Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Jul 2016 · 2 min read

*******वीर जवानों की गाथायें *******

*******वीर जवानों की गाथायें *******

वीर जवानों की गाथायें,तुमको आज सुनाता हूँ ;

तूफानों में डटे रहे जो ,उनको शीश झुकता हूँ ;

कर्मपथ के वे अनुरागी ,मैं तो उनका दास हूँ ;

उनकी ही आजादी में ,लेता खुलकर साँस हूँ ;

भारत माँ के प्रणय हेतु ,करता ये अहसास हूँ ;

गाकर गाथा उन वीरों की ,मन से मैं मुस्काता हूँ ;

वीर जवानों की गाथायें————————–

चढ़ चेतक पर राणा प्रताप ,हर-हर बम-बम बोले थे ;

काँप उठा था शत्रु सारा ,वीर शिवा जब डोले थे ;

मंगल पांडे की चिंगारी ,रंग आजादी लाई थी ;

लक्ष्मीबाई भी बन काली ,अंग्रेजों पर छाई थी ;

राजगुरु सुखदेव भगत ने, फांसी गले लगाई थी ;

शेखर की पिस्तौल के आगे, नतमस्तक हो जाता हूँ;

वीर जवानों की गाथायें————————–

गोविंदसिंह का बाज उडा था ,फुर-फुर-फुर-फुर नभ में ;

ऊधमसिंह भी कूद पड़ा था , आजादी की जंग में ;

तात्यां ने भी मरघट भेजा ,अंग्रेजों को रण में ;

पंजाब केसरी की केसर की,मधुर सुगन्धी फैली थी ;

लोह पुरुष की आँखें भी ,अंगारो सी दहकी थी ;

दुश्मन का सीना चीर धरे जो,उनकी गाथा कहता हूँ ;

वीर जवानों की गाथायें————————–

नेताजी के सम्भाषण की,एक अनोखी मौज थी ;

वीर बांकुरों से अलंकृत, आजाद हिन्द फ़ौज थी ;

आजादी के मतवालों की ,बढ़ती हिम्मत रोज थी ;

रणभूमि में गर्जन करता, ऐसा सिंह एक था ;

भारत माँ की आजादी का उसका सपना नेक था ;

खून के बदले आजादी की ,पहेली एक बुझाता हूँ ;

वीर जवानों की गाथायें————————-

आजादी के महासमर में ,लाखों लोग शहीद हुए ;

भारत माँ को चाहने वाले ,उनके ही मुरीद हुए ;

मात -पिता की आँखें नम , और सीना गर्व से पूर था ;

ब्याहता पत्नी की आशा का , टूटा सपना चूर था ;

भ्राता-भगिनि के चेहरों पर , विश्वासों का नूर था ;

शहीदों के बलिदान को अर्पित, पावन दीप जलाता हूँ ;

वीर जवानों की गाथायें————————-

वीर शहीदों की चिता पर ,अश्रु सभी बहांते हैं ;

उनकी स्मृति की पावन ,झलकी गले लगते हैं ;

प्यार स्नेह से अभिनन्दन और वंदन उनका करते हैं ;

बदल गई हैं परिभाषाएँ, उनका वर्णन करते हैं ;

स्वार्थपरता लौलुपता का, सिंहासन है पर जोर है ;

उनके ही मर्दन की खातिर ,तत्वज्ञान बतलाता हूँ ;

वीर जवानों की गाथायें————————-

भ्रष्टाचारी और आतंकी ,आज हमें ललकारे हैं ;

सीमा पर भी दुश्मनी की तेज खिंची तलवारे हैं ;

तुष्टिकरण में नेता जन भी ,शब्द नहीं उचारे हैं ;

आज नहीं हम चुप बैठेंगे ,करनी लड़ाई पार है ;

भारत माँ का बच्चा-बच्चा ,लड़ने को तैयार है ;

देश-द्रोहियों को मैं यही,बार-बार बतलाता हूँ ;

वीर जवानों की गाथायें————————-

आजादी के मतवालों का ,झूम-झूम सम्मान करो ;

हैं स्वर्ग के वे अधिष्ठाता ,उनका नित जयगान करो ;

इसीलिए मैं सबसे कहता ,राष्ट्र-गीत का मान करो ;

भारत माँ की रक्षा हेतु ,विष का भी तुम पान करो ;

वन्देमातरम् वन्देमातरम् ,वन्देमातरम् गान करो ;

वीर भरत के भारत में मैं ,सिंह के दांत गिनाता हूँ ;

वीर जवानों की गाथायें————————-

*******सुरेशपाल वर्मा जसाला

Language: Hindi
1 Comment · 2002 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*अहंकार*
*अहंकार*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
वोट की खातिर पखारें कदम
वोट की खातिर पखारें कदम
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
दिल तुम्हारा जो कहे, वैसा करो
दिल तुम्हारा जो कहे, वैसा करो
अरशद रसूल बदायूंनी
प्रेम प्रतीक्षा करता है..
प्रेम प्रतीक्षा करता है..
Rashmi Sanjay
मेरी आँखों में देखो
मेरी आँखों में देखो
हिमांशु Kulshrestha
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
हीरा उन्हीं को  समझा  गया
हीरा उन्हीं को समझा गया
दुष्यन्त 'बाबा'
मैं भौंर की हूं लालिमा।
मैं भौंर की हूं लालिमा।
Surinder blackpen
सुरमाई अंखियाँ नशा बढ़ाए
सुरमाई अंखियाँ नशा बढ़ाए
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
महाकाल का आंगन
महाकाल का आंगन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
जो मुस्किल में छोड़ जाए वो यार कैसा
जो मुस्किल में छोड़ जाए वो यार कैसा
Kumar lalit
नहीं है पूर्ण आजादी
नहीं है पूर्ण आजादी
लक्ष्मी सिंह
💐प्रेम कौतुक-507💐
💐प्रेम कौतुक-507💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
रंगों के पावन पर्व होली की आप सभी को हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभ
रंगों के पावन पर्व होली की आप सभी को हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभ
आर.एस. 'प्रीतम'
मुहब्बत के शहर में कोई शराब लाया, कोई शबाब लाया,
मुहब्बत के शहर में कोई शराब लाया, कोई शबाब लाया,
डी. के. निवातिया
अगहन कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को उत्पन्ना एकादशी के
अगहन कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को उत्पन्ना एकादशी के
Shashi kala vyas
दूर की कौड़ी ~
दूर की कौड़ी ~
दिनेश एल० "जैहिंद"
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelam Sharma
कभी किसी की मदद कर के देखना
कभी किसी की मदद कर के देखना
shabina. Naaz
दिन ढले तो ढले
दिन ढले तो ढले
Dr.Pratibha Prakash
#क़तआ (मुक्तक)
#क़तआ (मुक्तक)
*Author प्रणय प्रभात*
उसको भी प्यार की ज़रूरत है
उसको भी प्यार की ज़रूरत है
Aadarsh Dubey
जनपक्षधरता के कालजयी कवि रमेश रंजक :/-- ईश्वर दयाल गोस्वामी
जनपक्षधरता के कालजयी कवि रमेश रंजक :/-- ईश्वर दयाल गोस्वामी
ईश्वर दयाल गोस्वामी
"आया मित्र करौंदा.."
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
Little Things
Little Things
Dhriti Mishra
"लहर"
Dr. Kishan tandon kranti
जिसनें जैसा चाहा वैसा अफसाना बना दिया
जिसनें जैसा चाहा वैसा अफसाना बना दिया
Sonu sugandh
3217.*पूर्णिका*
3217.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बाल कविता: मोटर कार
बाल कविता: मोटर कार
Rajesh Kumar Arjun
क्यों ना बेफिक्र होकर सोया जाएं.!!
क्यों ना बेफिक्र होकर सोया जाएं.!!
शेखर सिंह
Loading...