सदा सुकृति ही जीवित रहती रहे सदा न नश्वर गात
सदा सुकृति ही जीवित रहती
रहे सदा न नश्वर गात ।
अभी दिखा है रंग सुनहरा
अभी हुई है नूतन प्रात ।
जाने कब हो घटा का घेरा
घेरा आ जाए फिर काली रात ।
यह जीवन पल दो पल का है
सदा याद रखना यह बात ।
सदा सुकृति ही जीवित रहती
रहे सदा न नश्वर गात ।
अभी दिखा है रंग सुनहरा
अभी हुई है नूतन प्रात ।
जाने कब हो घटा का घेरा
घेरा आ जाए फिर काली रात ।
यह जीवन पल दो पल का है
सदा याद रखना यह बात ।