Posts Tag: लावणी /ताटंक छंद 15 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid लक्ष्मी सिंह 30 May 2023 · 1 min read तुम से प्यार नहीं करती। बात समझ लो सच्ची झूठी, तुम से प्यार नहीं करती। दिल असमंजस में है अब भी,जा इजहार नहीं करती। प्रेम भरा इस निश्छल मन में,दर्द कशक दिल में कोई, मगर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · प्रेम गीत · लावणी /ताटंक छंद 5 4 417 Share लक्ष्मी सिंह 31 Mar 2023 · 1 min read फकीरी/दीवानों की हस्ती अलग रंग है अलग ढ़ंग है, दीवानों की हस्ती में। जिन्दादिली से ज़िंदगी हम, काट रहें हैं मस्ती में। हुआ मुक्त सारे बंधन से,पर हित में अर्पित जीवन, समय सहारे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · लावणी /ताटंक छंद 464 Share लक्ष्मी सिंह 15 Aug 2022 · 1 min read अमृत महोत्सव आजादी का अमृत महोत्सव आजादी का,खुशियों का बजे मृदंगा। आओ हर घर के आँगन में,फहराये राष्ट्र तिरंगा। बालकनी के मुंडेरों पर,देहली और दलान पर। सभी घरों के छत के ऊपर,छोटे बड़े मकान... Hindi · गीत · लावणी /ताटंक छंद 6 2 316 Share लक्ष्मी सिंह 4 Feb 2021 · 1 min read ढ़लता सूरज आधार छंद-लावणी सूर्य डूबता हो या उगता,दोनों ही मन को भाता । कहीं बैंगनी कहीं केसरी,सातों रंग निखर आता। बादल भी रंगीन दिखाई,देता तब कितना सुन्दर, सूरज जिस पल धीरे-धीरे,थक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · लावणी /ताटंक छंद 1 201 Share लक्ष्मी सिंह 30 Jan 2021 · 1 min read सीमा प्रहरी आधार छंद-लावणी अटल-अडिग सीमा पर रहता, हम सब का रखवाला है । धीर-वीर गंभीर निडर वह,महाकाल की ज्वाला है। रहा राष्ट्र का गौरव प्यारा, आजादी के रक्षक हैं। आँख उठे... Hindi · गीत · लावणी /ताटंक छंद · सीमा प्रहरी/सिपाही 1 249 Share लक्ष्मी सिंह 10 Jan 2021 · 1 min read ओ! प्राण प्यारे विधान - 30 मात्रा = 16,14 पर यति, अंत में गुरु वाचिक अनिवार्य आधार छंद - लावणी /ताटंक ओ! प्राण प्यारे आज सारे, पीड़ा हृदय की बोल दो। अश्रु से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · गीतिका · लावणी /ताटंक छंद 1 1 260 Share लक्ष्मी सिंह 9 Jan 2021 · 1 min read प्रेम आधार छंद - लावणी /ताटंक विधान - 30 मात्रा = 16,14 पर यति, अंत में गुरु वाचिक अनिवार्य. प्रेम पले उन्मुक्त हृदय में,नहीं स्वार्थ का बंधन है । जिसके माथे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · प्रेम · लावणी /ताटंक छंद 1 360 Share लक्ष्मी सिंह 9 Dec 2019 · 1 min read गौरैया विधा.. लावणी छंद ★★★★★★★★★ बिन वर्षा जंगल सूखा है, सूखे सब ताल तलैया। सूखी टहनी पर बैठी हूँ,मैं गुमसुम-सी गौरैया। उजाड़ दिया आधुनिकता ने, मेरा हर एक ठिकाना। छोटे से... Hindi · गीत · लावणी /ताटंक छंद 2 246 Share लक्ष्मी सिंह 15 Oct 2019 · 1 min read चलो चलें कश्मीर घूमने -लावणी छंद सृजन चलो चलें कश्मीर घूमने, शिमला नैनीताल नहीं। इस धरती का स्वर्गं यहीँ है, इसकी कहीं मिसाल नहीं। शांत सुखद बर्फीली घाटी,लगे देव की मूरत है। जहाँ फिजा... Hindi · गीत · लावणी /ताटंक छंद 405 Share लक्ष्मी सिंह 15 Oct 2019 · 1 min read मर्यादा -लावणी छंद सृजन मर्यादा में जीवन जीना,जीवन शोभायमान है। बिम्बित हो मानस अंबर में,नव किरण स्वर्ण समान है। संयम,नित्य-नियम अपनाता, जो खुद पर रखता वश है। युगों-युगों तक याद करें... Hindi · गीत · लावणी /ताटंक छंद 247 Share लक्ष्मी सिंह 15 Oct 2019 · 1 min read मानवता ताटंक छंद आधारित गीत मानव जन्म मिला है हमको, मानवता अपनाना है। देवों को दुर्लभ काया से, कुछ तो लाभ उठाना है। जो है जग में दीन-हीन अति,दुख से हो... Hindi · गीत · लावणी /ताटंक छंद 1 1 207 Share लक्ष्मी सिंह 15 Oct 2019 · 1 min read श्रम ताटंक छंद आधारित मुक्तक गीत ख्वाब उसी के पूरे होते, जो श्रम को अपनाता है। गगन नापने की खातिर निज, पंखों को फैलाता है। बहुत कीमती सपने सारे, कीमत जिसने... Hindi · गीत · लावणी /ताटंक छंद · श्रम 2 183 Share लक्ष्मी सिंह 29 Sep 2019 · 1 min read प्रकृति ताटंक छंद आधारित गीत ००००००००००००★०००००००००००००० प्रकृति अद्भुत अति मनोहारी, लगती कितनी प्यारी है। मोहित मन को करती है तू, तेरी लीला न्यारी है। कभी गगन में दिखते तारे, घिरती बदरा... Hindi · गीत · लावणी /ताटंक छंद 3 1 425 Share लक्ष्मी सिंह 24 Aug 2019 · 1 min read ख्वाब कुकुंभ/ ताटंक छंद ख्वाब उसी के पूरे होते, जो श्रम को अपनाता है। गगन नापने की खातिर निज, पंखों को फैलाता है। बहुत कीमती सपने सारे, कीमत जिसने जानी है।... Hindi · गीत · लावणी /ताटंक छंद 2 1 252 Share लक्ष्मी सिंह 9 Aug 2019 · 1 min read दहेज विधा-कुकुभ एवं ताटंक छंदाधारित मुक्तक देख तराजू दुल्हा बैठा, कलप रही बेटी प्यारी। दे दी घर की दौलत सारी, फिर भी है पलड़ा भारी। ये दौलत के कितने भूखे, करते... Hindi · गीत · बेटी/बेटियां · लावणी /ताटंक छंद 481 Share