यूट्यूब और बच्चे
“मेरा बच्चा मोबाइल चला लेता है।”, कई अभिवावकों के मुख से आपने भी ये वाक्य बहुतों बार सुना होगा। ये एक नई प्रथा है जहाँ बच्चे दिन भर यूट्यूब पर लगे रहते हैं और अभिवावक आपने काम में व्यस्त रहते हैं।
यूट्यूब के AI का जो algorithm है, उसका लक्ष्य केवल उपभोक्ता के दिमाग को बांधे रखना है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिये वो आपको पढ़ता है और उस हिसाब से वीडियोस एक के बाद दिखाता रहता है।
जब एक वयस्क इंसान इस पूरे चक्र का हिस्सा बनता है तो कुछ हद तक नियंत्रण उसके हाँथ में रहता है, और वो अपने रुचि के विषयों पर वीडियोस देख सकता है। एक 2-5 साल के बच्चे की कोई रुचि नहीं होती, और इस खाली पट को हम इंटरनेट की दुनिया में खुला छोड़ देते हैं।
कोई नहीं जानता कि इस लत से एक बच्चे के व्यक्तित्व पर क्या असर पड़ता है । जब से lockdown हुआ है, ये आदत बच्चों में बढ़ती ही जा रही है। मेरा सभी अभिवावकों से अनुरोध है कि अपने बच्चे की बुद्धि का बखान करने के बदले, उनकी आदत सुधारें।
सिद्धांत शर्मा