Xhazal
سچ کے ساتھ کھڑے ہوتے ہیں
اچھے لوگ برے ہوتے ہیں
ہاتھوں میں ہتھیار ہو جن کے
اپنے آپ ڈرے ہوتے ہیں
دھاگا ندیا عشق مروت
سب کے دوم سرے ہوتے ہیں
جھومر بالا گال کو چومے
یہ سب کون ترے ہوتے ہیں
سچ کو آنچ نہیں آتی ہے
سچ کے لوگ کھرے ہوتے ہیں
شاہ کی بات محبت والی
جل کے لوگ برے ہوتے ہیں
सच के साथ खड़े होते हैं
अच्छे लोग बुरे होते हैं
हाथों में हथियार है जिनके
अपने आप डरे हो ते हैं
धागा नदिया इश़क् मुरव्वत
सब के दोम सिरे होते हैं
झूमर बाला गाल को चूमे
ये सब कौन तिरे होते हैं
सच को आंच नहीं आती है
सच के लोग खरे होते हैं
शाह की बात मुहब्बत वाली
जल के लोग बुरे होते हैं
शहाब उद्दीन शाह क़न्नौजी