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30 Jul 2020 · 1 min read

शुक्रिया।

बीते हुए उन दिनों को आज,
याद मैंने कुछ यूं किया,

आता था जवाब कुछ लोगों का,
और मैं कहता था “जी शुक्रिया”,

हो सकता है दिल ना मिले हो कभी,
पर हाथ मिलाने का “शुक्रिया”,

बेमतलब सी होंगी कुछ बातें मेरी,
फिर भी सुनने का “शुक्रिया”,

शब्दों के ज़रिये आपका मेरे,
जीवन में होने का “शुक्रिया”,

यक़ीन मानिए आपको मैंने,
याद हमेशा दिल से किया,

रोज़ मेरे संदेशों पर,
आपके मुस्कुराने का “शुक्रिया”,

ज़्यादा नहीं तो थोड़ा ही सही,
पर साथ निभाने का “शुक्रिया”।

कवि-अंबर श्रीवास्तव

Language: Hindi
8 Likes · 8 Comments · 577 Views

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