Posts Tag: Urduadab 17 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Kalamkash 7 Jul 2024 · 1 min read एसी कहाँ किस्मत कि नसीबों में शिफा हो, एसी कहाँ किस्मत कि नसीबों में शिफा हो, राहत जो नहीं रोग से गर फिर तो कज़ा हो। मैं जानता हूँ ये जो शब-ए-ग़म की कसक है, है चाह तुझे... Hindi · Hindi Urdu · Urdu Poetry · Urdu Shayri · Urduadab · Urduhindipoetryghazal 80 Share Yash Tanha Shayar Hu 28 May 2024 · 1 min read दिल-ए-मज़बूर । दिल-ए-मज़बूर । दिल-ए-मज़बूर दास्तान-ए-इश्क़ लेकर जाएं कहाँ ? हम अपने रुतबे को और तुमको अब छुपाये कहाँ ? शमा से जलकर गिरी है, जो जुगनुओं की अस्थियां उन अस्थियों को... Hindi · Shayri · Urdu Poetry · Urduadab · कविता · ग़ज़ल 1 114 Share Kalamkash 28 May 2024 · 1 min read ज़ौक-ए-हयात में मिला है क्यों विसाल ही, ज़ौक-ए-हयात में मिला है क्यों विसाल ही, ये गर्दिशें बता भला जाएँगी अब कहाँ? ना हो रहा खलल है ज़माना भी इश्क में, ये बंदिशें बता भला जाएँगी अब कहाँ? Hindi · Hindi Urdu · Urdu Poetry · Urduadab · Urduhindipoetryghazal · ग़ज़ल 1 96 Share Trishika S Dhara 13 Jun 2023 · 1 min read ख़ास से आम बनाना ज़रूरी था ख़ास से आम बनाना ज़रूरी था उस का ग़ुरूर मिटाना ज़रूरी था क़ुदरत का क़त्ल किए जा रहे थे ज़मीं पर ज़लज़ला आना ज़रूरी था नफ़रतों के चराग़ बुझाने की... Poetry Writing Challenge · Ghazal · Iamtrishikadhara · Trishikasdhara · Urduadab · Writtenbytrishikadhara 2 280 Share Trishika S Dhara 13 Jun 2023 · 1 min read तू रूबरू हो कर भी हमसे मिलता नहीं तू रूबरू हो कर भी हमसे मिलता नहीं बेरुखी के धागे से ज़ख़्म सिलता नहीं मिरी कैफ़ियत पे पत्थर भी रो पड़ा मगर ये संगदिल इंसाँ पिघलता नहीं जुगनुओं से... Poetry Writing Challenge · Ghazal · Iamtrishikadhara · Trishikasdhara · Urduadab · Writtenbytrishikadhara 1 254 Share Trishika S Dhara 13 Jun 2023 · 1 min read पत्थर से दिल लगाने चले हैं पत्थर से दिल लगाने चले हैं फिर नई चोट खाने चले हैं इंसान भी वो बन न सका लोग जिसे मसीहा बनाने चले हैं कभी लबों से चूमा था जिस... Poetry Writing Challenge · Ghazal · Iamtrishikadhara · Trishikasdhara · Urduadab · Writtenbytrishikadhara 2 234 Share Trishika S Dhara 13 Jun 2023 · 1 min read आँखों में मायूसी का मंज़र क्यों है आँखों में मायूसी का मंज़र क्यों है अँधेरा ही अँधेरा मिरे अंदर क्यों है जिस की छाँव में पलि मै बीस बरस ख़ुदा ने छीना वो शजर क्यों है ये... Poetry Writing Challenge · Ghazal · Iamtrishikadhara · Trishikasdhara · Urduadab · Writtenbytrishikadhara 1 153 Share Trishika S Dhara 13 Jun 2023 · 1 min read ये रात बावरी मुझे बेचैन कर जाएगी ये रात बावरी मुझे बेचैन कर जाएगी सवा तीन तक मुझे नींद कहाँ आएगी फ़ुरक़त में चलेगी तिरी याद की लूह दिसंबर की सर्दी भी मुझको जलाएगी आज अखरती है... Poetry Writing Challenge · Ghazal · Iamtrishikadhara · Trishikasdhara · Urduadab · Writtenbytrishikadhara 1 136 Share Trishika S Dhara 13 Jun 2023 · 1 min read मुद्दतों से तुम्हारा दीदार न मिला मुद्दतों से तुम्हारा दीदार न मिला क़ल्ब-ए-तपाँ को क़रार न मिला इक-इक कर बिक गयीं खुशियाँ सारी ग़मों का कोई ख़रीदार न मिला कब से आज़ुर्दा हूँ फ़रेब-ए-वफ़ा से तिरे... Poetry Writing Challenge · Ghazal · Iamtrishikadhara · Trishikasdhara · Urduadab · Writtenbytrishikadhara 1 185 Share Trishika S Dhara 13 Jun 2023 · 1 min read सदियाँ लगीं संभलने में सदियाँ लगीं संभलने में दिल का ज़ख़्म भरने में हाथ समुन्दर का ही है नदियों को खाली करने में मेरे पाँव नहीं थकते उनकी गलियों में चलने में सोलह बरस... Poetry Writing Challenge · Ghazal · Iamtrishikadhara · Trishikasdhara · Urduadab · Writtenbytrishikadhara 1 123 Share Trishika S Dhara 13 Jun 2023 · 1 min read तुम से उम्मीद–ए–हिमायत बहुत है तुम से उम्मीद–ए–हिमायत बहुत है लिहाजा मुझे तुम से शिकायत बहुत है कोई तूफ़ाँ न गिरा सका मिरा आशियाँ ख़ुदा की मुझ पर इनायत बहुत है जिन के क़ुर्ब में... Poetry Writing Challenge · Ghazal · Iamtrishikadhara · Trishikasdhara · Urduadab · Writtenbytrishikadhara 1 179 Share Trishika S Dhara 13 Jun 2023 · 1 min read पेशे से मज़हब का ठेकेदार लगता है पेशे से मज़हब का ठेकेदार लगता है वो आदमी मुझे दिमागी बीमार लगता है मैं मलूल रहूँ तो ये भी मुस्कुराता नहीं आईना मुझे सच्चा ग़म-गुसार लगता शब भर इसे... Poetry Writing Challenge · Ghazal · Iamtrishikadhara · Trishikasdhara · Urduadab · Writtenbytrishikadhara 143 Share Trishika S Dhara 13 Jun 2023 · 1 min read उकता कर हम ने ये काम कर दिया उकता कर हम ने ये काम कर दिया जो ख़ास थे उन को आम कर दिया हम को नहीं आता पर्दे में गुनाह करना जो भी किया हम ने सर-ए-आम... Poetry Writing Challenge · Ghazal · Iamtrishikadhara · Trishikasdhara · Urduadab · Writtenbytrishikadhara 174 Share Trishika S Dhara 13 Jun 2023 · 1 min read वो चाहतें हैं हमको कीचड़ में गिराना वो चाहतें हैं हमको कीचड़ में गिराना जिनके बस में नहीं अपने धब्बे छुड़ाना बन्द कमरे में ख़ामोश बैठी हूँ कब से संग-दिलों को हाल-ए-ग़म क्या सुनाना क़िताब-ए-ज़ीस्त के इक-इक... Poetry Writing Challenge · Ghazal · Iamtrishikadhara · Trishikasdhara · Urduadab · Writtenbytrishikadhara 149 Share Trishika S Dhara 13 Jun 2023 · 1 min read मिरे आगे ज़िक्र-ए-अग़्यार क्यों करते हो मिरे आगे ज़िक्र-ए-अग़्यार क्यों करते हो ख़ामखां मिरा जीना दुश्वार क्यों करते हो कभी-कभार मिरी ख़ैरियत पूछ कर तुम अपना कीमती वक़्त बेकार क्यों करते हो ये आदत तुम्हारी तुम... Poetry Writing Challenge · Ghazal · Iamtrishikadhara · Trishikasdhara · Urduadab · Writtenbytrishikadhara 151 Share Trishika S Dhara 13 Jun 2023 · 1 min read संगदिल लोगों पे जाँ-निसार मत कीजिए संगदिल लोगों पे जाँ-निसार मत कीजिए इनकी ख़ातिर ज़िंदगी दुश्वार मत कीजिए शहद की शीशी में ज़हर भी हो सकता है मीठी-मीठी बातों पे ऐतबार मत कीजिए इश्क़ बा-सफ़ा है... Poetry Writing Challenge · Ghazal · Iamtrishikadhara · Trishikasdhara · Urduadab · Writtenbytrishikadhara 123 Share Trishika S Dhara 13 Jun 2023 · 1 min read बरसों से जिन्हें अपना माना बरसों से जिन्हें अपना माना अब कैसे उन्हें समझूं बेगाना मैं अपनी अना में दूर हो गई दिल को नागवार था दूर जाना क़ाफ़िले में चल के मुमकिन नहीं अपनी... Poetry Writing Challenge · Ghazal · Iamtrishikadhara · Trishikasdhara · Urduadab · Writtenbytrishikadhara 1 112 Share