Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 May 2017 · 1 min read

तू भी…. मै भी….

मजदूर दिवस पर कुछ कलम घिसाई मैंने भी कर दी आज।
+++++++++++++++++++++++
?मै भी …. तू भी..?.( कलम घिसाई)
*********************

मै मजदूर तू मजदूर।
फिर किस बात का फितूर।

क्या हुआ गर अलग है काम।
मिलते दोनों को न्यारे ही दाम।
यह तो है जमाने का दस्तूर।
फिर किस बात का फितूर।

हाँ तेरा काम माना अभिन्न है।
पौशाक भी मुझसे भिन्न है।
पर पौशाको का क्या गुरुर।
मै मजदूर तू मजदूर।

हाँ इतना सच है जान ले।
राष्ट काम कर रहे मान ले।
राष्ट्र भी यह जानता ज़रूर।
तू भी मजदूर मै भी मजदूर।

हम कुछ अहसान नही करते।
कुछ काम तो सब ही है करते।
फिर काहे होता रे मगरूर।
तू मजदूर मै मजदूर।

दाम कम मिले ज्यादा मिले।
दाम को लेकर क्या गिले।
सो भूल सब जी भरपूर।
काहे का यार फितूर।

जो मजदूरी का रंज मनायेगा।
जमाने के बहुत तंज खायेगा।
सो मत बन आदत से मजबूर।

तू भी…. मै भी….

काम कर खूब बड़ा बन।
काम से आम की तरह तन।
ताकि कोई न कहे खजूर।
मै भी….. तू भी……..
दो जून की रोटी भर पेट।
मिल जाए तो मान ले सेठ।
फिर मिले न मिले मोतीचूर।

मै भी…. तू भी….

रब सबकी सुनता है।
क्यों सर को धुनता है।
मौज कर श्रम सूर।
मै भी …. तू भी…

कभी अहम को रख ताक में।
क्या रखा है फ़िज़ूल धाक में।
फिर देख न तू दूर न में दूर।
तू भी ….मै भी….

******©*मधु गौतम***®

Language: Hindi
294 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
लाभ की इच्छा से ही लोभ का जन्म होता है।
लाभ की इच्छा से ही लोभ का जन्म होता है।
Rj Anand Prajapati
■ आज का शेर-
■ आज का शेर-
*Author प्रणय प्रभात*
चेहरे के भाव
चेहरे के भाव
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
बाल कविता: लाल भारती माँ के हैं हम
बाल कविता: लाल भारती माँ के हैं हम
नाथ सोनांचली
मुस्कुराहट
मुस्कुराहट
Naushaba Suriya
तुम मन मंदिर में आ जाना
तुम मन मंदिर में आ जाना
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
वक्त के इस भवंडर में
वक्त के इस भवंडर में
Harminder Kaur
शाम के ढलते
शाम के ढलते
manjula chauhan
जब किसी बज़्म तेरी बात आई ।
जब किसी बज़्म तेरी बात आई ।
Neelam Sharma
अगर कोई अच्छा खासा अवगुण है तो लोगों की उम्मीद होगी आप उस अव
अगर कोई अच्छा खासा अवगुण है तो लोगों की उम्मीद होगी आप उस अव
Dr. Rajeev Jain
उधार और मानवीयता पर स्वानुभव से कुछ बात, जज्बात / DR. MUSAFIR BAITHA
उधार और मानवीयता पर स्वानुभव से कुछ बात, जज्बात / DR. MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
किसी से मत कहना
किसी से मत कहना
Dr.Pratibha Prakash
जब साथ तुम्हारे रहता हूँ
जब साथ तुम्हारे रहता हूँ
Ashok deep
लिव-इन रिलेशनशिप
लिव-इन रिलेशनशिप
लक्ष्मी सिंह
चांदनी रातों में
चांदनी रातों में
Surinder blackpen
जीवन दया का
जीवन दया का
Dr fauzia Naseem shad
पति मेरा मेरी जिंदगी का हमसफ़र है
पति मेरा मेरी जिंदगी का हमसफ़र है
VINOD CHAUHAN
हिन्दी दिवस
हिन्दी दिवस
SHAMA PARVEEN
किरायेदार
किरायेदार
Keshi Gupta
क्या कहा, मेरी तरह जीने की हसरत है तुम्हे
क्या कहा, मेरी तरह जीने की हसरत है तुम्हे
Vishal babu (vishu)
*राखी के धागे धवल, पावन परम पुनीत  (कुंडलिया)*
*राखी के धागे धवल, पावन परम पुनीत (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
"महान ज्योतिबा"
Dr. Kishan tandon kranti
दिल -ए- ज़िंदा
दिल -ए- ज़िंदा
Shyam Sundar Subramanian
धीरे धीरे
धीरे धीरे
रवि शंकर साह
बर्दाश्त की हद
बर्दाश्त की हद
Shekhar Chandra Mitra
जिंदगी में मस्त रहना होगा
जिंदगी में मस्त रहना होगा
Neeraj Agarwal
राम विवाह कि हल्दी
राम विवाह कि हल्दी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
"सुप्रभात"
Yogendra Chaturwedi
हर मुश्किल से घिरा हुआ था, ना तुमसे कोई दूरी थी
हर मुश्किल से घिरा हुआ था, ना तुमसे कोई दूरी थी
Er.Navaneet R Shandily
"मन की संवेदनाएं: जीवन यात्रा का परिदृश्य"
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Loading...