Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Dec 2016 · 1 min read

क्यों इतना घबराता है

क्यों इतना घबराता है
”'””””””””””””””””

प्रातःकाल की किरणों से
सब अन्धेरा छँट जाता है
रात की सारी कालिमा का
दंभ सभी मिट जाता है
देख मुसाफिर अनन्त कोई
रात अभी तक बनी नहीं
जीवन के अंधियारों से तू
क्यों इतना घबराता है

जीवन संदेशों को लेकर
उठा भोर का उजियारा
चलो उठो और बढ़ते जाओ
कहे समय का हरकारा
दूर बहुत है मंज़िल उसपर
कदम कदम हैं शूल बहुत
खुद पर ही बीतेगा सब कुछ
देख लिया है जग सारा

मंज़िल से पहले जो राही
कभी सफर में थका नहीं
आँधी और तूफानों में भी
जरा भी पीछे हटा नहीं
डगर पे अपनी जो भी लेकर
चला इरादे फ़ौलादी
मंज़िल तो उसने ही पाई
जो राहों में रुका नहीं

मंज़िल तो उसने ही पाई
जो राहों में रुका नहीं

सुन्दर सिंह
23.12.2016

Language: Hindi
338 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*माँ सरस्वती (चौपाई)*
*माँ सरस्वती (चौपाई)*
Rituraj shivem verma
#बाउंसर :-
#बाउंसर :-
*Author प्रणय प्रभात*
जिंदगी को बोझ नहीं मानता
जिंदगी को बोझ नहीं मानता
SATPAL CHAUHAN
बिन काया के हो गये ‘नानक’ आखिरकार
बिन काया के हो गये ‘नानक’ आखिरकार
कवि रमेशराज
मैं हूँ कि मैं मैं नहीं हूँ
मैं हूँ कि मैं मैं नहीं हूँ
VINOD CHAUHAN
किसी तरह मां ने उसको नज़र से बचा लिया।
किसी तरह मां ने उसको नज़र से बचा लिया।
Phool gufran
#शर्माजीकेशब्द
#शर्माजीकेशब्द
pravin sharma
शुभ प्रभात मित्रो !
शुभ प्रभात मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
स्मृति : पंडित प्रकाश चंद्र जी
स्मृति : पंडित प्रकाश चंद्र जी
Ravi Prakash
हम कहां तुम से
हम कहां तुम से
Dr fauzia Naseem shad
कलियुग
कलियुग
Bodhisatva kastooriya
किरदार
किरदार
Surinder blackpen
When life  serves you with surprises your planning sits at b
When life serves you with surprises your planning sits at b
Nupur Pathak
लेती है मेरा इम्तिहान ,कैसे देखिए
लेती है मेरा इम्तिहान ,कैसे देखिए
Shweta Soni
इस नयी फसल में, कैसी कोपलें ये आयीं है।
इस नयी फसल में, कैसी कोपलें ये आयीं है।
Manisha Manjari
प्रमेय
प्रमेय
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जेठ कि भरी दोपहरी
जेठ कि भरी दोपहरी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
वाणी वंदना
वाणी वंदना
Dr Archana Gupta
गम के बगैर
गम के बगैर
Swami Ganganiya
1
1
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
नाक पर दोहे
नाक पर दोहे
Subhash Singhai
नसीब तो ऐसा है मेरा
नसीब तो ऐसा है मेरा
gurudeenverma198
धरती का बस एक कोना दे दो
धरती का बस एक कोना दे दो
Rani Singh
सदा प्रसन्न रहें जीवन में, ईश्वर का हो साथ।
सदा प्रसन्न रहें जीवन में, ईश्वर का हो साथ।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
कैसी लगी है होड़
कैसी लगी है होड़
Sûrëkhâ Rãthí
।। कसौटि ।।
।। कसौटि ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
रिश्ते
रिश्ते
पूर्वार्थ
ईश्वर, कौआ और आदमी के कान
ईश्वर, कौआ और आदमी के कान
Dr MusafiR BaithA
मंत्र: पिडजप्रवरारूढा, चंडकोपास्त्रकैर्युता।
मंत्र: पिडजप्रवरारूढा, चंडकोपास्त्रकैर्युता।
Harminder Kaur
बिना कोई परिश्रम के, न किस्मत रंग लाती है।
बिना कोई परिश्रम के, न किस्मत रंग लाती है।
सत्य कुमार प्रेमी
Loading...