Posts Tag: Vivek Saswat Sher 6 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Vivek saswat Shukla 12 Dec 2024 · 1 min read रेल सरीखे दौड़ती जिंदगी। रेल सरीखे दौड़ती जिंदगी। धूप सरीखे निकलती और ढलती जिंदगी।। हवा सरीखे छूकर गुजराती जिंदगी। आंखों से बेमौसम बरसती जिंदगी।। जिसमें त्योहारों के चार दिन हैं और कुछ हसीन चांद... Best Poetry Vivek Saswat · Urdu Sher Vivek Saswat · Vivek Saswat Kavita · Vivek Saswat Sher · Vivek Saswat Shukla 17 Share Vivek saswat Shukla 12 Dec 2024 · 1 min read मैं बग़ैर आंसुओं के भी रोता रहा।। ये सावन महीना, ये गहरी सी रातें। ये हल्की सी बारिश, ये रंगों का मौसम।। इसमें पलकों को अपने मैं धोता रहा। मैं बग़ैर आंसुओं के भी रोता रहा।। फट... Best Poetry Vivek Saswat · Urdu Sher Vivek Saswat · Vivek Saswat Kavita · Vivek Saswat Sher · Vivek Saswat Shukla 16 Share Vivek saswat Shukla 12 Dec 2024 · 1 min read तुझसे नहीं तेरी यादों से याराना है, चेहरे से ज्यादा तेरी बातों को पहचाना है। तुझसे नहीं तेरी यादों से याराना है, चेहरे से ज्यादा तेरी बातों को पहचाना है। आंखों से कुछ खास नहीं था रिश्ता मेरा, नजरों में जो बातें थीं उनको मैंने... Best Poetry Vivek Saswat · Urdu Sher Vivek Saswat · Vivek Saswat Sher · Vivek Saswat Shukla · Vivek Shukla Shayri 19 Share Vivek saswat Shukla 19 Sep 2024 · 1 min read जब वो मिलेगा मुझसे जब वो मिलेगा मुझसे ! क्या आंख मिलायेगा ? गले लगेगा मुझसे,या बस मुस्करायेगा ? निगाहें करेंगी बयां कुछ, या बस खामोश रहकर चला जाएगा। नहीं! वो नजरें ज़मीं में... Best Hindi Poetry · Best Love Poetry · Vivek Saswat Kavita · Vivek Saswat Sher · Vivek Saswat Shukla 81 Share Vivek saswat Shukla 8 Jun 2024 · 1 min read दीदार-ए-इश्क एक सुकून मिलता है तुझे देख कर, मैं गुमसुम हो जाता हूं तुझे चाहकर, मायूस ही गुजरता है मेरा वो दिन.. बातें ना तुझसे तो भटकता हूं दरबदर।। मिल जाती... Didar-a-isk · Urdu Shayri · Urdu Sher Vivek Saswat · Vivek Saswat Sher · Vivek Shukla Shayri 94 Share Vivek saswat Shukla 26 Apr 2024 · 1 min read लिख दूं कहो,चढ़ रहे शुरुर की रवानी लिख दूं, कहो,बीते पल की कहानी लिख दूं,, कहती हो मैं भूल गया हूं, कहो तो,अपनी कहानी मुंहजबानी लिख दूं, लिख दूं,वो सबकुछ जो लिख... Love Poem · Poetviveksaswat · Trending Poetry · Vivek Saswat Sher · Vivek Saswat Shukla 114 Share