Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Jan 2017 · 1 min read

शोर यूं ही…ग़ज़ल

ग़ज़ल
—–
शोर यूंही परिन्दो ने मचाया होगा।
मैं जिसे ढ़ूढ़ रही मेंरा ही साया होगा।

ग़ौर से सुनती मै अफसाना सनम।
ग़र होता इल्म आप ने फरमाया होगा।

पकड़े बैठें हो उस तसव्वुर को।
किसी ने यूंही ध्यान भरमाया होगा।

ठेस न पहुॅचे कही तेरे दिल को।
यूंही किस्सा वो तुमको न सुनाया होगा।

काश! होते मेंरी जान तुम जाने जाना।
दिल को यें सोच के बहलाया होगा।

हद ही करते हो तुम आए दफ़ा।
मैंने मुद्दत में तुम्हे शिद्दत से बुलाया होगा

ठुकरा के चल दियें पैग़ाम मेरा वो-ए- सुधा।
मैंने इज़हार-ए-मोहब्बत ही जताया होगा।

सुधा भारद्वाज
विकासनगर उत्तराखण्ड

308 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ज़िंदगी...
ज़िंदगी...
Srishty Bansal
आजा कान्हा मैं कब से पुकारूँ तुझे।
आजा कान्हा मैं कब से पुकारूँ तुझे।
Neelam Sharma
किताब का दर्द
किताब का दर्द
Dr. Man Mohan Krishna
* प्रेम पथ पर *
* प्रेम पथ पर *
surenderpal vaidya
" लो आ गया फिर से बसंत "
Chunnu Lal Gupta
ऐसे ना मुझे  छोड़ना
ऐसे ना मुझे छोड़ना
Umender kumar
अजीब मानसिक दौर है
अजीब मानसिक दौर है
पूर्वार्थ
सद् गणतंत्र सु दिवस मनाएं
सद् गणतंत्र सु दिवस मनाएं
Pt. Brajesh Kumar Nayak
बुक समीक्षा
बुक समीक्षा
बिमल तिवारी “आत्मबोध”
*ढूंढ लूँगा सखी*
*ढूंढ लूँगा सखी*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
राजनीति अब धुत्त पड़ी है (नवगीत)
राजनीति अब धुत्त पड़ी है (नवगीत)
Rakmish Sultanpuri
बाल कविता: तितली रानी चली विद्यालय
बाल कविता: तितली रानी चली विद्यालय
Rajesh Kumar Arjun
“बेवफा तेरी दिल्लगी की दवा नही मिलती”
“बेवफा तेरी दिल्लगी की दवा नही मिलती”
Basant Bhagawan Roy
एक बालक की अभिलाषा
एक बालक की अभिलाषा
Shyam Sundar Subramanian
ईश्वरीय समन्वय का अलौकिक नमूना है जीव शरीर, जो क्षिति, जल, प
ईश्वरीय समन्वय का अलौकिक नमूना है जीव शरीर, जो क्षिति, जल, प
Sanjay ' शून्य'
नवदुर्गा का महागौरी स्वरूप
नवदुर्गा का महागौरी स्वरूप
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मुझको चाहिए एक वही
मुझको चाहिए एक वही
Keshav kishor Kumar
जिंदगी तुझको सलाम
जिंदगी तुझको सलाम
gurudeenverma198
काश कभी ऐसा हो पाता
काश कभी ऐसा हो पाता
Rajeev Dutta
तुम और मैं
तुम और मैं
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
कुछ लोग किरदार ऐसा लाजवाब रखते हैं।
कुछ लोग किरदार ऐसा लाजवाब रखते हैं।
Surinder blackpen
अब तो इस वुज़ूद से नफ़रत होने लगी मुझे।
अब तो इस वुज़ूद से नफ़रत होने लगी मुझे।
Phool gufran
मुनाफे में भी घाटा क्यों करें हम।
मुनाफे में भी घाटा क्यों करें हम।
सत्य कुमार प्रेमी
सब्र का फल
सब्र का फल
Bodhisatva kastooriya
जीवन जितना होता है
जीवन जितना होता है
Dr fauzia Naseem shad
दिन सुहाने थे बचपन के पीछे छोड़ आए
दिन सुहाने थे बचपन के पीछे छोड़ आए
Er. Sanjay Shrivastava
मनुख
मनुख
श्रीहर्ष आचार्य
*मन की पीड़ा मत कहो, जाकर हर घर-द्वार (कुंडलिया)*
*मन की पीड़ा मत कहो, जाकर हर घर-द्वार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
2697.*पूर्णिका*
2697.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
युद्ध नहीं जिनके जीवन में,
युद्ध नहीं जिनके जीवन में,
Sandeep Mishra
Loading...