चरणों में सौ-सौ अभिनंदन ,शिक्षक तुम्हें प्रणाम है (गीत)
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
ख्वाब जब टूटने ही हैं तो हम उन्हें बुनते क्यों हैं
*अब सब दोस्त, गम छिपाने लगे हैं*
✨बादलों की साजिशों में, चांद-तारों का इम्तिहान है।✨
संत कवि पवन दीवान,,अमृतानंद सरस्वती
काली शर्ट पहनकर तुम आते क्यों हो?
श्री गणेश जी का उदर एवं चार हाथ
वो ख्वाबों में अब भी चमन ढूंढते हैं ।
ग़ज़ल (रखो हौंसला फ़िर न डर है यहाँ)
आनंद से जियो और आनंद से जीने दो.
ऐसा कहा जाता है कि
Naseeb Jinagal Koslia नसीब जीनागल कोसलिया