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4 Aug 2017 · 1 min read

रोज एक सच लिखना

हर रोज एक सच लिखना,
अब तनहा शायर का ख्वाब है,
तुम्हारा आफताब दूर है तो क्या,
मेरे तो पहलु में भी आग है,

गर लेख बुराई रोक न सके,
तो क्यों लिखा फूलों को आग है,
ये समय बिताने का साधन नहीं,
लिख दो दिल का जो राज है,

अब न हो कोई अपनों से बेपरवाह,
ध्यान दो कहाँ वो आज है,
गर ज़िंदगी खो रही है पाने खोने में,
पहचानों किसकी आवाज़ है,
तनहा शायर हूँ

Language: Hindi
619 Views
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