Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Jul 2016 · 1 min read

सुनि ले अम्मा कासे बोली आपन शुद्ध बघेली !!

बहुत दिना भा खाए होइगा बहुरी लाटा तेली !
अजुअव देख कहा हम बिसरन घुघुरी गुड़ के भेली !!

बचपन के दिन कभौ ना लउटी घर अई कइके दंगा !
बहरा अउर नदी मा कूदी होई होई हम सब नंगा !!

रोज़ एकठे जघिआ फाटय छाला पड़य हथेली !
सुनि ले अम्मा कासे बोली आपन शुद्ध बघेली !

सुधि आबाथी अम्मा हमही सार बुसउला सथरी !
जाऊँ सुंदर हम ओढ़ी के सोई धोती बाली कथरी !!

साथ मा रोटी अउर कनेमन जब हाथे मा देते !
लाला हीरा मुन्ना कहिके झट से गोद मा लेते !!

बिछुड़ गए सब साथी आपन अब केके संग खेली !
सुनि ले अम्मा कासे बोली आपन शुद्ध बघेली !

जब खेली हम गोली गिट्टा लेहे डड़उका मरते !
चोट लगय जब हाथ पाव मा ज़ख्म तहिन ता भरते !!

तोता कस रोज़ बिहन्ने रटते पढ़ ले दादू भइया !
उरिन नहीं हम तोसे कबहूं सुनि ले मोरे मइया !!

देख देख जिउ कुहुक उठत है कब बनी मोर हवेली !
सुनि ले अम्मा कासे बोली आपन शुद्ध बघेली !

कहे रहन ना अम्मा तोसे तोरव एकदिन लउटीं !
हाथ के तोरे चूल्हा बरतन खोबा दूसर अउटी !!

गाड़ी घोड़ा बगली बँगला नौकर चाकर होई !
दुसरे घरके बनके बिटिया धोती ओन्ना धोई !!

हाथ पाव मा तेल लगाईं दुलहिन नई नवेली !
सुनि ले अम्मा कासे बोली आपन शुद्ध बघेली !!

मौलिक Kavi Ashish Tiwari Jugnoo
08871887126 / 09200573071…

Language: Hindi
795 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
विषय- सत्य की जीत
विषय- सत्य की जीत
rekha mohan
इश्क जितना गहरा है, उसका रंग उतना ही फीका है
इश्क जितना गहरा है, उसका रंग उतना ही फीका है
पूर्वार्थ
"रंग का मोल"
Dr. Kishan tandon kranti
भांथी के विलुप्ति के कगार पर होने के बहाने / मुसाफ़िर बैठा
भांथी के विलुप्ति के कगार पर होने के बहाने / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
*स्वतंत्रता सेनानी श्री शंभू नाथ साइकिल वाले (मृत्यु 21 अक्ट
*स्वतंत्रता सेनानी श्री शंभू नाथ साइकिल वाले (मृत्यु 21 अक्ट
Ravi Prakash
कभी धूप तो कभी बदली नज़र आयी,
कभी धूप तो कभी बदली नज़र आयी,
Rajesh Kumar Arjun
शिखर के शीर्ष पर
शिखर के शीर्ष पर
प्रकाश जुयाल 'मुकेश'
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
*गलतफहमी*
*गलतफहमी*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
मन के मंदिर में
मन के मंदिर में
Divya Mishra
।। नीव ।।
।। नीव ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
अच्छा अख़लाक़
अच्छा अख़लाक़
Dr fauzia Naseem shad
उल्लास
उल्लास
Pt. Brajesh Kumar Nayak
एक ऐसी दुनिया बनाऊँगा ,
एक ऐसी दुनिया बनाऊँगा ,
Rohit yadav
तुम्हें अकेले चलना होगा
तुम्हें अकेले चलना होगा
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
रामभक्त संकटमोचक जय हनुमान जय हनुमान
रामभक्त संकटमोचक जय हनुमान जय हनुमान
gurudeenverma198
चक्करवर्ती तूफ़ान को लेकर
चक्करवर्ती तूफ़ान को लेकर
*Author प्रणय प्रभात*
पेड़ से इक दरख़ास्त है,
पेड़ से इक दरख़ास्त है,
Aarti sirsat
आदमी के हालात कहां किसी के बस में होते हैं ।
आदमी के हालात कहां किसी के बस में होते हैं ।
sushil sarna
गुरुकुल शिक्षा पद्धति
गुरुकुल शिक्षा पद्धति
विजय कुमार अग्रवाल
ज़िंदगी एक कहानी बनकर रह जाती है
ज़िंदगी एक कहानी बनकर रह जाती है
Bhupendra Rawat
शब्द से शब्द टकराए तो बन जाए कोई बात ,
शब्द से शब्द टकराए तो बन जाए कोई बात ,
ज्योति
मेरा कान्हा जो मुझसे जुदा हो गया
मेरा कान्हा जो मुझसे जुदा हो गया
कृष्णकांत गुर्जर
शिक्षक दिवस
शिक्षक दिवस
Ram Krishan Rastogi
प्रतीक्षा
प्रतीक्षा
Dr.Priya Soni Khare
हे कलम
हे कलम
Kavita Chouhan
रामभक्त शिव (108 दोहा छन्द)
रामभक्त शिव (108 दोहा छन्द)
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
संजय सनातन की कविता संग्रह गुल्लक
संजय सनातन की कविता संग्रह गुल्लक
Paras Nath Jha
सर्दी में जलती हुई आग लगती हो
सर्दी में जलती हुई आग लगती हो
Jitendra Chhonkar
झूठ
झूठ
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Loading...