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8 Dec 2016 · 1 min read

अब जाकर मुझे ये तन्हाई मिली है

अब जाकर मुझे ये तन्हाई मिली है।

आखिर मुझे अपनी मेहनत की पाई पाई मिली है,
अब जाकर मुझे ये तन्हाई मिली है।

अब जाकर कुछ सुकून मिला इस दिल को,
अब तक तो हर कदम पर रुस्वाई मिली है।
अब जाकर….

हमने तो दिल से निभाए थे सारे सम्बन्ध,
बदले में हमको पूरी दुनिया हरजाई मिली है।
अब जाकर….

सब सम्बंधों में धोखों के सिवा कुछ न मिला,
इस झूठी दुनिया में, सच्ची तो केवल माई मिली है।
अब जाकर….

ये तो हम सोचते रहे, शर्म, हया, इज़्ज़त के बारे में,
बदले में हमें दुनिया से बस बेहयाई मिली है।
अब जाकर….

ज़माने की ठोकरों से किस कदर टूट गए थे हम,
जाने कितने पतझड़ों के बाद, ये पुरवाई मिली है।
अब जाकर….

उम्र भर झेलते रहे तरह तरह के नुकसान,
इस तन्हाई में ही जीवन की कमाई मिली है।
अब जाकर….

अब जाकर मुझे ये तन्हाई मिली है।

————-शैंकी भाटिया
7 दिसम्बर, 2016

Language: Hindi
332 Views
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