Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Feb 2017 · 1 min read

सातवां आसमाँ

मैं अक्सर देखता हूँ
उनकी राह
जो बैठे हैं
सातवें आसमाँ पर
इन्सान को भूलकर,
हे प्रभु!अल्लाह!गॉड!…
कब समझेंगे
इन्सान की पीड़ा
और बेबसी,
क्या पैगाम नहीं मिला,
धरती पर आपके प्रतिनिधि का
जो मुस्कुरा रहे हैं
बैठे सातवें आसमां पर.
आइये,
क्यों डर रहें हैं ?
धरा पर आने में
नहीं बेचेगा आपको यह इन्सान
सब कुछ बिक चुका है,
कुछ भी शेष नहीं,
बस!
शेष है तो,
आपका एक अवतार.

Language: Hindi
1 Like · 246 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
View all
You may also like:
*अब हिंद में फहराएगा, हर घर तिरंगा (हिंदी गजल)*
*अब हिंद में फहराएगा, हर घर तिरंगा (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
2734. *पूर्णिका*
2734. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
The Profound Impact of Artificial Intelligence on Human Life
The Profound Impact of Artificial Intelligence on Human Life
Shyam Sundar Subramanian
■ कविता
■ कविता
*Author प्रणय प्रभात*
कान में रखना
कान में रखना
Kanchan verma
भीष्म देव के मनोभाव शरशैय्या पर
भीष्म देव के मनोभाव शरशैय्या पर
Pooja Singh
अयाग हूँ मैं
अयाग हूँ मैं
Mamta Rani
आदान-प्रदान
आदान-प्रदान
Ashwani Kumar Jaiswal
मेरे अधरों पर जो कहानी है,
मेरे अधरों पर जो कहानी है,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
बचपन
बचपन
नन्दलाल सुथार "राही"
असली पंडित नकली पंडित / MUSAFIR BAITHA
असली पंडित नकली पंडित / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
#चाकलेटडे
#चाकलेटडे
सत्य कुमार प्रेमी
रिवायत
रिवायत
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
मैं मधुर भाषा हिन्दी
मैं मधुर भाषा हिन्दी
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
“परिंदे की अभिलाषा”
“परिंदे की अभिलाषा”
DrLakshman Jha Parimal
बाबा नीब करौरी
बाबा नीब करौरी
Pravesh Shinde
आंखों में भरी यादें है
आंखों में भरी यादें है
Rekha khichi
चेहरे की मुस्कान छीनी किसी ने किसी ने से आंसू गिराए हैं
चेहरे की मुस्कान छीनी किसी ने किसी ने से आंसू गिराए हैं
Anand.sharma
मुस्कुराने लगे है
मुस्कुराने लगे है
Paras Mishra
हद हुईं कबतक भला तुम आप ही छलते रहोगे।।
हद हुईं कबतक भला तुम आप ही छलते रहोगे।।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
💐प्रेम कौतुक-273💐
💐प्रेम कौतुक-273💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
🥀*✍अज्ञानी की*🥀
🥀*✍अज्ञानी की*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
कह कर गुजर गई उस रास्ते से,
कह कर गुजर गई उस रास्ते से,
Shakil Alam
Maine apne samaj me aurto ko tutate dekha hai,
Maine apne samaj me aurto ko tutate dekha hai,
Sakshi Tripathi
अंतिम युग कलियुग मानो, इसमें अँधकार चरम पर होगा।
अंतिम युग कलियुग मानो, इसमें अँधकार चरम पर होगा।
आर.एस. 'प्रीतम'
"सुनो तो"
Dr. Kishan tandon kranti
वो पहली पहली मेरी रात थी
वो पहली पहली मेरी रात थी
Ram Krishan Rastogi
समय की चाल समझ मेरे भाय ?
समय की चाल समझ मेरे भाय ?
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
मेरी अम्मा तेरी मॉम
मेरी अम्मा तेरी मॉम
Satish Srijan
पाखी खोले पंख : व्यापक फलक की प्रस्तुति
पाखी खोले पंख : व्यापक फलक की प्रस्तुति
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
Loading...