Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Jul 2017 · 1 min read

गहना : मुक्तक

गहना
// दिनेश एल० “जैहिंद”

एक गहना आपका एक गहना शर्मो लाज का ।।
एक गहना दिव्य द्रव्य का एक सज्जो साज का ।।
लग गई जो दाग तन पर गए मान ओ सम्मान,,
सारी सुंदरता और सिंगार नहीं किसी काज का ।।

पर्दा भी एक गहना है कर लो इस पर भी विचार ।।
पर्दे में भी रख पर्दा करे तब संपूर्ण जगत् व्यवहार ।।
सारे गहनों संग पर्दे को भी मिले उचित सम्मान,,
गुलशन-सा तब महक उठेगा नर-नारी – घर-बार ।।

गहना में है गुथा गहन विचार ऋषियों का ।।
गहना में गड़ा गहरा आचार मनीषियों का ।।
गहना है कवच स्वाभिमान और चरित्रों का,,
गहना है गजब गरिमा हर नर-नारियों का ।।

गहनों से ना कभी मुँह फेरना ।।
बचाकर रखना अपना गहना ।।
गहना है “जैहिंद” तन का गहना,,
गहनों का रिश्ता तन से बहना ।।।

=== मौलिक ====
दिनेश एल० “जैहिंद”
07. 07. 2017

Language: Hindi
425 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तुलसी चंदन हार हो, या माला रुद्राक्ष
तुलसी चंदन हार हो, या माला रुद्राक्ष
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
*गुड़िया प्यारी राज दुलारी*
*गुड़िया प्यारी राज दुलारी*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
संगीत की धुन से अनुभव महसूस होता है कि हमारे विचार व ज्ञान क
संगीत की धुन से अनुभव महसूस होता है कि हमारे विचार व ज्ञान क
Shashi kala vyas
लू, तपिश, स्वेदों का व्यापार करता है
लू, तपिश, स्वेदों का व्यापार करता है
Anil Mishra Prahari
चलो...
चलो...
Srishty Bansal
अपने हाथ,
अपने हाथ,
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
........
........
शेखर सिंह
*वीरस्य भूषणम् *
*वीरस्य भूषणम् *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*दफ्तर बाबू फाइलें,अफसर मालामाल 【हिंदी गजल/दोहा गीतिका】*
*दफ्तर बाबू फाइलें,अफसर मालामाल 【हिंदी गजल/दोहा गीतिका】*
Ravi Prakash
World Books Day
World Books Day
Tushar Jagawat
मन में संदिग्ध हो
मन में संदिग्ध हो
Rituraj shivem verma
बे-असर
बे-असर
Sameer Kaul Sagar
भरमाभुत
भरमाभुत
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
नाम उल्फत में तेरे जिंदगी कर जाएंगे।
नाम उल्फत में तेरे जिंदगी कर जाएंगे।
Phool gufran
सत्य ही शिव
सत्य ही शिव
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
जोश,जूनून भरपूर है,
जोश,जूनून भरपूर है,
Vaishaligoel
*** पल्लवी : मेरे सपने....!!! ***
*** पल्लवी : मेरे सपने....!!! ***
VEDANTA PATEL
■ कडवी बात, हुनर के साथ।
■ कडवी बात, हुनर के साथ।
*Author प्रणय प्रभात*
सावन में घिर घिर घटाएं,
सावन में घिर घिर घटाएं,
Seema gupta,Alwar
ग़ज़ल/नज़्म - ये हर दिन और हर रात हमारी होगी
ग़ज़ल/नज़्म - ये हर दिन और हर रात हमारी होगी
अनिल कुमार
बसंत आने पर क्या
बसंत आने पर क्या
Surinder blackpen
संभल जाओ, करता हूँ आगाह ज़रा
संभल जाओ, करता हूँ आगाह ज़रा
Buddha Prakash
कान का कच्चा
कान का कच्चा
Dr. Kishan tandon kranti
"सच कहूं _ मानोगे __ मुझे प्यार है उनसे,
Rajesh vyas
गज़ल सी रचना
गज़ल सी रचना
Kanchan Khanna
भगवावस्त्र
भगवावस्त्र
Dr Parveen Thakur
दिखता नही किसी को
दिखता नही किसी को
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
अगर तोहफ़ा देने से मुहब्बत
अगर तोहफ़ा देने से मुहब्बत
shabina. Naaz
“ प्रेमक बोल सँ लोक केँ जीत सकैत छी ”
“ प्रेमक बोल सँ लोक केँ जीत सकैत छी ”
DrLakshman Jha Parimal
है वही, बस गुमराह हो गया है…
है वही, बस गुमराह हो गया है…
Anand Kumar
Loading...