Tag: Ghazal
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यह सूखे होंठ समंदर की मेहरबानी है
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
पत्थर से दिल लगाने चले हैं
Trishika S Dhara
हाँ तुझे बस ये बताना चाहता हूँ
Johnny Ahmed 'क़ैस'
ग़ज़ल
Anjuman M Arzoo
ख़ास से आम बनाना ज़रूरी था
Trishika S Dhara
सिर्फ़ मरते हैं यहाँ ...
SURYA PRAKASH SHARMA
हक़ीक़त बताना ज़रूरी नहीं था
Johnny Ahmed 'क़ैस'
आँखों में मायूसी का मंज़र क्यों है
Trishika S Dhara
ये रात बावरी मुझे बेचैन कर जाएगी
Trishika S Dhara
मुद्दतों से तुम्हारा दीदार न मिला
Trishika S Dhara
सदियाँ लगीं संभलने में
Trishika S Dhara
तुम से उम्मीद–ए–हिमायत बहुत है
Trishika S Dhara
तू रूबरू हो कर भी हमसे मिलता नहीं
Trishika S Dhara
वही है जो इक इश्क़ को दो जिस्म में करता है।
Monika Verma
बरसों से जिन्हें अपना माना
Trishika S Dhara
ग़ज़ल
Johnny Ahmed 'क़ैस'
ग़ज़ल
himanshu mittra
Ghazal
shahab uddin shah kannauji
नाचनेवालियाँ
Johnny Ahmed 'क़ैस'
चंद अशआर
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
उकता कर हम ने ये काम कर दिया
Trishika S Dhara
जुदाई - चंद अशआर
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
Ghazal
shahab uddin shah kannauji
चंद अशआर
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
जिस से रिश्ता निभाता रहा उम्रभर
Johnny Ahmed 'क़ैस'
पेशे से मज़हब का ठेकेदार लगता है
Trishika S Dhara
वो चाहतें हैं हमको कीचड़ में गिराना
Trishika S Dhara
मिरे आगे ज़िक्र-ए-अग़्यार क्यों करते हो
Trishika S Dhara
संगदिल लोगों पे जाँ-निसार मत कीजिए
Trishika S Dhara
ग़ज़ल
Chandan sharma
ग़ज़ल "दिवाली"
Sandeep Singh Chouhan "Shafaq"
ग़ज़ल
Sandeep Singh Chouhan "Shafaq"
ग़ज़ल-धीरे-धीरे
Sanjay Grover
ख़ुद ही हालात समझने की नज़र देता है,
Aditya Shivpuri
सन्नाटा
Rajeev kumar