Posts Tag: सम सामयिक 148 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid *प्रणय* 18 Nov 2024 · 1 min read #दो_पंक्तियां- #दो_पंक्तियां- ■ सत्ता को साहित्य का संकेत। [प्रणय प्रभात] आम जन व राष्ट्र के हित में सत्ता व शासक को जगाने का दायित्व साहित्य का रहा है। साहित्य ने अपनी... Hindi · प्रतीकात्मक पंक्तियां · सम सामयिक 1 15 Share *प्रणय* 17 Nov 2024 · 1 min read #चिंतनीय #चिंतनीय #यह_हाल_है_साहब...! ■ ऐसे होगा तो कैसे होगा न्याय.....? 【प्रणय प्रभात】 ★ अपराधी की मौखिक स्वीकारोक्ति को न्यायालय में मान्यता नहीं। ★ 14 दिन से अधिक की रिमांड देने में... Hindi · प्रसंगवश · सम सामयिक 1 19 Share *प्रणय* 14 Nov 2024 · 3 min read #व्यंग्यात्मक_आलेख #आज_की_बात- ■ *अब क्या और क्यों मनाना बाल दिवस...?* ● *न बाल-बच्चों का आज सुरक्षित, न आपके अपने बाल।* [प्रणय प्रभात] वैसे तो वैमनस्य की राजनीति ने मासूम बच्चों से... Hindi · दिवस विशेष · प्रणय के लेख · सम सामयिक 1 18 Share *प्रणय* 11 Nov 2024 · 1 min read #काश- #काश- ■ कभी न कभी। [प्रणय प्रभात] राहत थोड़ी, ज़्यादा मौका, अक़्सर देती मातम का। दरियादिली बढ़ा देती है क़द हर बार ज़रायम का।। बहुत दूर तक नज़र जा सके,... Hindi · प्रणय के मुक्तक · सम सामयिक 1 26 Share *प्रणय* 13 Oct 2024 · 2 min read ■आक्रोश की अभिव्यक्ति■ #तीखी_कविता- ■ सुप्त शक्ति के नाम। 【प्रणय प्रभात】 "निर्भया सा नाम देकर, पीड़िता की रूह पर, सांत्वना की रूई के, फाहे लगाना छोड़ दो। तख्तियाँ रख दो उठा कर, मोमबत्ती... Hindi · प्रणय की कविता · सम सामयिक 1 31 Share *प्रणय* 3 Oct 2024 · 11 min read #वाक़ई- #वाक़ई- ■ बहुत कुछ साफ़ हुआ साहब! दस साल में। [प्रणय प्रभात] मान गए साहब, आपके "स्वच्छता अभियान" को। क़सम से, बहुत कुछ "साफ़" हुआ बीते 10 साल में। साफ़... Hindi · प्रणय के व्यंग्य · प्रसंगवश · सम सामयिक 2 41 Share *प्रणय* 14 Sep 2024 · 1 min read #कविता- #क्रोध_की_कविता- ■ और कितने बलिदान...? ★ देश की बात, तंत्र के साथ 【प्रणय प्रभात】 शर्म एक दिन कर लेते तुम जश्न मनाने से। शर्म आज तो कर लेते सम्मान कराने... Hindi · प्रणय की कविता · सम सामयिक 1 54 Share *प्रणय* 11 Sep 2024 · 1 min read 🙅सामयिक मुक्तक🙅 #सामयिक_मुक्तक- 🙅जंगल में दंगल...।।🙅 *(तारीख़ पे तारीख़)* "रिहाई पर सियासत बढ़ रही है, तो किश्तों में हिरासत बढ़ रही है। जिधर चारों तरफ़ पसरा अंधेरा, उधर रोशन रियासत बढ़ रही... Hindi · प्रणय के मुक्तक · सम सामयिक 1 39 Share *प्रणय* 8 Sep 2024 · 1 min read #सामयिक_कविता:- #सामयिक_कविता:- ■ मदमस्त कुम्भकर्णों के लिए ◆ जिन्हें कल की आहट नहीं आ रही आज 【प्रणय प्रभात】 खा लो पी लो, जग लो सो लो। नाचो गाओ, हँस लो बोलो।।... Hindi · प्रणय की कविता · सम सामयिक 1 45 Share *प्रणय* 6 Sep 2024 · 1 min read #मुक्तक- #मुक्तक- ■ कल, आज और कल पर। 【प्रणय प्रभात】 "ग़फ़लतों की नींद जो सोते रहे हैं, जाग के अक़्सर वही रोते रहे हैं। कल हुए वो हादसे आगे भी होंगे,... Hindi · प्रणय के मुक्तक · सम सामयिक 1 38 Share *प्रणय* 5 Sep 2024 · 1 min read ■शिक्षक दिवस (05 सितंबर)■ #वर्तमान- ■ परखनली में शिक्षा और ■ सलीब पर शिक्षक ●*(बाक़ी सब तस्वीर में)*● साल में एक दिन करते रहिए रस्म-अदायगी। होते रहिए खुश, संक्रमण के बीच। गरिमा व गौरव... Hindi · सम सामयिक 1 30 Share *प्रणय* 1 Sep 2024 · 1 min read #लघुकविता- #लघुकविता- ■ वीर शिवा सब देख रहे।। 【प्रणय प्रभात】 "आधे आधों को कोस रहे, तो आधे माफ़ी मांग रहे। अपशब्दों के बम फोड़ रहे," मर्यादा खूंटी टांग रहे।। मंशा है... Hindi · प्रणय की लघुकविता · सम सामयिक 1 58 Share *प्रणय* 25 Aug 2024 · 1 min read 😊 चलो हॉट सीट पर 😊 😊 #ओपन_चेलेंज 【प्रणय प्रभात】 #KBC का नया #सीज़न शुरू हो रहा है। जिसमें एक #सवाल का सही #जवाब देकर आप #डायरेक्ट पहुंच सकते हैं "धधकती कुर्सी" यानि "हॉट सीट" पर।... Hindi · सम सामयिक 32 Share *प्रणय* 25 Aug 2024 · 2 min read #ध्यानाकर्षण- #ध्यानाकर्षण- ■ यही है कालचक्र। 【प्रणय प्रभात】 अति-प्राचीन काल में इसी पुण्य-धरा पर उपजने वाले असुर अपनी तपस्या से देवताओं को प्रसन्न करते थे। उन्हें प्रकट होने के लिए बाध्य... Hindi · प्रसंगवश · सम सामयिक 1 64 Share *प्रणय* 7 Dec 2023 · 5 min read #सामयिक_विमर्श #सामयिक_विमर्श ■ आपकी तस्वीर आपकी पहचान 【प्रणय प्रभात】 साहित्य की तरह मानवीय जीवन भी विविध रसों का केंद्र है। जिसे हम "विविध आयामों का समुच्चय" भी कह सकते हैं। प्रत्येक... Hindi · आलेख · सम सामयिक 1 240 Share *प्रणय* 5 Dec 2023 · 3 min read #व्यंग्य- #व्यंग्य- ■ न्यूज़ : उड़ा दे फ्यूज, करे कन्फ्यूज़। ★ समाचार बोले तो गुर्दा-फाड़ स्पर्द्धा। 【प्रणय प्रभात】 समाचार अब समाचार नहीं रहे। केवल चीत्कार बन चुके हैं। चीत्कार भी निरीह... Hindi · फ्रीस्टाइल हास्य-व्यंग्य · मीडिया · सम सामयिक 1 200 Share *प्रणय* 1 Dec 2023 · 5 min read #आलेख- #सामयिक_आलेख- ■ "एक्जिट पोल" माने "तीर में तुक्का" ★ केवल मज़ा लें, भरोसा न करें आंकड़ों के झूठे खेल पर ★ गर्भवती से प्रसूता बन ईव्हीएम सामने लाएंगी सच 【प्रणय... Hindi · आलेख · प्रसंगवश · विडंबना · सम सामयिक · हिंदुस्तान 1 243 Share *प्रणय* 29 Nov 2023 · 1 min read ■ कृष्ण_पक्ष #दूसरा_पहलू- ■ पाओ मौक़ा, मारो चौका 【प्रणय प्रभात】 प्रकृति को छेड़ो, आपदा को बुलाओ। आस्था से खेलो, मुसीबत को लाओ। आई बला को, सुर्खी बनाओ। इसी सुर्खी को, अवसर बनाओ।... Hindi · राजनीति · व्यंग्यकविता · सम सामयिक · हिंदुस्तान 173 Share *प्रणय* 18 Nov 2023 · 4 min read #कड़े_क़दम #कड़े_क़दम ■ जो बनाएं सोशल प्लेटफॉर्म पर अनुशासन का माहौल।। ◆ चुनाव में विधानों को न लगे पलीता। ★ सरकारों सा तमाशाई न बने आयोग। 【प्रणय प्रभात 】 सोशल मीडिया... Hindi · आलेख · सम सामयिक · सरोकार · हिंदुस्तान 1 2 198 Share *प्रणय* 16 Nov 2023 · 1 min read #तेवरी- #तेवरी- ■ वो दंगल है राम भरोसे।। ● जो होना था काम भरोसे। वो दंगल है राम भरोसे।। ● बोली लगा लगा नीलामी। जनादेश तक दाम भरोसे।। ● पांच साल... Hindi · तेवरी · देसी ग़ज़ल · सम सामयिक 1 242 Share *प्रणय* 15 Nov 2023 · 1 min read #आह्वान_तंत्र_का #लघुकविता- ■ समझौतों की भाषा त्यागो।। 【प्रणय प्रभात】 "दो फेंक दूर झुनझुना कहीं, ना लोरी गा कर बहलाओ। इससे पहले कुरुक्षेत्र बने, ये देश दुष्ट-दल दहलाओ।। क्यों सीमा रक्तिम रहे... Hindi · लघुकविता · सम सामयिक · हिंदुस्तान 1 220 Share *प्रणय* 13 Nov 2023 · 7 min read ■ चुनावी_मुद्दा #चुनावी_मुद्दा ■ "अटल टेंशन" बनाम "ओल्ड पेंशन।" 【प्रणय प्रभात】 "आदमी दो और गोलियां तीन। बहोत नाइंसाफ़ी है ये, बहोत नाइंसाफ़ी है।" वर्ष 1975 में रजतपट पर आई ब्लॉक-बस्टर फ़िल्म "शोले"... Hindi · आलेख · चुनावी मुद्दा · सम सामयिक 1 210 Share *प्रणय* 2 Nov 2023 · 1 min read ■ अभाव, तनाव, चुनाव और हम #सामयिक_रचना- ■ क्या खाक़ मनाएं दीवाली...? 【प्रणय प्रभात】 बरसात बिना गुम हरियाली। सूखी शाखें, सूखी डाली।। ऊपर से विकट महामारी। जिससे सारी दुनिया हारी।। लाचार करोड़ों कामगार। बेबस श्रम करता... Hindi · प्रणय की कविता · विडम्बना · सम सामयिक · हिंदुस्तान 1 165 Share *प्रणय* 17 Oct 2023 · 7 min read ■ सामयिक आलेख- #जागो_जनता_जनार्दन ■ अब दल नहीं जनता तय करे "मुद्दे" ★ ताकि सच मे सशक्त हो सके गणराज्य का जनमत ★ बेमिसाल हो चुनावों से भरा साल-2023/24 【प्रणय प्रभात】 लोकतंत्र का... Hindi · चुनावी साल · राजनीति · सम सामयिक · हिंदुस्तान 1 216 Share *प्रणय* 3 Oct 2023 · 2 min read #बन_जाओ_नेता #सामयिक_व्यंग्य ■ अगर हों 50 फ़ीसदी हुनर। 【प्रणय प्रभात】 "बेकारी को रोना छोड़ो, बेगारी को अपनाओ। निम्नलिखित गुण पास अगर हों, तो ख़ुद पे ख़ुद इतराओ।। मंत्र मलाई पाने वाला,... Hindi · प्रणय की कविता · सम सामयिक 1 275 Share *प्रणय* 25 Sep 2023 · 3 min read #मुझे_गर्व_है #वैयक्तिक_अभिमत- ■ अपने अनारक्षित होने पर।। 【प्रणय प्रभात】 विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के एक साधारण नागरिक के रूप में मुझे किसी भारतीय के आरक्षित होने पर कोई आपत्ति नहीं।... Hindi · आलेख · सम सामयिक 1 171 Share *प्रणय* 13 Sep 2023 · 3 min read ■ विशेष व्यंग्य... #हिंदी_दिवस_विशेष ■ नौकरशाहों और नेताओं की दृष्टि में साहित्यकार 【प्रणय प्रभात】 भाषा और साहित्य दोनों के लिए कथित "अमृतकाल" किसी विषाक्त व संक्रामक काल से कम नहीं। इस अटल सच... Hindi · दिवस विशेष · फ्रीस्टाइल हास्य-व्यंग्य · भाषा और साहित्य · सम सामयिक · हिंदी दिवस 1 190 Share *प्रणय* 2 Sep 2023 · 1 min read #सामयिक_कविता:- #सामयिक_कविता:- ■ मदमस्त कुम्भकर्णों के नाम।। 【प्रणय प्रभात】 खा लो पी लो जग लो सो लो। नाचो गाओ हँस लो बोलो।। अपनी-अपनी अकड़ दिखा लो। झूठी-सच्ची पकड़ दिखा लो।। निज... Hindi · प्रणय की कविता · सम सामयिक 1 251 Share *प्रणय* 27 Aug 2023 · 1 min read #पैरोडी- #पैरोडी- ■ आ गया फिर से चुनाव है...! 【प्रणय प्रभात】 पड़ जा गले कि आ गया फिर से चुनाव है। सुनने में आ रहा तेरी ख़तरे में नाव है।। -... Hindi · कविता राजनीति · पैरोडी · सम सामयिक 1 181 Share *प्रणय* 25 Aug 2023 · 1 min read #ग़ज़ल- #ग़ज़ल- ■ दुल्हन है भगवान भरोसे...!! 【प्रणय प्रभात】 ★ बेशुमार चोटें खाई हैं कई क़रारों की। जगह कहाँ है इस दिवार में और दरारों की।। ★ पत्ते-पत्ते पे पतझड़ की... Hindi · Gazal ग़ज़ल · सम सामयिक 1 319 Share *प्रणय* 24 Aug 2023 · 1 min read #सामयिक_कविता #सामयिक_कविता ■ क्या कहें किस से कहें? 【प्रणय प्रभात】 बोझ से रिश्ते हैं दिल पे भार है। चैन से जीना बहुत दुश्वार है।। घर के अंदर साँप और सीढ़ी का... Hindi · कविता · सम सामयिक 1 173 Share *प्रणय* 21 Aug 2023 · 1 min read #ग़ज़ल #ग़ज़ल ■ काली शब ने दिखलाए हैं वो मंज़र...! 【प्रणय प्रभात】 ● जो सबकी नज़रों से छिप कर निकलेगा। उसकी आस्तीन से खंज़र निकलेगा।। ● मेरा क़त्ल ज़रूरी है तो... Hindi · Gazal ग़ज़ल · सम सामयिक 1 191 Share *प्रणय* 16 Aug 2023 · 3 min read ■ प्रसंगवश.... #प्रसंगवश.... ■ संचालन एक सलीक़ा 【प्रणय प्रभात】 किसी भी आयोजन में संचालक की भूमिका देह में प्राणवायु जैसी होती है। जिस पर आयोजन का परिणाम निर्भर करता है। हिंदी, उर्दू... Hindi · आलेख · सम सामयिक 1 376 Share *प्रणय* 14 Aug 2023 · 1 min read #बस_छह_पंक्तियां #तंत्र_के_नाम ■ बस छह ज्वलंत पंक्तियां 【प्रणय प्रभात】 "कोविड ने बीवी को निगला बाढ़ ने बच्चे छीने। दो रोटी की ख़ातिर मंगत, दिन भर कचरा बीन। सड़कों पर दिन भर... Hindi · लघुकविता · सम सामयिक 1 194 Share *प्रणय* 14 Aug 2023 · 1 min read #विभाजन_दिवस #विभाजन_दिवस ■ काली रात, वही हालात 【प्रणय प्रभात】 किस तरह बसर बतलाओ काली रात करें? आख़िर किस मुँह से आज़ादी की बात करें? हम बदल कहाँ पाए हैं गुज़रे सालों... Hindi · लघुकविता · सम सामयिक 1 269 Share *प्रणय* 19 Jul 2023 · 2 min read #लघुकथा- #लघुकथा- ■ संख्या की सच्चाई...। 【प्रणय प्रभात】 एक क़रीबी मित्र की बेटी के विवाह में उपहार के रूप में डिनर-सेट देने का विचार बना। खरीदने के लिए दुकान पर पहुंचा... Hindi · प्रसंगवश · लघुकथा · सम सामयिक 1 234 Share *प्रणय* 4 Jul 2023 · 1 min read #देसी_ग़ज़ल #देसी_ग़ज़ल ■ जाल तलक कब आएगी...? (आज के हालात पर) 【प्रणय प्रभात】 ◆ मन की बतिया तन की बतिया, माल तलक कब आएगी? जनता रोटी में उलझी है, दाल तलक... Hindi · Gazal ग़ज़ल · तेवरी · देसी ग़ज़ल · सम सामयिक · हिंदुस्तान 1 164 Share *प्रणय* 28 Jun 2023 · 1 min read #संशोधित_बाल_कविता #संशोधित_बाल_कविता ■ खा ले बच्चा मूंगफली (केवल वादों की लालीपोप चूस कर खुश हो लेने और अच्छे कल के नाम पर आज बहल जाने वाले बड़े-बूढ़ों और जवानों के लिए)... Hindi · कटाक्ष · राजनीति · सम सामयिक · हिंदुस्तान 1 419 Share *प्रणय* 19 Jun 2023 · 1 min read #ऐसे_समझिए... #ऐसे_समझिए... ■ बदली दुनिया का दृष्टिकोण कुछ साल पहले तक किसी परीक्षा में 60 प्रतिशत अंक पा कर प्रथम श्रेणी अर्जित करना गर्व की बात होता था। आज 99 फ़ीसदी... Hindi · चिंतन · सम सामयिक 1 487 Share *प्रणय* 15 Jun 2023 · 1 min read #तेवरी / #देसी_ग़ज़ल #तेवरी / #देसी_ग़ज़ल ■ झूठ का सच ने पग पकड़ा है।। 【प्रणय प्रभात】 - ये पिछड़ा है वो अगड़ा है। ये सारा झूठा झगड़ा है।। - फूल हमेशा मुरझाए हैं।... Hindi · Gazal ग़ज़ल · तेवरी · मौजूदा हालात · सम सामयिक 1 359 Share *प्रणय* 11 Jun 2023 · 1 min read ■ पता नहीं इतनी सी बात स्वयम्भू विश्वगुरुओं को समझ में क्यों ■ पता नहीं इतनी सी बात स्वयम्भू विश्वगुरुओं को समझ में क्यों नहीं आती।। Hindi · राजनीति · सम सामयिक 1 115 Share *प्रणय* 10 Jun 2023 · 2 min read #सच_स्वीकार_करें..... #आपदा_के_बाद ■ सच स्वीकार करें..... 【प्रणय प्रभात】 लगभग तीन साल तक आपदा के एक विकट दौर ने दुनिया को बता दिया कि किसी भी मनुष्य के दैनिक जीवन की वास्तविक... Hindi · आलेख · चिंतन · सम सामयिक 376 Share *प्रणय* 9 Jun 2023 · 1 min read बहरों तक के कान खड़े हैं, बहरों तक के कान खड़े हैं, हर दिन तीव्र हो रहा शोर। फिर मेनका हुई है प्रस्थित, विश्वमित्र के मठ की ओर।। अब "बच के रहना रे बाबा, तुझ पे... Hindi · Quote Writer · कटाक्ष · सम सामयिक · हास परिहास 1 311 Share *प्रणय* 9 Jun 2023 · 1 min read #लघुकथा / #हिचकी #लघुकथा ■ गुर्दा-फाड़ हिचकी 【प्रणय प्रभात】 देवलोक में चैन की बंसी बजा रहे सूबे के तमाम दिवंगत महापुरुष इन दिनों बेहद परेशान हैं। परेशानी की वजह है ताबड़तोड़ गुर्दा-फाड़ व... Hindi · राजनीति · लघुकथा · सम सामयिक · हिंदुस्तान 1 313 Share *प्रणय* 8 Jun 2023 · 1 min read ■ सियासी ग़ज़ल #सियासी_ग़ज़ल ■ सत्ता का शिव धनुष 【प्रणय प्रभात】 ★ सत्ता का शिव-धनुष उठाएगा वो ही। सब मिल रोते रहना छाएगा वो ही।। ★ तुम बिल्ली से रोटी ले लड़ते रहना।... Hindi · Gazal ग़ज़ल · राजनीति · सम सामयिक · हिंदुस्तान 1 473 Share *प्रणय* 8 Jun 2023 · 1 min read #सामयिक ग़ज़ल #सामयिक ग़ज़ल ■ हत्यारा ख़ुद माली निकला।। 【प्रणय प्रभात】 - एहसासों से ख़ाली निकला। हर आँसू घड़ियाली निकला।। - भरा-भराया सा दिखता था। वो बादल जो ख़ाली निकला।। - क़त्ल... Hindi · Gazal ग़ज़ल · सम सामयिक 1 365 Share *प्रणय* 24 May 2023 · 2 min read #आप_भी_बनिए_मददगार ■ आप भी बनिए मददगार 【प्रणय प्रभात】 प्यारे मित्रों! आप सभी जानते हैं कि इन दिनों महामारी की आपदा के बाद अर्थव्यवस्था अब भी पूरी तरह से पटरी पर नहीं... Hindi · अपील · पहल · सम सामयिक 1 369 Share *प्रणय* 23 May 2023 · 1 min read #दोहा #दोहा ■ मौजूदा हालात... बागड़ खेत को चरने लगे। रक्षक ख़ुद भक्षक बन जाए। भंडारी लुटेरा निकल पड़े। तो समझ जाइएगा कि हो गया उद्धार। बाक़ी बात दोहा बताएगा।। ◆प्रणय... Hindi · दोहा · राजनीति · सम सामयिक · हिंदुस्तान 1 520 Share *प्रणय* 22 May 2023 · 2 min read ■ एक कविता / सामयिक संदर्भों में #कविता ■ चित्र के गर्भ में.... 【प्रणय प्रभात】 एक चित्र नुमाइश में था लगाया गया, कुछ ऐसा वाक़या था दिखाया गया। एक वृद्ध अपने हाथों में लाठी लिए हुए, सिर... Hindi · कविता · शब्दचित्र · सम सामयिक · हिंदुस्तान 1 166 Share *प्रणय* 21 May 2023 · 1 min read ■ बिल्कुल ताज़ा... #देहाती_दोहा ■ दो हजार को नोट 【प्रणय प्रभात】 आपन लाने नेकऊ, खोट भई ना चोट। एकऊ नाने पास में, दो हजार को नोट।।" सियावर रामचन्द की जै।। (वो रोएं, जिनके... Hindi · दोहा · सम सामयिक 1 264 Share Page 1 Next