Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Aug 2017 · 1 min read

नारी बिन दुनिया अधूरी,जग को अहसास कराना होगा …

नारी बिन दुनिया अधुरी ,
जग को अहसास कराना होगा ।
उसे रूढ़िवादी परम्पराओं से ,
खुद को आजाद कराना होगा ।।

नारी को शंका त्यागनी होगी ,
तभी तो शक्ति जागृत होगी ।
दुर्जन से पहले अपने मन से ,
नारी को लड़ाई लड़नी होगी ।।

महत्व खुद का समझाना होगा ,
स्वाभिमान उसको जगाना होगा ।
नारी की असीम शक्ति से ,
जग को रूबरू कराना होगा ।।

अपने हिस्से का हक मांगना होगा ,
नारी को भी अब जागना होगा ।
कब तक रहेगी पुरुष के बलबूते ,
अपना विकराल रूप दिखाना होगा ।।

अपन खोया अस्तित्व पाना होगा ,
खुद को साबित करके दिखाना होगा ।
नए सिरे से नई दुनिया का ,
नारी को आगाज कराना होगा ।।

Language: Hindi
5 Likes · 4 Comments · 1324 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अकेला खुदको पाता हूँ.
अकेला खुदको पाता हूँ.
Naushaba Suriya
मेरी हस्ती
मेरी हस्ती
Shyam Sundar Subramanian
#मुक्तक
#मुक्तक
*Author प्रणय प्रभात*
दुनिया में कहीं नहीं है मेरे जैसा वतन
दुनिया में कहीं नहीं है मेरे जैसा वतन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
आशा की एक किरण
आशा की एक किरण
Mamta Rani
मित्र कौन है??
मित्र कौन है??
Ankita Patel
ना कोई संत, न भक्त, ना कोई ज्ञानी हूँ,
ना कोई संत, न भक्त, ना कोई ज्ञानी हूँ,
डी. के. निवातिया
कहार
कहार
Mahendra singh kiroula
*तुलसी के राम : ईश्वर के सगुण-साकार अवतार*
*तुलसी के राम : ईश्वर के सगुण-साकार अवतार*
Ravi Prakash
कितना रोका था ख़ुद को
कितना रोका था ख़ुद को
हिमांशु Kulshrestha
💐प्रेम कौतुक-509💐
💐प्रेम कौतुक-509💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
#drarunkumarshastri
#drarunkumarshastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
करते रहिए भूमिकाओं का निर्वाह
करते रहिए भूमिकाओं का निर्वाह
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
Jo milta hai
Jo milta hai
Sakshi Tripathi
ये बात पूछनी है - हरवंश हृदय....🖋️
ये बात पूछनी है - हरवंश हृदय....🖋️
हरवंश हृदय
शबे- फित्ना
शबे- फित्ना
मनोज कुमार
23/155.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/155.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बाल कविता: मोटर कार
बाल कविता: मोटर कार
Rajesh Kumar Arjun
हिन्दी दोहा
हिन्दी दोहा "प्रहार"
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
बांध लो बेशक बेड़ियाँ कई,
बांध लो बेशक बेड़ियाँ कई,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ज्योतिर्मय
ज्योतिर्मय
Pratibha Pandey
देश से दौलत व शुहरत देश से हर शान है।
देश से दौलत व शुहरत देश से हर शान है।
सत्य कुमार प्रेमी
व्यंग्य कविता-
व्यंग्य कविता- "गणतंत्र समारोह।" आनंद शर्मा
Anand Sharma
सावन
सावन
Ambika Garg *लाड़ो*
कुंडलिया
कुंडलिया
sushil sarna
वक्त बदलते ही चूर- चूर हो जाता है,
वक्त बदलते ही चूर- चूर हो जाता है,
सिद्धार्थ गोरखपुरी
"मन्नत"
Dr. Kishan tandon kranti
व्यथा
व्यथा
Kavita Chouhan
अगर कभी अपनी गरीबी का एहसास हो,अपनी डिग्रियाँ देख लेना।
अगर कभी अपनी गरीबी का एहसास हो,अपनी डिग्रियाँ देख लेना।
Shweta Soni
प्रेम का सौदा कभी सहानुभूति से मत करिए ....
प्रेम का सौदा कभी सहानुभूति से मत करिए ....
पूर्वार्थ
Loading...