Tlash
मैं सच्च की तलाश में था
पर खुद से कभी मिला नही
जो ढूढ रहा था मैं बाहर
वो खुद में था कही…
मैं हमेशा अनभीग रहा उस लम्हे से
जिसकी मुझे तलाश थी
दुख ही पाया मैंने हमेशा
सुख की मुझे तलाश थी…
मैं सच्च की तलाश में था
पर खुद से कभी मिला नही
जो ढूढ रहा था मैं बाहर
वो खुद में था कही…
मैं हमेशा अनभीग रहा उस लम्हे से
जिसकी मुझे तलाश थी
दुख ही पाया मैंने हमेशा
सुख की मुझे तलाश थी…