Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Jun 2017 · 2 min read

दुर्गावती की अमर कहानी

गढ़ मंडला राज्य की रानी,
नाम दुर्गावती वीर मर्दानी।
निर्भीक बहादुर वीरांगना थी,
जबलपुर था उसकी राजधानी।।
बॉदा नरेश कीर्तिसिंह चंदेल की,
इकलौती बेटी दुर्गा रानी।
जन्माष्टमी को जन्मी वह,
गौरव पूर्ण है अमर कहानी।।
कालिंजर किले में सीखा,
तलवार, तीर की अचूक निशानी।
तेज, शौर्य और सुन्दरता के,
चर्चें फैले ज्यो हुई उमर स्यानी।।
गोड़वाना के राजा संग्राम शाह ने,
पुत्र दलपत संग ब्याह रचाया ।
पुत्रवधू बनाया दुर्गावती को,
जात पात का भेद मिटाया।।
छाई खुशियॉ राजवंश में,
वीरनारायण पुत्रधन पाया।
काल गति ने चाल बदल दी,
रानी को सुख नही मिल पाया।।
चारवर्ष ही अभी हुये थे,
राजा दलपत स्वर्ग सिधारे।
संरक्षक बन राज्य सम्हाला,
राजा बना पुत्र को सहारे।।
प्रजाहित को दी प्रधानता,
धर्मशाला,मठादि बनबाये।
इसी कडी में जुड़ा जबलपुर,
रानी, चेरी,आधारताल बनबायें।।
देख प्रसिद्धि और लोकप्रियता,
मुगल बाजबहादुर चढ़ आया।
रानी लड़ी बनकर रड़ चड़ी,
मालवा मार मार भगाया।।
शौर्य पूर्ण सुन्दरता सुन सुन,
शासक अकबर भी ललचाया।
सरमन हाथी ,बजीर आधारसिंह,
भेंट रूप से मगवाया।।
रानी थी स्वाभिमान की पक्की,
प्रस्ताव तुरत ठुकराया।
जिस हौदे पर चढ़े राजवंश,
उसे पठान मॉगने आया।।
अकबर ने आसफ खॉ को भेजा,
हुआ युदध बहुत घमसान।
हुआ पराजित हार मानकर,
युद्ध भूमि से भगा पठान।।
रानी को भी क्षति बहुत थी,
सेना साधन की कमी थी।
पर अगले दिन फिर आ पहुंचा,
लेकर दुगनी सेना साथ।
दुर्बल प क्ष था दुर्गावती का,
फिर भी चली सेना ले साथ।।
पुत्रनारायण को भेज सुरक्षित,
स्वयं बनाया पुरूष का वेश।
मंडला रोड की बरेला भूमि,
युद्ध बिगुल का हुआ जयघोष| खूब लड़ी पराक्रम दिखलाकर,
नारी शक्ति का राखा मान।
खेंच कटार सीने मे मारी,
मात् रभूमि को दिया बलिदान।।
राजेश कौरव “सुमित्र”

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 599 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Rajesh Kumar Kaurav
View all
You may also like:
हो जाऊं तेरी!
हो जाऊं तेरी!
Farzana Ismail
अंबेडकर और भगतसिंह
अंबेडकर और भगतसिंह
Shekhar Chandra Mitra
जय संविधान...✊🇮🇳
जय संविधान...✊🇮🇳
Srishty Bansal
कभी- कभी
कभी- कभी
Harish Chandra Pande
आंख से गिरे हुए आंसू,
आंख से गिरे हुए आंसू,
नेताम आर सी
3283.*पूर्णिका*
3283.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
संस्कारों को भूल रहे हैं
संस्कारों को भूल रहे हैं
VINOD CHAUHAN
प्रेरणा
प्रेरणा
पूर्वार्थ
#शेर
#शेर
*Author प्रणय प्रभात*
रिश्ते प्यार के
रिश्ते प्यार के
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
तपोवन है जीवन
तपोवन है जीवन
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
खुशियों की डिलीवरी
खुशियों की डिलीवरी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
कामुकता एक ऐसा आभास है जो सब प्रकार की शारीरिक वीभत्सना को ख
कामुकता एक ऐसा आभास है जो सब प्रकार की शारीरिक वीभत्सना को ख
Rj Anand Prajapati
सुना था,
सुना था,
हिमांशु Kulshrestha
याद
याद
Kanchan Khanna
किसी से अपनी बांग लगवानी हो,
किसी से अपनी बांग लगवानी हो,
Umender kumar
*रामचरितमानस का पाठ : कुछ दोहे*
*रामचरितमानस का पाठ : कुछ दोहे*
Ravi Prakash
💐Prodigy Love-15💐
💐Prodigy Love-15💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
कविता -
कविता - "सर्दी की रातें"
Anand Sharma
मकरंद
मकरंद
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
"वक्त के पाँव में"
Dr. Kishan tandon kranti
जय रावण जी / मुसाफ़िर बैठा
जय रावण जी / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
सफर
सफर
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
वीरवर (कारगिल विजय उत्सव पर)
वीरवर (कारगिल विजय उत्सव पर)
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
- मेरी मोहब्बत तुम्हारा इंतिहान हो गई -
- मेरी मोहब्बत तुम्हारा इंतिहान हो गई -
bharat gehlot
पंक्षी पिंजरों में पहुँच, दिखते अधिक प्रसन्न ।
पंक्षी पिंजरों में पहुँच, दिखते अधिक प्रसन्न ।
Arvind trivedi
यदि मन में हो संकल्प अडिग
यदि मन में हो संकल्प अडिग
महेश चन्द्र त्रिपाठी
देश और जनता~
देश और जनता~
दिनेश एल० "जैहिंद"
बचपन
बचपन
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
गुरु
गुरु
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
Loading...