Posts Tag: सोरठा छंद 15 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid surenderpal vaidya 9 Nov 2025 · 1 min read आओ बैठें पास मुक्तक ~~~~ आओ बैठें पास, झंझट सारे छोड़ कर। होना नहीं उदास, कहीं भी मुंह मोड़ कर। मिट जाएंगे कष्ट, हमारे सहज ही सभी। करते रहें प्रयास, पुराने सूत्र जोड़... Hindi · मुक्तक · सोरठा छंद 1 1 51 Share Raj kumar 31 Aug 2025 · 1 min read सोरठा छन्द सोरठा छन्द ------------ बन जाती सैलाब, जो है जीवन दायनी। बह जाता है आब, लेकर सबको साथ में।। गलती जल की नाय, हमने ही छेड़ा उसे। लेते भवन बनाय, मारग... Hindi · सोरठा छंद 528 Share Raj kumar 23 Jun 2025 · 1 min read सोरठा छंद सोरठा छंद -------------- बड़ी भयानक जंग, मध्य-पूर्व में है मची। होत न कोई संग, कठिन समय के दौर में।। विश्व शांति की बात, घर बैठे सब कर रहे। अच्छे यह... Hindi · Quote Writer · सोरठा छंद 1 653 Share Raj kumar 10 Mar 2025 · 1 min read सोरठा सोरठा --------- राज सुखी संसार, दुखमें रहे न कोय जन। सबसे करो दुलार, मस्ती में डूबे फिरैं।। ये होली के रंग, भिगो देत सब तन बदन। खेलो सबके संग, मिल-जुल... Hindi · Quote Writer · सोरठा छंद 494 Share Sudhir srivastava 20 Feb 2025 · 2 min read सोरठा छंद धर्म ***** सबसे सुंदर धर्म, अपना सबको लग रहा। समझ रहे जो मर्म, मुट्ठी भर ही लोग हैं।। रोज नया उपदेश, धर्म-कर्म का दें सभी। खुद इसका परिवेश, जिन्हें नहीं... Hindi · सोरठा छंद 1 144 Share Sudhir srivastava 17 Feb 2025 · 1 min read सोरठा छंद विविध ******** किसे फ़िक्र है आज, अपनों के ही दर्द की। छिपते सारे राज ,जब पीड़ा हो तोषिनी।। किसको कहें गरीब , सब गरीब हैं जब यहां। दुनिया बनी रकीब,... Hindi · सोरठा छंद 135 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 3 Aug 2024 · 1 min read सत री संगत संगत की नह संत, पड्यो माया मोद में। याद करियौ भगवंत, जातो टांणै जीतिया।। © जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया...✍️ Rajasthani · सोरठा छंद 241 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 3 Aug 2024 · 1 min read सोरठौ हुनर करोह हजार, लिखयां सो ही लाभसी। देवै वो दातार, जतन प्रवाणै जीतिया।। जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया..✍️ Rajasthani · सोरठा छंद 386 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 3 Aug 2024 · 1 min read राम रटलै थ्हारी म्हारी छोड़, रचना रटलै राम नै। ठावी मिळ्सी ठौड़, राम रावळै जीतिया।। जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया..✍️ Rajasthani · सोरठा छंद 194 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 3 Aug 2024 · 1 min read मारगियां हैं तंग, चालो भायां चेत ने। मारगियां हैं तंग, चालो भायां चेत ने। जीवण हंदी जंग, जग में दोरी जीतणी।। © जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया..✍️ Rajasthani · सोरठा छंद 204 Share Page 1 Next