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19 Jan 2017 · 1 min read

“मेरी बिटिया, मेरी बगिया का फूल”

मेरे जीवन की सूनी बगिया में,
इक फूल खिला था प्यारा सा।
नाज़ुक सा, गुदगुदाता सा,
अपनी खुशबू से महकाता था।
मुझे ममता का अहसास करवाने वाली,
अपनी किलकारियों से सराबोर करने वाली।
मेरी प्यारी गुड़िया, प्यार से भी प्यारी,
मेरे कलेजे का टुकड़ा, मेरी राजकुमारी।
मेरे प्यार की पहली निशानी,
मेरे जीवन की कहानी।      
आज भी गुदगुदाता है वो पल मुझे,
‘मां’ पुकारा था तुमने पहली बार जिस पल मुझे।
मेरी नाज़ों की पाली, मेरी लाडो, मेरी रानी,
मेरे दिल की धड़कन, मेरी आंख का पानी।
आज फिर वो दिन आया है,
इस दिन ने फिर वो अहसास जगाया है।
मेरी ममता न्यौछावर तुझ पर,
तेरी सारी बलाएं ले लूं खुद पर।
कोई गम, कोई दु:ख न सताए तुझे कभी,
तेरा हर दर्द, हर आंसू समेट लूं अपने दामन में सभी।
खुश रहो मेरी जान, खूब फलो-फूलो तुम,
हर पल हर सू अपनी महक बिखेरो तुम।
बेइंतहा खुशियां मुंतज़िर हैं तेरी,
बहार ही बहार बाट तकती हैं तेरी।
अकेली न समझना कभी खुद को,
बाहर नहीं अपने अंदर देखो मुझ को।
महसूस करो दूर नहीं मैं पास हूं तेरे हरदम,
मैं रहूं न रहूं मेरी दुआएं रहेंगी साथ तेरे हरदम।
_____________

Language: Hindi
3 Likes · 761 Views
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