Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 May 2023 · 1 min read

नींद

यह दुनिया है दोस्तों ।
यहाँ कोई किसी का नहीँ होता ।।

लोग तभी य़ाद करते हैं।
जब किसी की नींद मुकम्मल नहीं होता।।

–दिवाकर महतो
राँची (झारखंड)

247 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
पहचान धूर्त की
पहचान धूर्त की
विक्रम कुमार
दौरे-हजीर चंद पर कलमात🌹🌹🌹🌹🌹🌹
दौरे-हजीर चंद पर कलमात🌹🌹🌹🌹🌹🌹
shabina. Naaz
*मौसम बदल गया*
*मौसम बदल गया*
Shashi kala vyas
संघर्ष हमारा जीतेगा,
संघर्ष हमारा जीतेगा,
Shweta Soni
गांधी जी के आत्मीय (व्यंग्य लघुकथा)
गांधी जी के आत्मीय (व्यंग्य लघुकथा)
दुष्यन्त 'बाबा'
पोता-पोती बेटे-बहुएँ,आते हैं तो उत्सव है (हिंदी गजल/गीतिका)
पोता-पोती बेटे-बहुएँ,आते हैं तो उत्सव है (हिंदी गजल/गीतिका)
Ravi Prakash
यारों का यार भगतसिंह
यारों का यार भगतसिंह
Shekhar Chandra Mitra
आंखें
आंखें
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
नेपाल के लुंबनी में सफलतापूर्ण समापन हुआ सार्क समिट एवं गौरव पुरुस्कार समारोह
नेपाल के लुंबनी में सफलतापूर्ण समापन हुआ सार्क समिट एवं गौरव पुरुस्कार समारोह
The News of Global Nation
युद्ध के स्याह पक्ष
युद्ध के स्याह पक्ष
Aman Kumar Holy
चाबी घर की हो या दिल की
चाबी घर की हो या दिल की
शेखर सिंह
" है वही सुरमा इस जग में ।
Shubham Pandey (S P)
सबक ज़िंदगी पग-पग देती, इसके खेल निराले हैं।
सबक ज़िंदगी पग-पग देती, इसके खेल निराले हैं।
आर.एस. 'प्रीतम'
मंजिल
मंजिल
Swami Ganganiya
गम   तो    है
गम तो है
Anil Mishra Prahari
बुद्ध फिर मुस्कुराए / मुसाफ़िर बैठा
बुद्ध फिर मुस्कुराए / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
खुद की तलाश में।
खुद की तलाश में।
Taj Mohammad
कितने उल्टे लोग हैं, कितनी उल्टी सोच ।
कितने उल्टे लोग हैं, कितनी उल्टी सोच ।
Arvind trivedi
किसान भैया
किसान भैया
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
(5) नैसर्गिक अभीप्सा --( बाँध लो फिर कुन्तलों में आज मेरी सूक्ष्म सत्ता )
(5) नैसर्गिक अभीप्सा --( बाँध लो फिर कुन्तलों में आज मेरी सूक्ष्म सत्ता )
Kishore Nigam
सोनू की चतुराई
सोनू की चतुराई
Dr. Pradeep Kumar Sharma
संगीत
संगीत
Neeraj Agarwal
"मैं मजदूर हूँ"
Dr. Kishan tandon kranti
उनकी नाराज़गी से हमें बहुत दुःख हुआ
उनकी नाराज़गी से हमें बहुत दुःख हुआ
Govind Kumar Pandey
राहुल की अंतरात्मा
राहुल की अंतरात्मा
Ghanshyam Poddar
शिक्षक है आदर्श हमारा
शिक्षक है आदर्श हमारा
Harminder Kaur
मौन
मौन
DR ARUN KUMAR SHASTRI
" मैं फिर उन गलियों से गुजरने चली हूँ "
Aarti sirsat
बादल
बादल
Shutisha Rajput
बेटियां देखती स्वप्न जो आज हैं।
बेटियां देखती स्वप्न जो आज हैं।
surenderpal vaidya
Loading...