Udaan Fellow Initiative for employment of rural women – Synergy Sansthan, Udaanfellowship Harda
ग्रामीण महिलाओ के रोजगार हेतु उड़ान फैलोशिप की पहल
ग्राम खुदिया की महिलाएं अब अपने घरों में खाली नहीं बैठेंगी। उन्हें अपनी आजीविका मजबूत करने के अवसर मिलेंगे। इस दिशा में उड़ान फैलोशिप के फेलो साथियों ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उन्होंने हाल ही में महिलाओं के साथ रोजगार के मुद्दे पर संवाद किया और उनसे पूछा कि वे किस तरह का रोजगार अपनी पंचायत और अपने ग्राम में चाहती हैं।
खुदिया सरपंच की सकारात्मक पहल
खुदिया के सरपंच राहुल शाह से जब उड़ान फैलोशिप के फेलो साथियों ने ग्राम में महिलाओं के रोजगार के संबंध में बात की, तो उन्होंने अपने पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। सरपंच का मानना है कि वे रोजगार के अवसर तो ला सकते हैं, लेकिन पहले यह जानना आवश्यक है कि महिलाएं किस तरह के रोजगार की अपेक्षा करती हैं। इसलिए, फेलो साथियों को इस दिशा में काम करने की जिम्मेदारी सौंपी गई। यह जिम्मेदारी उड़ान फैलोशिप की फेलो सीमा और निकिता ने मिलकर उठाई है, जो लगातार महिलाओं के संपर्क में हैं और उनकी जरूरतों को समझने का प्रयास कर रही हैं।
उड़ान फैलोशिप का योगदान
उड़ान फैलोशिप की सीमा और निकिता ने इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाने का संकल्प लिया है। वे लगातार महिलाओं के संपर्क में हैं और उनकी जरूरतों और इच्छाओं को समझने का प्रयास कर रही हैं।फेलो साथियों ने महिलाओं को इकट्ठा कर एक बैठक का आयोजन किया, जहां उन्होंने महिलाओं से उनकी रुचियों और क्षमताओं के बारे में पूछा। इस बातचीत से यह पता चला कि महिलाएं कौन-कौन से क्षेत्रों में रोजगार के अवसर चाहती हैं और उनकी मौजूदा क्षमताएं क्या हैं। इससे फेलो साथियों को यह समझने में मदद मिली कि किस प्रकार के प्रशिक्षण और संसाधनों की जरूरत है।
महिलाओं की राय और आवश्यकताएँ
ग्राम की महिलाओं ने रोजगार के विभिन्न विकल्पों पर अपनी राय दी। कुछ महिलाएं हस्तशिल्प और सिलाई जैसे कार्यों में रुचि रखती हैं, जबकि कुछ महिलाएं छोटे पैमाने पर व्यवसाय जैसे अगरबत्ती , साबुन, सेनेटरी पेड बनाना के माध्यम से अपनी आजीविका सुधारने की इच्छुक है। इन कामों के लिए उन्हें कच्चे माल और बाजार तक पहुंच की आवश्यकता होगी। इसके अलावा, आधुनिक डिजाइनों और तकनीकों की जानकारी भी महत्वपूर्ण है।
स्वयं सहायता समूह
महिलाये पहले स्वयं सहायता समूह का हिस्सा थी | लेकिन ना चलने और बंद होने से रोजगार के संसाधन कम सिमित और ना के बराबर हो गये है |
प्रशिक्षण/संसाधन की आवश्यकता
फेलो साथियों ने महिलाओं को प्रशिक्षण और संसाधन उपलब्ध कराने की योजना बनाई है, ताकि वे अपने चुने हुए रोजगार में सफल हो सकें। उन्होंने विभिन्न संस्थाओं और विशेषज्ञों से संपर्क कर महिलाओं के लिए विशेष प्रशिक्षण सत्रों का आयोजन करने का निर्णय लिया है।
सरपंच का कहना है कि क्यों ना हम नए तरह के वस्तु का निर्माण शुरू किया जाना चाहिए जैसे गोबर की लकड़ी बनाना , खाकरे के दोने पत्तल , जिसका कच्चा माल भी आसानी से प्राप्त किया जा सकेगा और पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से भी विशेष योगदान होगा ।उड़ान फ़ेलोज़ – अब आगे ये फ़ेलोज़ इन सभी रोज़गार के अवसरों के बारे में जानकारी एकत्रित कर योजना निर्माण करेंगी और सरपंच व महिलाओं के साथ उन योजनाओं को साझा कर निर्णय होगा कि किस रोज़गार अवसर से आगे कार्य होगा
निष्कर्ष
ग्राम खुदिया की यह पहल न केवल महिलाओं की आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगी बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और सशक्त भी बनाएगी। उड़ान फैलोशिप और ग्राम पंचायत के इस संयुक्त प्रयास से महिलाओं को अपने घरों में ही रोजगार के अवसर मिलेंगे, जिससे वे अपने परिवारों का भरण-पोषण बेहतर तरीके से कर सकेंगी। यह पहल अन्य गांवों के लिए भी एक प्रेरणा का स्रोत बनेगी, जिससे ग्रामीण महिलाएं भी आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम बढ़ा सकें।