Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 May 2017 · 1 min read

जीते तो हम आज भी हैं

जीते तो हम आज भी हैं तेरे बिना मगर कोई कमी सी खलती है,
सारे जहाँ की दौलत है फिर भी कोई दुआ इस दिल में पलती है,
दूर रह लू तुझसे मगर ये तुझे देखे बिना न सोने की आदत कहाँ बदलती है,
सुकून मेरे बिना पाना सीख लिया है तूने मगर मुझसे ये जिंदगी कहां संभलती है,
जब होता है चारों तरफ अँधेरा मेरे लिए तब भी तेरी यादे चाँद की तरह चमकती है,
छोड़ कर तू खुश है मुझे मझधार में मगर मेरे इस दिल पे मेरी एक न चलती है,
पीकर तुझे भूल जाना होता है आसान मगर सब बदल जाता है जब भी उतरती है,
वाकिफ हूँ तेरी हर अदा से मैं फिर भी तुझे ही पाने को मेरी जान मचलती है,

Language: Hindi
1 Like · 313 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from RASHMI SHUKLA
View all
You may also like:
अतीत
अतीत
Shyam Sundar Subramanian
जीवन में सारा खेल, बस विचारों का है।
जीवन में सारा खेल, बस विचारों का है।
Shubham Pandey (S P)
■ कैसे भी पढ़ लो...
■ कैसे भी पढ़ लो...
*Author प्रणय प्रभात*
मैं खुश हूँ! गौरवान्वित हूँ कि मुझे सच्चाई,अच्छाई और प्रकृति
मैं खुश हूँ! गौरवान्वित हूँ कि मुझे सच्चाई,अच्छाई और प्रकृति
विमला महरिया मौज
"प्रतिष्ठा"
Dr. Kishan tandon kranti
हिंदी दोहा- महावीर
हिंदी दोहा- महावीर
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
चाय की घूंट और तुम्हारी गली
चाय की घूंट और तुम्हारी गली
Aman Kumar Holy
*ईर्ष्या भरम *
*ईर्ष्या भरम *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
उसके सवालों का जवाब हम क्या देते
उसके सवालों का जवाब हम क्या देते
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
3160.*पूर्णिका*
3160.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कुंडलिया छंद
कुंडलिया छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
Muhabhat guljar h,
Muhabhat guljar h,
Sakshi Tripathi
हमे अब कहा फिक्र जमाने की है
हमे अब कहा फिक्र जमाने की है
पूर्वार्थ
जीवन साथी,,,दो शब्द ही तो है,,अगर सही इंसान से जुड़ जाए तो ज
जीवन साथी,,,दो शब्द ही तो है,,अगर सही इंसान से जुड़ जाए तो ज
Shweta Soni
*शत-शत नमन प्रोफेसर ओमराज*
*शत-शत नमन प्रोफेसर ओमराज*
Ravi Prakash
बगुलों को भी मिल रहा,
बगुलों को भी मिल रहा,
sushil sarna
*।। मित्रता और सुदामा की दरिद्रता।।*
*।। मित्रता और सुदामा की दरिद्रता।।*
Radhakishan R. Mundhra
श्रीराम वन में
श्रीराम वन में
नवीन जोशी 'नवल'
परखा बहुत गया मुझको
परखा बहुत गया मुझको
शेखर सिंह
द्रुत विलम्बित छंद (गणतंत्रता दिवस)-'प्यासा
द्रुत विलम्बित छंद (गणतंत्रता दिवस)-'प्यासा"
Vijay kumar Pandey
If you have  praising people around you it means you are lac
If you have praising people around you it means you are lac
Ankita Patel
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
* जन्मभूमि का धाम *
* जन्मभूमि का धाम *
surenderpal vaidya
दंगा पीड़ित कविता
दंगा पीड़ित कविता
Shyam Pandey
सुहाग रात
सुहाग रात
Ram Krishan Rastogi
कब गुज़रा वो लड़कपन,
कब गुज़रा वो लड़कपन,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
क्या है मोहब्बत??
क्या है मोहब्बत??
Skanda Joshi
देखना हमको फिर नहीं भाता
देखना हमको फिर नहीं भाता
Dr fauzia Naseem shad
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
Loading...