Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Nov 2023 · 1 min read

*अद्वितीय गुणगान*

अद्वितीय गुणगान
तू अद्वितीय तू अनन्त अनन्य तेरी भक्ति,
अंर्तयामी सबका स्वामी, इसमें ना कोई श्योक्ति।
दीन दुखियों असहायों का रक्षक है तू,
तू आदि है न कोई अन्त, ऐसी तेरी शक्ति।।१।
तू अग्रगण्य तू अगणित, तू है अविनाशी।
तू अजन्मा तू अजर, तू सच्चा विश्वासी।
तेरा वास है, दुर्गम दुर्लभ और अगम,
तू अनाथों का नाथ है, तू सच्चा संन्यासी।।२।।
तू लौकिक तू पारलौकिक, माया तेरी अपरंपार।
तू निराकार निराश्रित, तू सब का है पालनहार।
परोपकारी जितेंद्रिय है तू, तू है बहुत दुर्लभ।
तू प्रियदर्शी वर्णनातीत, गुण गाए तेरा संसार।।३।।
तू सर्वज्ञ तू समदर्शी, सर्वव्यापी तेरा आधार।
तू सबका है एक हितैषी, ऐसा है तेरा व्यवहार।
तू ही सबका मालिक, तू ही सबका सहायक।
त्रिकालदर्शी सबका रक्षक, सभी से तुझको प्यार।।४।।
जो कोई तेरी महिमा गाए, मनवांछित वह सब पाए।
बिन तेरे ना कुछ हो सकता, तीनों लोक तेरा यश गाएं।
तेरा है सद्व्यवहार, तेरा न कोई है आकर।
ऐसे तेरे हैं विचार, उत्तम तेरा शिष्टाचार।।५।।
न होना तुम इससे विमुख, तभी तुम्हें मिलेगा सुख।
लगा ले बन्दे इससे डोर, चाहे दुष्यन्त कुमार हो चाहे और।
रचयिता विनाशक रक्षक, ये सब तेरे काम।
कोई कहे अल्लाह ईशा, कोई कहे राम।।६।।

5 Likes · 205 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dushyant Kumar
View all

You may also like these posts

*नई मुलाकात *
*नई मुलाकात *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
प्रथम किरण नव वर्ष की।
प्रथम किरण नव वर्ष की।
Vedha Singh
कुछ दूर और चली होती मेरे साथ
कुछ दूर और चली होती मेरे साथ
Harinarayan Tanha
ऐसा नही था कि हम प्यारे नही थे
ऐसा नही था कि हम प्यारे नही थे
Dr Manju Saini
"हां, गिरके नई शुरुआत चाहता हूँ ll
पूर्वार्थ
#मानवता का गिरता स्तर
#मानवता का गिरता स्तर
Radheshyam Khatik
झूठ का आवरण ओढ़, तुम वरण किसी का कर लो, या रावण सा तप बल से
झूठ का आवरण ओढ़, तुम वरण किसी का कर लो, या रावण सा तप बल से
Sanjay ' शून्य'
संघर्ष का सफर
संघर्ष का सफर
Chitra Bisht
सफ़ेद चमड़ी और सफेद कुर्ते से
सफ़ेद चमड़ी और सफेद कुर्ते से
Harminder Kaur
रास्तो के पार जाना है
रास्तो के पार जाना है
Vaishaligoel
फितरत
फितरत
Deepesh Dwivedi
" हँसिए "
Dr. Kishan tandon kranti
मंच पर मेरी आज की प्रस्तुति
मंच पर मेरी आज की प्रस्तुति
Seema Verma
समुन्दर को हुआ गुरुर,
समुन्दर को हुआ गुरुर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
यादों का कारवां
यादों का कारवां
Seema gupta,Alwar
खेल खेल में छूट न जाए जीवन की ये रेल।
खेल खेल में छूट न जाए जीवन की ये रेल।
सत्य कुमार प्रेमी
👉 प्रभात की बात :--
👉 प्रभात की बात :--
*प्रणय*
रिश्तों को तू तोल मत,
रिश्तों को तू तोल मत,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
"दोगलों की बस्ती"
ओसमणी साहू 'ओश'
दोहा __
दोहा __
Neelofar Khan
हमने माना
हमने माना
SHAMA PARVEEN
मैं वो नदिया नहीं हूँ
मैं वो नदिया नहीं हूँ
Saraswati Bajpai
रक्त लिप्त कुर्बानियां,
रक्त लिप्त कुर्बानियां,
sushil sarna
"जुबांँ की बातें "
Yogendra Chaturwedi
मौन तपधारी तपाधिन सा लगता है।
मौन तपधारी तपाधिन सा लगता है।
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
4050.💐 *पूर्णिका* 💐
4050.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
5. Festive Light
5. Festive Light
Ahtesham Ahmad
दोहा
दोहा
गुमनाम 'बाबा'
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Santosh Soni
कामचोर (नील पदम् के दोहे)
कामचोर (नील पदम् के दोहे)
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
Loading...