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Tag: Ghazal
35 posts
यह सूखे होंठ समंदर की मेहरबानी है
यह सूखे होंठ समंदर की मेहरबानी है
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
ख़ुद ही हालात समझने की नज़र देता है,
ख़ुद ही हालात समझने की नज़र देता है,
Aditya Shivpuri
हाँ तुझे बस ये बताना चाहता हूँ
हाँ तुझे बस ये बताना चाहता हूँ
Johnny Ahmed 'क़ैस'
ग़ज़ल-धीरे-धीरे
ग़ज़ल-धीरे-धीरे
Sanjay Grover
नाचनेवालियाँ
नाचनेवालियाँ
Johnny Ahmed 'क़ैस'
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Chandan sharma
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Johnny Ahmed 'क़ैस'
ग़ज़ल
ग़ज़ल "दिवाली"
Sandeep Singh Chouhan "Shafaq"
सन्नाटा
सन्नाटा
Rajeev kumar
हक़ीक़त बताना ज़रूरी नहीं था
हक़ीक़त बताना ज़रूरी नहीं था
Johnny Ahmed 'क़ैस'
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Sandeep Singh Chouhan "Shafaq"
तू रूबरू हो कर भी हमसे मिलता नहीं
तू रूबरू हो कर भी हमसे मिलता नहीं
Trishika S Dhara
पत्थर से दिल लगाने चले हैं
पत्थर से दिल लगाने चले हैं
Trishika S Dhara
ख़ास से आम बनाना ज़रूरी था
ख़ास से आम बनाना ज़रूरी था
Trishika S Dhara
सिर्फ़ मरते हैं यहाँ ...
सिर्फ़ मरते हैं यहाँ ...
SURYA PRAKASH SHARMA
ग़ज़ल
ग़ज़ल
himanshu mittra
वही है जो इक इश्क़ को दो जिस्म में करता है।
वही है जो इक इश्क़ को दो जिस्म में करता है।
Monika Verma
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Anjuman M Arzoo
तुम से उम्मीद–ए–हिमायत बहुत है
तुम से उम्मीद–ए–हिमायत बहुत है
Trishika S Dhara
मुद्दतों से तुम्हारा दीदार न मिला
मुद्दतों से तुम्हारा दीदार न मिला
Trishika S Dhara
आँखों में मायूसी का मंज़र क्यों है
आँखों में मायूसी का मंज़र क्यों है
Trishika S Dhara
वो चाहतें हैं हमको कीचड़ में गिराना
वो चाहतें हैं हमको कीचड़ में गिराना
Trishika S Dhara
पेशे से मज़हब का ठेकेदार लगता है
पेशे से मज़हब का ठेकेदार लगता है
Trishika S Dhara
मिरे आगे ज़िक्र-ए-अग़्यार क्यों करते हो
मिरे आगे ज़िक्र-ए-अग़्यार क्यों करते हो
Trishika S Dhara
सदियाँ लगीं संभलने में
सदियाँ लगीं संभलने में
Trishika S Dhara
उकता कर हम ने ये काम कर दिया
उकता कर हम ने ये काम कर दिया
Trishika S Dhara
ये रात बावरी मुझे बेचैन कर जाएगी
ये रात बावरी मुझे बेचैन कर जाएगी
Trishika S Dhara
बरसों से जिन्हें अपना माना
बरसों से जिन्हें अपना माना
Trishika S Dhara
संगदिल लोगों पे जाँ-निसार मत कीजिए
संगदिल लोगों पे जाँ-निसार मत कीजिए
Trishika S Dhara
जुदाई - चंद अशआर
जुदाई - चंद अशआर
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
Ghazal
Ghazal
shahab uddin shah kannauji
Ghazal
Ghazal
shahab uddin shah kannauji
चंद अशआर
चंद अशआर
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
चंद अशआर
चंद अशआर
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
जिस से रिश्ता निभाता रहा उम्रभर
जिस से रिश्ता निभाता रहा उम्रभर
Johnny Ahmed 'क़ैस'
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