Posts Tag: Manisha Manjari Hindi Poem 148 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Manisha Manjari 1 Jun 2024 · 1 min read ये शिकवे भी तो, मुक़द्दर वाले हीं कर पाते हैं, ये शिकवे भी तो, मुक़द्दर वाले हीं कर पाते हैं, बेचैनियों को शब्द, कहाँ अब भाते हैं। ये कोरे अश्क जो, मन को हल्का कर जाते हैं, पलकें पलों में,... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 20 Share Manisha Manjari 31 May 2024 · 1 min read सर्द आसमां में दिखती हैं, अधूरे चाँद की अंगड़ाईयाँ सर्द आसमां में दिखती हैं, अधूरे चाँद की अंगड़ाईयाँ, टूटे तारों में बसती हैं, ठहरे मन्नतों की गहराईयां। अक्स सुलझा नहीं पाती हैं, खुद से पूछती अबूझ पहेलियाँ, ताँ उम्र... Hindi · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 15 Share Manisha Manjari 30 May 2024 · 1 min read ठोकरें आज भी मुझे खुद ढूंढ लेती हैं ठोकरें आज भी मुझे खुद ढूंढ लेती हैं, दौड़ने से पहले हीं, चलने की हिम्मत तोड़ देती है। जो साँसें एक पल का सुकून, सरायों में लेती है, तबाही आँधियों... Hindi · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 30 Share Manisha Manjari 25 May 2024 · 1 min read सिसकियाँ जो स्याह कमरों को रुलाती हैं सिसकियाँ जो स्याह कमरों को रुलाती हैं, मुस्कराहट बन लोगों को उलझाती हैं। धाराशाही होते हैं अश्क बस अपने हीं दामन में, और सूखे नज़रों की तल्ख़ आँखों को भरमाती... Hindi · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 26 Share Manisha Manjari 24 May 2024 · 1 min read बहने दो निःशब्दिता की नदी में, समंदर शोर का मुझे भाता नहीं है बहने दो निःशब्दिता की नदी में, समंदर शोर का मुझे भाता नहीं है, रहने दो ठहराव के इस दलदल में, सूखी जमीं का वेग साथ निभाता नहीं है। बिखरने दो... Hindi · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 22 Share Manisha Manjari 23 May 2024 · 1 min read तुम गए जैसे, वैसे कोई जाता नहीं तुम गए जैसे, वैसे कोई जाता नहीं, एक अलविदा सुनने को तड़पाता नहीं। बहकी हवाओं का पता कोई बताता नहीं, इस दुनिया के उस पार सफर कर पाता नहीं। खरीद... Hindi · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 32 Share Manisha Manjari 22 May 2024 · 1 min read स्मरण और विस्मरण से परे शाश्वतता का संग हो स्मरण और विस्मरण से परे शाश्वतता का संग हो, ले चल मुझे भी उस पार वहाँ, जहां मृत्यु भी मस्तमलंग हो। पारदर्शी से धरातल में हीं समाये सारे रंग हो,... Hindi · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 28 Share Manisha Manjari 30 Apr 2024 · 1 min read मसान..... तेरी श्वासों संग जुड़ी थी मृदुता मेरी, पर अब ये हृदय पाषाण हो चला। दो बूँद को आकुल आँखें हुई है मेरी, यूँ अश्रु ने बंजरता के मर्म को छुआ।... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 33 Share Manisha Manjari 6 Apr 2024 · 1 min read संघर्षशीलता की दरकार है। आँखों के आगे हैं उजाले, पर छा रहा अंधकार है, भय ने है पंख पसारे, और उम्मीदें हुईं तार-तार है। बोझिल हो रही हैं साँसें, पर अश्रु पर बैठा पहरेदार... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 56 Share Manisha Manjari 30 Mar 2024 · 1 min read पाषाण जज्बातों से मेरी, मोहब्बत जता रहे हो तुम। ये सपने अपने आँखों में मेरी, जो देख रहे हो तुम, बस परछाइयाँ हैं कोरे भ्रम की, कुछ और नहीं। हमराही बनने की चाहत में, कदम बढ़ा रहे हो तुम,... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 88 Share Manisha Manjari 26 Mar 2024 · 1 min read कभी वैरागी ज़हन, हर पड़ाव से विरक्त किया करती है। कभी लगता है ये ज़िन्दगी सफर में बीत जाए, कभी एक घर की तलब सी जगती है। कभी फिजायें चाहती हैं, स्वछंदता साँसों में घुल जाए, कभी आस आँगन की,... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 59 Share Manisha Manjari 26 Mar 2024 · 1 min read ये तलाश सत्य की। ये तलाश सत्य की, अनभिज्ञ पथों से परिचय कराएगी, सुषुप्ति में सोये इस मन को, विशुद्ध ज्ञान के बोध से जगाएगी। जग बंधन है, माया-रचित, उस हठी गाँठ से ये... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 5 298 Share Manisha Manjari 25 Mar 2024 · 1 min read हर्षित आभा रंगों में समेट कर, फ़ाल्गुन लो फिर आया है, हर्षित आभा रंगों में समेट कर, फ़ाल्गुन लो फिर आया है, धरोहित जड़ों की तरफ मोड़ कर, उत्सव ने उल्लास मनाया है। जीर्ण-शीर्ण पुरातन का त्याग कर, नित्य-नूतन वायु में... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी · होली 81 Share Manisha Manjari 8 Mar 2024 · 1 min read स्त्रीत्व समग्रता की निशानी है। आशय व्यक्त करे कैसे, स्त्रीत्व समग्रता की निशानी है, वाक्यों, शब्दों की द्योतक भी है, और स्वयं में पूर्ण कहानी है। भावों की अनावृत परिचर्चा वो, जिसका आयाम स्वाभिमानी है,... Hindi · International Women Day · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 101 Share Manisha Manjari 26 Feb 2024 · 1 min read कहीं वैराग का नशा है, तो कहीं मन को मिलती सजा है, कहीं वैराग का नशा है, तो कहीं मन को मिलती सजा है, ये कैसे काफिले संग सफर है, जिसकी मंजिलें हीं लापता है। जो उड़ानें आसमानों की हैं, तो डोर... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 121 Share Manisha Manjari 22 Feb 2024 · 1 min read फ़लसफ़ा है जिंदगी का मुस्कुराते जाना। अब आना तो थोड़ी फुर्सत में आना, कितनी हीं बातें हैं पास मेरे, थोड़ी तो तुम सुनते जाना। यूँ तो हर पल लगा रहता है, तुम्हारी यादों का आना-जाना, पर... Hindi · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 2 81 Share Manisha Manjari 13 Feb 2024 · 1 min read मंजिलों की तलाश में, रास्ते तक खो जाते हैं, मंजिलों की तलाश में, रास्ते तक खो जाते हैं, खुद की रूह से, अजनबी हम हो जाते हैं। मन के आँगन में, सूनेपन की सिसकियाँ गूंजती हैं, शाम-ओ-सहर फिर, दबे... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 104 Share Manisha Manjari 9 Feb 2024 · 1 min read जिंदगी मुस्कुराती थी कभी, दरख़्तों की निगेहबानी में, और थाम लेता था वो हाथ मेरा, हर एक परेशानी में। जिंदगी मुस्कुराती थी कभी, दरख़्तों की निगेहबानी में, और थाम लेता था वो हाथ मेरा, हर एक परेशानी में। ना जाने किस, टूटते तारे की दुआएं लगी थी मुझे, कि... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 90 Share Manisha Manjari 21 Jan 2024 · 1 min read मुद्दतों बाद फिर खुद से हुई है, मोहब्बत मुझे। सफर तन्हाईयों का, बेइंतिहां सुकूं देता है मुझे, कदम अपने मेरे साथ, तुम बढ़ाया ना करो। बेहोश जज़्बातों में घुलकर, साँसें चलती हैं मेरी, होश की छींटों से मेरे एहसास,... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी · हिंदी कविताएं 88 Share Manisha Manjari 12 Jan 2024 · 1 min read समय को समय देकर तो देखो, एक दिन सवालों के जवाब ये लाएगा, समय को समय देकर तो देखो, एक दिन सवालों के जवाब ये लाएगा, दीये विश्वास के जला कर तो देखो, मन के अंधेरों को ये मिटायेगा। बादल घनेरे छायेंगे जरूर,... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 118 Share Manisha Manjari 12 Jan 2024 · 1 min read नववर्ष। एक प्रयास नया फिर आज करें, नववर्ष को नयी उम्मीदों से भरें, बीते वर्ष की इस सांझ तले, इक नयी भोर की नींव धरें। माना रस्ते कठिन बहुत हैं, साहस... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 147 Share Manisha Manjari 9 Jan 2024 · 1 min read आँखों में अब बस तस्वीरें मुस्कुराये। वो दूरियां सात समंदर की, तो तुम पार कर आये, पर अब ये फ़ासले जन्मों के, तू भी कैसे मिटाये? ये स्याह बादल भी ठहर कर, कुछ ऐसे हैं छाये,... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 138 Share Manisha Manjari 30 Dec 2023 · 1 min read वो गुलमोहर जो कभी, ख्वाहिशों में गिरा करती थी। वो गुलमोहर जो कभी, ख्वाहिशों में गिरा करती थी, अब तो बस ख़्वाबों की दहलीज पर बिखरती है। मुस्कुराती शामें जो सतरंगी आसमां तले बातों में गुजरती थी, अब अंतहीन... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 121 Share Manisha Manjari 28 Dec 2023 · 1 min read जब स्वयं के तन पर घाव ना हो, दर्द समझ नहीं आएगा। जब स्वयं के तन पर घाव ना हो, दर्द समझ नहीं आएगा, ये नियति हंस कर देख रही, कि कल काल तुझे समझायेगा। निंदनीय शब्दों की तीखी तलवार, तू आज... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 188 Share Manisha Manjari 27 Dec 2023 · 1 min read बिखरे सपनों की ताबूत पर, दो कील तुम्हारे और सही। बिखरे सपनों की ताबूत पर, दो कील तुम्हारे और सही, जख्मों से सुन्न पड़े इस मन पर, चीख इल्जामों के और सही। सुखे अश्रु से भरे नैनों में, पीड़ा की... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 138 Share Manisha Manjari 22 Dec 2023 · 1 min read मुझे मुझसे हीं अब मांगती है, गुजरे लम्हों की रुसवाईयाँ। सर्द आसमां में दिखती हैं, अधूरे चाँद की अंगड़ाईयाँ, टूटे तारों में बसती हैं, ठहरे मन्नतों की गहराईयां। अक्स सुलझा नहीं पाती हैं, खुद से पूछती अबूझ पहेलियाँ, ताँ उम्र... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 153 Share Manisha Manjari 22 Dec 2023 · 1 min read सवाल खाट पर पड़े दो नैनों में, सवाल बस यही एक आया है, इस इंतज़ार के लम्हों में, कौन अपना कौन पराया है। जिन अबोधों को शब्द दिया, वाण शब्दों के... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 149 Share Manisha Manjari 2 Dec 2023 · 1 min read कुछ रातों के घने अँधेरे, सुबह से कहाँ मिल पाते हैं। ये शिकवे भी तो, मुक़द्दर वाले हीं कर पाते हैं, बेचैनियों को शब्द, कहाँ अब भाते हैं। ये कोरे अश्क जो, मन को हल्का कर जाते हैं, पलकें पलों में,... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 3 2 198 Share Manisha Manjari 30 Nov 2023 · 1 min read इंतज़ार एक दस्तक की, उस दरवाजे को थी रहती, चौखट पर जिसकी धूल, बरसों की थी जमी हुई। इंतज़ार एक दस्तक की, उस दरवाजे को थी रहती, चौखट पर जिसकी धूल, बरसों की थी जमी हुई। निगाहें धरती की, उस आसमान को थी निहारती, बारिशों ने, जिसके बादलों... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 4 210 Share Manisha Manjari 27 Nov 2023 · 1 min read कल्पित एक भोर पे आस टिकी थी, जिसकी ओस में तरुण कोपल जीवंत हुए। रात्रि के गहन पहर में, गति श्वासों की मंद हुई, स्याह नयनों में मेघ थे छाये, आस के मोती स्वच्छंद हुए। जीवन के इस चंचल छल में, मृत्यु मस्त मलंग... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 153 Share Manisha Manjari 28 Oct 2023 · 1 min read बिखरे खुद को, जब भी समेट कर रखा, खुद के ताबूत से हीं, खुद को गवां कर गए। साहिलों को पाने की चाह में तूफां से हम टकरा गए, खुशियाँ जो किस्तों में आती थी, उसे भी गवां गए। थी चाहत की मरुभूमि में, एक पल की छाँव... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 3 144 Share Manisha Manjari 19 Oct 2023 · 1 min read तृष्णा उस मृग की भी अब मिटेगी, तुम आवाज तो दो। ठहरे क़दमों को भी राहें ढूंढ लेंगी, तुम आवाज तो दो, पत्थरों को भी धड़कनें नई मिलेंगी, तुम आवाज तो दो। सवेरों में सूरज की रौशनी खिलेगी, तुम आवाज तो... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 4 237 Share Manisha Manjari 12 Oct 2023 · 1 min read जब मरहम हीं ज़ख्मों की सजा दे जाए, मुस्कराहट आंसुओं की सदा दे जाए। जब मरहम हीं ज़ख्मों की सजा दे जाए, मुस्कराहट आंसुओं की सदा दे जाए। खामोशी में एक चीख़ उठा करती है, एहसासों में एक तीर चुभा करती है। मुद्दतों बाद... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 274 Share Manisha Manjari 7 Oct 2023 · 1 min read वो ख़्वाहिशें जो सदियों तक, ज़हन में पलती हैं, अब शब्द बनकर, बस पन्नों पर बिखरा करती हैं। वो ख़्वाहिशें जो सदियों तक, ज़हन में पलती हैं, अब शब्द बनकर, बस पन्नों पर बिखरा करती हैं। वो मुस्कुराहटें जो, मासूम सी आँखों में कभी बसती हैं, अब बूँदें... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 141 Share Manisha Manjari 3 Oct 2023 · 1 min read जो संतुष्टि का दास बना, जीवन की संपूर्णता को पायेगा। आवरण ये अंधकार का, प्रकाश का मूल्य बढ़ायेगा, रात्रि के पहर को लाँघ, वो सूर्य भोर बन छायेगा। आशाओं का खंडित होना, हृदय की पीड़ा जगायेगा, पर साहस की पतवार... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 204 Share Manisha Manjari 27 Sep 2023 · 1 min read हाँ, ये आँखें अब तो सपनों में भी, सपनों से तौबा करती हैं। इस क्षितिज का चाँद, जब भी अक्स से मेरे आ मिलता है, दर्द भरी आँखों में, सुकून का एक पल खिलता है। सहलाती हैं हवाएं, परछाइयों को मेरे कुछ इस... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 129 Share Manisha Manjari 14 Sep 2023 · 1 min read मोहब्बत पलों में साँसें लेती है, और सजाएं सदियों को मिल जाती है, दिल के सुकूं की क़ीमत, आँखें आंसुओं की किस्तों से चुकाती है मोहब्बत पलों में साँसें लेती है, और सजाएं सदियों को मिल जाती है, दिल के सुकूं की क़ीमत, आँखें आंसुओं की किस्तों से चुकाती है। बातों की चाहतें जगती हैं,... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 127 Share Manisha Manjari 22 Aug 2023 · 1 min read सुस्त हवाओं की उदासी, दिल को भारी कर जाती है। सुस्त हवाओं की उदासी, दिल को भारी कर जाती है, ठहरी यादों की कश्तियाँ, जब पानी पर लहराती हैं। साँसों में घुले बचपन को, आँखों के परदों पर सजाती है,... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 127 Share Manisha Manjari 18 Aug 2023 · 1 min read "मैं" के रंगों में रंगे होते हैं, आत्मा के ये परिधान। जमीं हक़ीक़त की और ख़्वाबों सा ऊँचा ये आसमान, एक दूजे से टकराकर, जो होते हैं अक्सर परेशान। एक तरफ़ आंसुओं से गढ़ी जाती है, जीवन की हर दास्तान, तो... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 259 Share Manisha Manjari 12 Aug 2023 · 1 min read जो भूलने बैठी तो, यादें और गहराने लगी। जो भूलने बैठी तो, यादें और गहराने लगी, सपनों सी मुलाक़ातें, पलकों के परदों पर आने लगी। ग़ैरों की भीड़ में, आवाज़ें तेरी गुनगुनाने लगी, बेमक़सद सी मुस्कराहट, यूँ हीं... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 212 Share Manisha Manjari 11 Aug 2023 · 1 min read ये आँधियाँ हालातों की, क्या इस बार जीत पायेगी । ये आँधियाँ हालातों की, क्या इस बार जीत पायेगी, खुशियों के जो चुराए लम्हें, उन्हें छीन ले जायेगी। लहरों पर चलती ख़्वाहिशें, साहिलों से मिल पायेगी, या गहराईयां समंदर की,... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 234 Share Manisha Manjari 10 Aug 2023 · 1 min read कुछ परछाईयाँ चेहरों से, ज़्यादा डरावनी होती हैं। कुछ परछाईयाँ चेहरों से, ज़्यादा डरावनी होती हैं, गहरी खाईयां मैदानों से, बचाती वहाँ दिखती हैं। शोर चुभता नहीं, रूह को छलनी किये देता है, खामोश दर्पण व्यक्तित्व को, शब्दों... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 360 Share Manisha Manjari 30 Jul 2023 · 1 min read क्या होगा कोई ऐसा जहां, माया ने रचा ना हो खेल जहां, क्या होगा कोई ऐसा जहां, माया ने रचा ना हो खेल जहां, कलकल करती मिलती हों, निःस्वार्थ प्रेम की नदियाँ वहाँ। ईर्ष्या की स्याह स्याही से, ना रंगा दिखता हो... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 206 Share Manisha Manjari 25 Jul 2023 · 1 min read गति साँसों की धीमी हुई, पर इंतज़ार की आस ना जाती है। गति साँसों की धीमी हुई, पर इंतज़ार की आस ना जाती है, दरवाजे पर टिकी ये नज़र, उम्मीदों के दीये जलाती है। छोड़ गया था ये कहकर, मेरी दुनिया तू... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 151 Share Manisha Manjari 24 Jul 2023 · 1 min read तस्वीरों में मुस्कुराता वो वक़्त, सजा यादों की दे जाता है। तस्वीरों में मुस्कुराता वो वक़्त, सजा यादों की दे जाता है, परतें धूल की हटाते हीं, तेरे अस्तित्व को ज़िंदा कर लाता है। उठते हैं तूफ़ान पुराने, और नए आशियानों... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 370 Share Manisha Manjari 24 Jul 2023 · 1 min read धाराओं में वक़्त की, वक़्त भी बहता जाएगा। धाराओं में वक़्त की, वक़्त भी बहता जाएगा, ये आज हीं बीता कल और, आने वाला कल कहलायेगा। जीवन की इस यात्रा में जो तू, नदी सी सौम्यता अपनाएगा, पत्थरों... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 239 Share Manisha Manjari 24 Jul 2023 · 1 min read अस्तित्व अंधेरों का, जो दिल को इतना भाया है। अस्तित्व अंधेरों का, जो दिल को इतना भाया है, रौशनी के घने धोखों से, इसी ने तो बचाया है। सूरज के उस ताप ने, जिस अस्तित्व को जलाया है, चाँद... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 227 Share Manisha Manjari 23 Jul 2023 · 1 min read विडंबना इस युग की ऐसी, मानवता यहां लज्जित है। विडंबना इस युग की ऐसी, मानवता यहां लज्जित है, अहंकार ने पग यूँ पसारे, की चेतना भी मूर्छित है। अभिमान का ताप गहन है, नैतिकता तो वर्जित है, निर्वस्त्र हो... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 110 Share Manisha Manjari 20 Jul 2023 · 1 min read आदतों में तेरी ढलते-ढलते, बिछड़न शोहबत से खुद की हो गयी। आदतों में तेरी ढलते-ढलते, बिछड़न शोहबत से खुद की हो गयी, बारिशों से भींगती रही आँखें मगर, जुदा मुक़द्दर के बादलों से हो गयी। कदम बढ़ते रहे रास्तों पर, और... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 4 2 160 Share Manisha Manjari 14 Jul 2023 · 1 min read अब युद्ध भी मेरा, विजय भी मेरी, निर्बलताओं को जयघोष सुनाना था। संघर्ष भरी उस यात्रा का, हर पड़ाव हीं अनजाना था, शोलों और काँटों पर, नंगे पगों को चलते जाना था। आरम्भ हुआ एक युद्ध, जिससे सम्मान का ताना-बाना था, मिथ्या... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 5 5 306 Share Page 1 Next