सच
अंधे को बंदूख दें कर,सीमा पर शत्रु से मुकाबले के लिए भेजना नियत की दृष्टि से बिल्कुल दोषी नही, नियत सही है और उद्देश्य भी देश कल्याण का है,
किन्तु उसे अंधा जान कर भी ढोंग रचकर देश प्रेम की लूट,
या तो घोर मूर्खता है अथवा घोर सडयंत्र जिसका भक्त जन शिकार हो रहे हैं,
चाणक्य वचन,
वजन है,और किसी
नाम में ऐसा कहा