Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Mar 2024 · 1 min read

We all have our own unique paths,

We all have our own unique paths,
progressing at our own paces.
We’re offered with different opportunities
and even challenges to overcome.

Therefore, our lives aren’t defined less or more
by the amount of successes and failures of others.

‘𝗪𝗲’𝗿𝗲 𝗻𝗼𝘁 𝗰𝗿𝗶𝗽𝗽𝗹𝗲𝗱 𝗯𝘆 𝗼𝘁𝗵𝗲𝗿 𝗽𝗲𝗼𝗽𝗹𝗲’𝘀 𝘄𝗶𝗻𝗻𝗶𝗻𝗴 𝗹𝗶𝘃𝗲𝘀
, 𝘄𝗲’𝗿𝗲 𝗮𝗹𝗹 𝗷𝘂𝘀𝘁 𝘄𝗮𝗹𝗸𝗶𝗻𝗴 𝗶𝗻 𝗱𝗶𝗳𝗳𝗲𝗿𝗲𝗻𝘁 𝘁𝗶𝗺𝗲𝗹𝗶𝗻𝗲𝘀.”

106 Views

You may also like these posts

प्रेम की परिभाषा
प्रेम की परिभाषा
himanshii chaturvedi
-मोहब्बत का रंग लगाए जाओ -
-मोहब्बत का रंग लगाए जाओ -
bharat gehlot
पप्पू की तपस्या
पप्पू की तपस्या
पंकज कुमार कर्ण
“दास्तां ज़िंदगी की”
“दास्तां ज़िंदगी की”
ओसमणी साहू 'ओश'
ग़ज़ल(गुलाबों से तितली करे प्यार छत पर —)————————–
ग़ज़ल(गुलाबों से तितली करे प्यार छत पर —)————————–
डॉक्टर रागिनी
मातृभूमि
मातृभूमि
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मन मूरख बहुत सतावै, पल भर चैन न पावै
मन मूरख बहुत सतावै, पल भर चैन न पावै
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
घर आंगन
घर आंगन
surenderpal vaidya
मेरे हमदर्द मेरे हमराह, बने हो जब से तुम मेरे
मेरे हमदर्द मेरे हमराह, बने हो जब से तुम मेरे
gurudeenverma198
मुनाफ़िक़ दोस्त उतना ही ख़तरनाक है
मुनाफ़िक़ दोस्त उतना ही ख़तरनाक है
अंसार एटवी
*धन्य-धन्य वह जो इस जग में, हुआ बड़ा धनवान है (मुक्तक)*
*धन्य-धन्य वह जो इस जग में, हुआ बड़ा धनवान है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
गए वे खद्दर धारी आंसू सदा बहाने वाले।
गए वे खद्दर धारी आंसू सदा बहाने वाले।
कुंवर तुफान सिंह निकुम्भ
दोहा पंचक. . . विविध
दोहा पंचक. . . विविध
sushil sarna
जीवन में कोई भी युद्ध अकेले होकर नहीं लड़ा जा सकता। भगवान राम
जीवन में कोई भी युद्ध अकेले होकर नहीं लड़ा जा सकता। भगवान राम
Dr Tabassum Jahan
ओ मनहूस रात...भोपाल गैस त्रासदी कांड
ओ मनहूस रात...भोपाल गैस त्रासदी कांड
TAMANNA BILASPURI
इतने भी नासमझ ना समझो हमको
इतने भी नासमझ ना समझो हमको
VINOD CHAUHAN
सृजन
सृजन
अनिल मिश्र
तू इतना जरूरी क्यों
तू इतना जरूरी क्यों
Anant Yadav
आज के युग में
आज के युग में "प्रेम" और "प्यार" के बीच सूक्ष्म लेकिन गहरा अ
पूर्वार्थ
"किस पर लिखूँ?"
Dr. Kishan tandon kranti
2514.पूर्णिका
2514.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
#मौसमी_मुक्तक-
#मौसमी_मुक्तक-
*प्रणय*
गंणपति
गंणपति
Anil chobisa
मैंने इन आंखों से ज़माने को संभालते देखा है
मैंने इन आंखों से ज़माने को संभालते देखा है
Phool gufran
करगिल के वीर
करगिल के वीर
Shaily
माँ आज भी जिंदा हैं
माँ आज भी जिंदा हैं
Er.Navaneet R Shandily
हे, वंशीधर! हे, त्रिपुरारी !!
हे, वंशीधर! हे, त्रिपुरारी !!
अमित कुमार
कमबख्त मोहब्बत..
कमबख्त मोहब्बत..
हिमांशु Kulshrestha
यह सफ़र
यह सफ़र
Dr fauzia Naseem shad
रात की रानी.
रात की रानी.
Heera S
Loading...