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7 Jun 2016 · 1 min read

स्त्री

स्त्री है ये
थक नहीं सकती है ये
रुक नहीं सकती है ये
आये जो कोई बाँधा तो
झुक नहीं सकती है ये
स्त्री है ये!!
जो हमेशा ताप दे
एक वो अंगार है
जो हमेशा प्रकाश दे
एक वो दीप है
आये जो कोई आँधी तो
बुझ नहीं सकती है ये
स्त्री है ये!!

Language: Hindi
563 Views
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