Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Feb 2017 · 1 min read

समझ बैठा था बुत लेकिन….

झुकी थी जो अभी तक, वह निगाहें खेलती सी है l
समझ बैठा था बुत लेकिन ,जुबा भी बोलती सी है ll

खड़ी ऊंची हवेली जो, बहुत कुछ कह रही जग से l
घरों की बंद जो खिड़की, कहानी खोलती सी है ll

मिटाने में लगे एक पल, उसे हस्ती समंदर की l
तेरी औकात हे शबनम ,सुबह भी तोलती सी है ll

समय का खेल है ऐसा, पड़ा है खेलना सब को l
उठाओ हाथ देखो भी ,लकीरें बोलती सी हैं ll

रखो तुम राज सब अपने, दबा वक्त की किताबों में l
सवालों की फसल फिर ए हवाएं रोपती सी है ll

बचा रखा “सलिल” हमने बिखरने से ज़माने को l
कहीं आए ना फिर तूफा ए बातें चीरती सी है ll

संजय सिंह “सलिल”
प्रतापगढ़ ,उत्तर प्रदेश l

1 Comment · 465 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
⚘️🌾Movement my botany⚘️🌾
⚘️🌾Movement my botany⚘️🌾
Ms.Ankit Halke jha
चुनौतियाँ बहुत आयी है,
चुनौतियाँ बहुत आयी है,
Dr. Man Mohan Krishna
दोलत - शोरत कर रहे, हम सब दिनों - रात।
दोलत - शोरत कर रहे, हम सब दिनों - रात।
Anil chobisa
पुण्यात्मा के हाथ भी, हो जाते हैं पाप।
पुण्यात्मा के हाथ भी, हो जाते हैं पाप।
डॉ.सीमा अग्रवाल
*पत्रिका समीक्षा*
*पत्रिका समीक्षा*
Ravi Prakash
श्रीराम मंगल गीत।
श्रीराम मंगल गीत।
Acharya Rama Nand Mandal
The Magical Darkness
The Magical Darkness
Manisha Manjari
वोट का सौदा
वोट का सौदा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
उनकी तोहमत हैं, मैं उनका ऐतबार नहीं हूं।
उनकी तोहमत हैं, मैं उनका ऐतबार नहीं हूं।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
वट सावित्री
वट सावित्री
लक्ष्मी सिंह
कपालभाती के लाभ
कपालभाती के लाभ
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
कल तक थे वो पत्थर।
कल तक थे वो पत्थर।
Taj Mohammad
क्यों मानव मानव को डसता
क्यों मानव मानव को डसता
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
सियासी खबरों से बचने
सियासी खबरों से बचने
*Author प्रणय प्रभात*
सत्याग्रह और उग्रता
सत्याग्रह और उग्रता
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
टूटता तारा
टूटता तारा
Ashish Kumar
23/152.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/152.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कुंडलिया छंद
कुंडलिया छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
रणक्षेत्र बना अब, युवा उबाल
रणक्षेत्र बना अब, युवा उबाल
प्रेमदास वसु सुरेखा
खाक पाकिस्तान!
खाक पाकिस्तान!
Saransh Singh 'Priyam'
!! युवा मन !!
!! युवा मन !!
Akash Yadav
कौन हो तुम
कौन हो तुम
DR ARUN KUMAR SHASTRI
भीम षोडशी
भीम षोडशी
SHAILESH MOHAN
धरा और इसमें हरियाली
धरा और इसमें हरियाली
Buddha Prakash
💐प्रेम कौतुक-363💐
💐प्रेम कौतुक-363💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
वर्णमाला हिंदी grammer by abhijeet kumar मंडल(saifganj539 (
वर्णमाला हिंदी grammer by abhijeet kumar मंडल(saifganj539 (
Abhijeet kumar mandal (saifganj)
गुरुकुल स्थापित हों अगर,
गुरुकुल स्थापित हों अगर,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
नज़्म/गीत - वो मधुशाला, अब कहाँ
नज़्म/गीत - वो मधुशाला, अब कहाँ
अनिल कुमार
हिन्दी माई
हिन्दी माई
Sadanand Kumar
चांद पर उतरा
चांद पर उतरा
Dr fauzia Naseem shad
Loading...