Posts Tag: Manisha Manjari Hindi Poem 243 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Manisha Manjari 23 Sep 2025 · 1 min read गर्दिशें बुलाती हैं तो, सितारे खींचे चले जाते हैं, गर्दिशें बुलाती हैं तो, सितारे खींचे चले जाते हैं, दुआएं पूरी करने वाले, फिर दुआएं बनकर मिट जाते हैं। गवाही देता है ये आसमां, मोहब्बत के पाकीजगी की, फिर भी... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 116 Share Manisha Manjari 19 Aug 2025 · 1 min read स्याह रातों की तन्हाईयाँ, यूँ हीं तो नहीं मुझे भाती हैं, स्याह रातों की तन्हाईयाँ, यूँ हीं तो नहीं मुझे भाती हैं, सितारों से भरे आसमां में, तेरी तस्वीर ये सजाती है। ढहते खंडहर की खामोशी, मेरे कानों को जो सुहाती... Hindi · Authormanishamanjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता 94 Share Manisha Manjari 16 Aug 2025 · 1 min read हाँ, ये प्रतिबिम्ब झूठ बोलते हैं, हाँ, ये प्रतिबिम्ब झूठ बोलते हैं, दिखाते हैं ये आँखों का रंग, काया की आभा, पर रूह की गहराईओं से, रहता इनका नाता नहीं, विचारों का द्वंद इनसे, दिखाया जाता... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 112 Share Manisha Manjari 13 Aug 2025 · 1 min read ठहरी हुई सी जिंदगी, और ये खानाबदोश एहसास, ठहरी हुई सी जिंदगी, और ये खानाबदोश एहसास, चलते रहे दो किनारों की तरह, पर ना आ सके हम पास। शहर तो था वो बहारों का, जो आया नहीं कभी... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 80 Share Manisha Manjari 13 Aug 2025 · 1 min read हो सके तो एक बार फिर से, मिलना तुम मुझसे, हो सके तो एक बार फिर से, मिलना तुम मुझसे, कोरे मन की समतल धरा पर, खिलते ख्वाब की तरह। जो पर्वतों से रिसकर सागर को ढूंढती हैं, उन धाराओं... Hindi · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 94 Share Manisha Manjari 8 Aug 2025 · 1 min read सिन्दूरी सांझ की रेत पर, एक तन्हा घरौंदा बिलख रहा, सिन्दूरी सांझ की रेत पर, एक तन्हा घरौंदा बिलख रहा, कुछ ख्वाब अधूरे सिसक रहे, एक आस का टुकड़ा बिखर रहा। तपती धूप तो सहचरी रही, संग जिसके रंग सुनहरा... Hindi · Authormanishamanjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 178 Share Manisha Manjari 28 Jul 2025 · 1 min read बीते समय का जर्जर पुल वो, और नीचे बहती यादों की कश्ती, बीते समय का जर्जर पुल वो, और नीचे बहती यादों की कश्ती, हर दिन भींगते पाँव वहाँ मेरे, क्या छींटें तुम तक भी पहुँचती। मन की लहरों में ज्वार है... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 115 Share Manisha Manjari 28 Jul 2025 · 1 min read ये ज्वलंत वेदना तुम्हारी, कौन समझ पायेगा, ये ज्वलंत वेदना तुम्हारी, कौन समझ पायेगा, जो भी मिलेगा, निर्णयात्मकता की कटार उठाएगा। पीड़ा सिर्फ स्वयं की, समझ आती है इस संसार को, पराये दुःख पर, आलोचनाओं का बाजार... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 92 Share Manisha Manjari 21 Jul 2025 · 1 min read वो सुदूर अनंत, और विरक्ति की स्याही, वो सुदूर अनंत, और विरक्ति की स्याही, मन का कोरापन, और शब्दों की मनाही। एक धूमिल दृष्टि, जो अश्रुओं से नहायी, संवेदनाओं की, यूँ हुई थी जगहंसाई। कोमल अस्तित्व, और... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 135 Share Manisha Manjari 20 Jul 2025 · 1 min read काश बदलती ऋतुओं संग, मौसम मन का भी बदल जाता, काश बदलती ऋतुओं संग, मौसम मन का भी बदल जाता, बहुत समय से धूप खिली है, संग छाँव लिए कोई बादल आता। जल रही है चिता कई, और यादों की... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 77 Share Previous Page 2 Next