Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Aug 2016 · 1 min read

कभी कोई कभी कोई

जलाता है बुझाता है कभी कोई कभी कोई।
मेरी हस्ती मिटाता है कभी कोई कभी कोई।।1

बुरा चाहा नहीं मैनें जहाँ में तो किसी का भी।
मुझे क्यूं आजमाता है कभी कोई कभी कोई।।2

नहीं भाता मुझे सँग झूठ का देना मगर मुझसे।
हकीकत को छुपाता है कभी कोई कभी कोई।।3

मेरा अपना नहीं कोई शहर सारा बे’गाना है।
मगर अपना बताता है कभी कोई कभी कोई।।4

सभी यह जानते हैं हूँ यहाँ निर्दोष मैं लेकिन।
सजा मुझको दिलाता है कभी कोई कभी कोई।।5

हजारों ख्वाब आंखों को दिखाकर एक ही पल में।
उन्हे फिर तोड़ जाता है कभी कोई कभी कोई।।6

नियम अच्छा नहीं लगता सियासत का यही मुझको।
यहाँ सच को दबाता है कभी कोई कभी कोई।।7

यही दस्तूर भारत का हमेशा से रहा यारो।
वतन पर जां लुटाता है कभी कोई कभी कोई।।8

बढे़ं जब पाप धरती पर चलें बस जुल्म की आंधी।
यहाँ अवतार आता है कभी कोई कभी कोई।।9

विवेकानंद स्वामी बन कभी बन बुद्ध के जैसा।
कि मानवता बचाता है कभी कोई कभी कोई।।10

प्रदीप कुमार “प्रदीप”

1 Comment · 522 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
" आज चाँदनी मुस्काई "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
Impossible means :-- I'm possible
Impossible means :-- I'm possible
Naresh Kumar Jangir
दिल साफ होना चाहिए,
दिल साफ होना चाहिए,
Jay Dewangan
मां सिद्धिदात्री
मां सिद्धिदात्री
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
‘ विरोधरस ‘---3. || विरोध-रस के आलंबन विभाव || +रमेशराज
‘ विरोधरस ‘---3. || विरोध-रस के आलंबन विभाव || +रमेशराज
कवि रमेशराज
मन मेरे तू सावन सा बन....
मन मेरे तू सावन सा बन....
डॉ.सीमा अग्रवाल
सांत्वना
सांत्वना
भरत कुमार सोलंकी
वो ही तो यहाँ बदनाम प्यार को करते हैं
वो ही तो यहाँ बदनाम प्यार को करते हैं
gurudeenverma198
ऐसे खोया हूं तेरी अंजुमन में
ऐसे खोया हूं तेरी अंजुमन में
Amit Pandey
ईश्वरीय समन्वय का अलौकिक नमूना है जीव शरीर, जो क्षिति, जल, प
ईश्वरीय समन्वय का अलौकिक नमूना है जीव शरीर, जो क्षिति, जल, प
Sanjay ' शून्य'
#लघुकथा
#लघुकथा
*Author प्रणय प्रभात*
"असल बीमारी"
Dr. Kishan tandon kranti
दिवाली
दिवाली
नूरफातिमा खातून नूरी
*फँसे मँझधार में नौका, प्रभो अवतार बन जाना 【हिंदी गजल/ गीतिक
*फँसे मँझधार में नौका, प्रभो अवतार बन जाना 【हिंदी गजल/ गीतिक
Ravi Prakash
हिंदुस्तान जिंदाबाद
हिंदुस्तान जिंदाबाद
Mahmood Alam
माह -ए -जून में गर्मी से राहत के लिए
माह -ए -जून में गर्मी से राहत के लिए
सिद्धार्थ गोरखपुरी
दोष उनका कहां जो पढ़े कुछ नहीं,
दोष उनका कहां जो पढ़े कुछ नहीं,
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
एक पीर उठी थी मन में, फिर भी मैं चीख ना पाया ।
एक पीर उठी थी मन में, फिर भी मैं चीख ना पाया ।
आचार्य वृन्दान्त
वो तुम्हीं तो हो
वो तुम्हीं तो हो
Dr fauzia Naseem shad
Stop chasing people who are fine with losing you.
Stop chasing people who are fine with losing you.
पूर्वार्थ
2555.पूर्णिका
2555.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
आख़री तकिया कलाम
आख़री तकिया कलाम
Rohit yadav
💐प्रेम कौतुक-420💐
💐प्रेम कौतुक-420💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
नववर्ष
नववर्ष
Mukesh Kumar Sonkar
**वसन्त का स्वागत है*
**वसन्त का स्वागत है*
Mohan Pandey
परी
परी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
समय सबों को बराबर मिला है ..हमारे हाथों में २४ घंटे रहते हैं
समय सबों को बराबर मिला है ..हमारे हाथों में २४ घंटे रहते हैं
DrLakshman Jha Parimal
सरस्वती वंदना-2
सरस्वती वंदना-2
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
ज़ुल्फो उड़ी तो काली घटा कह दिया हमने।
ज़ुल्फो उड़ी तो काली घटा कह दिया हमने।
Phool gufran
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Loading...