Posts Tag: सोचो मन के उस हद तक 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid मनोज कर्ण 6 Jan 2025 · 1 min read सोचो मन के उस हद तक सोचो मन के उस हद तक सोचो मन के, उस हद तक जिसके पार, कुछ भी न हो.. तृष्णा-वितृष्णा का भेद मिटे और जीवनकथा, व्यथा ना हो.. तर्क-वितर्क से रहित,हो... Hindi · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · कविता_गीत · काव्य · सोचो मन के उस हद तक 3 2 178 Share