह की प्यास बुझा दी है तेरी क़ुरबत ने।
तू कोई झील है,
झरना है,
घटा है,
क्या है तू?

नाम होटों पे तेरा आए तो राहत सी मिले।
तू तसल्ली है,
दिलासा है,
दुआ है,
क्या है तू?

तेरा सिवा ज़माने में कोई अच्छा न लगे।
तू पसंद है,
मकरन्द है,
गुलकंद है,
क्या है तू?

तेरी जुस्तजू मेरे दिल को बाग़ बाग़ करती है।
तू महक है,
गुल है,
पराग है,
क्या है तू?

मन मनु का हरदम तेरा होने को फ़ना है।
तू सपना है,
हकीकत है,
फ़साना है
क्या है तू?
मानक लाल मनु✍

Language: Hindi
460 Views
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