Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Apr 2017 · 1 min read

ये कौन है

ये कौन है, जो मेरे साथ साथ चलता है |
ये कौन है, जो मेरे धड़कनॊ में बजता है |
मुस्कुराता है मेरी बेचैनियो पर
दिन रात मुझसे लडता है
कभी बात करने को मचलता है |
टीसता/ चुभता है जख्म का दर्द बनकर
कभी दर्द पर मरहम रखता है |
झटक के हाथ सरक जाता है कभी
कभी उम्र भर साथ निभाने की कसम भरता है |
भीड़ में हो जाता है गुमसुम
खामोशियो में बजता है
ये कौन है जो मेरे चेहरे पर नूर सा चमकता है |

Language: Hindi
1 Like · 324 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
#दोहा
#दोहा
*Author प्रणय प्रभात*
अवसरवादी, झूठे, मक्कार, मतलबी, बेईमान और चुगलखोर मित्र से अच
अवसरवादी, झूठे, मक्कार, मतलबी, बेईमान और चुगलखोर मित्र से अच
विमला महरिया मौज
सात जन्मों की शपथ
सात जन्मों की शपथ
Bodhisatva kastooriya
मेरे अल्फ़ाज़
मेरे अल्फ़ाज़
Dr fauzia Naseem shad
हे दिल तू मत कर प्यार किसी से
हे दिल तू मत कर प्यार किसी से
gurudeenverma198
घर आना नॅंदलाल हमारे, ले फागुन पिचकारी (गीत)
घर आना नॅंदलाल हमारे, ले फागुन पिचकारी (गीत)
Ravi Prakash
गुरु दीक्षा
गुरु दीक्षा
GOVIND UIKEY
किसी की याद आना
किसी की याद आना
श्याम सिंह बिष्ट
" मेरा रत्न "
Dr Meenu Poonia
ना हो अपनी धरती बेवा।
ना हो अपनी धरती बेवा।
Ashok Sharma
मेरी बातें दिल से न लगाया कर
मेरी बातें दिल से न लगाया कर
Manoj Mahato
बनारस
बनारस
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
बरसें प्रभुता-मेह...
बरसें प्रभुता-मेह...
डॉ.सीमा अग्रवाल
भावात्मक
भावात्मक
Surya Barman
बदलने को तो इन आंखों ने मंजर ही बदल डाले
बदलने को तो इन आंखों ने मंजर ही बदल डाले
हरवंश हृदय
वो खुलेआम फूल लिए फिरते हैं
वो खुलेआम फूल लिए फिरते हैं
कवि दीपक बवेजा
"व्यवहार"
Dr. Kishan tandon kranti
* मुक्तक *
* मुक्तक *
surenderpal vaidya
*अजब है उसकी माया*
*अजब है उसकी माया*
Poonam Matia
"एक ख्वाब टुटा था"
Lohit Tamta
नए दौर का भारत
नए दौर का भारत
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
पत्थर (कविता)
पत्थर (कविता)
Pankaj Bindas
ख़ामोशी जो पढ़ सके,
ख़ामोशी जो पढ़ सके,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
23/137.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/137.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"चांद पे तिरंगा"
राकेश चौरसिया
Jeevan ka saar
Jeevan ka saar
Tushar Jagawat
अर्जक
अर्जक
Mahender Singh
दोहा पंचक. . . क्रोध
दोहा पंचक. . . क्रोध
sushil sarna
जरा सी गलतफहमी पर
जरा सी गलतफहमी पर
Vishal babu (vishu)
रिश्तों को कभी दौलत की
रिश्तों को कभी दौलत की
rajeev ranjan
Loading...