Tag: वसंत
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*आया संवत विक्रमी,आया नूतन वर्ष (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*होली में लगते भले, मुखड़े पर सौ रंग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*मधुमास में मृदु हास ही से, सब सुवासित जग करें (गीत)*
Ravi Prakash
*फागुन का बस नाम है, असली चैत महान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*आए जब से राम हैं, चारों ओर वसंत (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*इस वसंत में मौन तोड़कर, आओ मन से गीत लिखें (गीत)*
Ravi Prakash
*आओ-आओ इस तरह, अद्भुत मधुर वसंत ( कुंडलिया )*
Ravi Prakash
*प्रेम का सिखला रहा, मधु पाठ आज वसंत है(गीत)*
Ravi Prakash
वसंत आगमन
SURYA PRAKASH SHARMA
*गाओ हर्ष विभोर हो, आया फागुन माह (कुंडलिया)
Ravi Prakash
*सुवासित हैं दिशाऍं सब, सुखद आभास आया है(मुक्तक)*
Ravi Prakash
*आ गया मौसम वसंती, फागुनी मधुमास है (गीत)*
Ravi Prakash
*खिले जब फूल दो भू पर, मधुर यह प्यार रचते हैं (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*शीत वसंत*
Nishant prakhar
गाती हैं सब इंद्रियॉं, आता जब मधुमास(कुंडलिया)
Ravi Prakash
*जब नशा साँसों में घुलता, मस्त मादक चाल है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*मदमस्त है मौसम हवा में, फागुनी उत्कर्ष है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
मेले चैती के शुरू, दिखती धूसर धूल (कुंडलिया)
Ravi Prakash
हुआ चैत्र आरंभ , सुगंधित कपड़े पहने (कुंडलिया)
Ravi Prakash
मासूम गुलाल (कुंडलिया)
Ravi Prakash
होली पर बरसात हो , बरसें ऐसे रंग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
आया फागुन मदभरा, खिले लिली के फूल (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*प्रकृति का नव-वर्ष 【घनाक्षरी】*
Ravi Prakash
पूरनमासी चंद्रमा , फागुन का शुभ मास [कुंडलिया]*
Ravi Prakash
*सूरत चाहे जैसी भी हो, पर मुस्काऍं होली में 【 हिंदी गजल/ गीत
Ravi Prakash
*हजारों साल से लेकिन,नई हर बार होली है 【मुक्तक 】*
Ravi Prakash
*होली : तीन बाल कुंडलियाँ* (बाल कविता)
Ravi Prakash
*आया चैत सुहावना,ऋतु पावन मधुमास (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*बुरा न मानो होली है 【बाल कविता 】*
Ravi Prakash
मस्ती हो मौसम में तो,पिचकारी अच्छी लगती है (हिंदी गजल/गीतिका
Ravi Prakash
*करिश्मा है ये कुदरत का, हमें मौसम बताता है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*बदन में आ रही फुर्ती है, अब साँसें महकती हैं (मुक्तक)*
Ravi Prakash
होते फागुन हम अगर, बसता हम में फाग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*पिचकारी 【कुंडलिया】*
Ravi Prakash
*आओ सब स्वागत करें, मधुमय चैत महान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*फूलों का त्यौहार ( कुंडलिया )*
Ravi Prakash
*हाथ में पिचकारियाँ हों, रंग और गुलाल हो (मुक्तक)*
Ravi Prakash
जाते-जाते भी नहीं, जाता फागुन माह
Ravi Prakash
*जाने कैसा रंग था, मुख पर ढेर गुलाल (हास्य कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*कहा चैत से फागुन ने, नव वर्ष तुम्हारा अभिनंदन (गीत)*
Ravi Prakash
*चैत : 13 दोहे*
Ravi Prakash
*नई पावन पवन लेकर, सुहाना चैत आया है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
घर आना नॅंदलाल हमारे, ले फागुन पिचकारी (गीत)
Ravi Prakash
*होली पर बनिए सदा, महामूर्ख सम्राट (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*भरे हों प्यार के सौ रंग, मैत्री की हो पिचकारी (मुक्तक)*
Ravi Prakash
होली : नौ दोहे
Ravi Prakash
*होली किस दिन को मने, सबसे बड़ा सवाल (हास्य कुंडलिया)*
Ravi Prakash
मस्ती के मौसम में आता, फागुन का त्योहार (हिंदी गजल/ गीतिका)
Ravi Prakash
फागुन का बस नाम है, असली चैत महान (कुंडलिया)
Ravi Prakash
कहॉं दीखती अब वह मस्ती, बचपन वाली होली जी (गीत)
Ravi Prakash