Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Jul 2016 · 1 min read

बघेली कविता

किहन रात दिन मेहनत भइलो बहुत गरीबी झेलन !
अपने खुद जीवन के साथे आँख मिचउली खेलन !!

पढ़न नहीं हम कबहू मन से आपन हाल बताई !
कक्का किक्की साथे मा ही कविता अहिमक गाई !!

दिआ जलाये लेहे पोथन्ना देहरउटा मा बइठी !
राजू लाला अउर विपिन के कान पकड़ी के अइठी !!

ग़लत होय जब जोड़ घटाना दइके एड़ुआ पेलन !
किहन रात दिन मेहनत भइलो बहुत गरीबी झेलन !

गुट्का पाउच खूब खबाइन दोस्त परोसी हितुआ !
उहौ फलाने खर्च करय खुब जे थूक मा सानय सेतुआ !!

भिरुहाये बागय उ हमका दुपहर साँझ सकारे !
खेते मेड़े काम कराबय गरिआबय दउमारे !!

सुनत रहन हम बहुत दिना से एकदिन मुड़भर बेलन !
किहन रात दिन मेहनत भइलो बहुत गरीबी झेलन !!

घरके पहिलउठी बेटबा हम रोउना खूब रोबाई !
महतारी के बात ना मानी दिनभर करी लड़ाई !!

सोबत परे हाथ गोड़ बाधिस मरतय मारिस डंडा !
सगलौ भूत बगारे भगिगे बनिगय अम्मा पंडा !!

दुसरे दिन हम गाड़ी बईठन भेजय लागन बेतन !
किहन रात दिन मेहनत भइलो बहुत गरीबी झेलन !!

मौलिक Kavi Ashish Tiwari Jugnoo
09200573071 / 08871887126

Language: Hindi
7501 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
#दोहा
#दोहा
*Author प्रणय प्रभात*
अवसरवादी, झूठे, मक्कार, मतलबी, बेईमान और चुगलखोर मित्र से अच
अवसरवादी, झूठे, मक्कार, मतलबी, बेईमान और चुगलखोर मित्र से अच
विमला महरिया मौज
सात जन्मों की शपथ
सात जन्मों की शपथ
Bodhisatva kastooriya
मेरे अल्फ़ाज़
मेरे अल्फ़ाज़
Dr fauzia Naseem shad
हे दिल तू मत कर प्यार किसी से
हे दिल तू मत कर प्यार किसी से
gurudeenverma198
घर आना नॅंदलाल हमारे, ले फागुन पिचकारी (गीत)
घर आना नॅंदलाल हमारे, ले फागुन पिचकारी (गीत)
Ravi Prakash
गुरु दीक्षा
गुरु दीक्षा
GOVIND UIKEY
किसी की याद आना
किसी की याद आना
श्याम सिंह बिष्ट
" मेरा रत्न "
Dr Meenu Poonia
ना हो अपनी धरती बेवा।
ना हो अपनी धरती बेवा।
Ashok Sharma
मेरी बातें दिल से न लगाया कर
मेरी बातें दिल से न लगाया कर
Manoj Mahato
बनारस
बनारस
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
बरसें प्रभुता-मेह...
बरसें प्रभुता-मेह...
डॉ.सीमा अग्रवाल
भावात्मक
भावात्मक
Surya Barman
बदलने को तो इन आंखों ने मंजर ही बदल डाले
बदलने को तो इन आंखों ने मंजर ही बदल डाले
हरवंश हृदय
वो खुलेआम फूल लिए फिरते हैं
वो खुलेआम फूल लिए फिरते हैं
कवि दीपक बवेजा
"व्यवहार"
Dr. Kishan tandon kranti
* मुक्तक *
* मुक्तक *
surenderpal vaidya
*अजब है उसकी माया*
*अजब है उसकी माया*
Poonam Matia
"एक ख्वाब टुटा था"
Lohit Tamta
नए दौर का भारत
नए दौर का भारत
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
पत्थर (कविता)
पत्थर (कविता)
Pankaj Bindas
ख़ामोशी जो पढ़ सके,
ख़ामोशी जो पढ़ सके,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
23/137.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/137.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"चांद पे तिरंगा"
राकेश चौरसिया
Jeevan ka saar
Jeevan ka saar
Tushar Jagawat
अर्जक
अर्जक
Mahender Singh
दोहा पंचक. . . क्रोध
दोहा पंचक. . . क्रोध
sushil sarna
जरा सी गलतफहमी पर
जरा सी गलतफहमी पर
Vishal babu (vishu)
रिश्तों को कभी दौलत की
रिश्तों को कभी दौलत की
rajeev ranjan
Loading...