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14 Dec 2016 · 1 min read

हर तरफ़ फूल ही फूल खिलाते चलिये

हर तरफ़ फूल ही फूल खिलाते चलिये
इस क़दर चमन सारा महकाते चलिये

रखना कलाम रामानुज को दिल में अपने
हर तरफ ज्ञान के दीप जलाते चलिये

दिल के दर्द छिपाकर मुस्काते चलिये
बस प्यार हो प्यार हरसू बिखराते चलिये

क़ुर्बानियाँ शहीदों की भूल न जाना
ये तिरंगा फलक पर फहराते चलिये

बस हंसते चलिए और मुस्कुराते चलिये
जानिब-ए-मंज़िल कदम बढ़ाते चलिये

बीमार हो रहा जन जन प्रदूषण से
हर राह पे नये पेड़ लगाते चलिये

सारा जहाँ पुकारे नाम -ए-हिन्दुस्तान
मेहनत से रंग अपना जमाते चलिये

फ़ुरसत कभी नहीं होगी पल भर तुम्हें
माँ बाप और गुरु को शीश नवाते चलिये

–सुरेश सांगवान ‘सरु’

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