तस्वीर देख कर सिहर उठा था मन, सत्य मरता रहा और झूठ मारता रहा…
मेरी कलम से… आनन्द कुमार उम्र से सब थे बड़े, थे पास खड़े और हर सेकेंड वे ख़ंजर चलाता रहा एक मासूम उम्र महज सोलह वर्ष की चिल्लाती रही तड़पती...
Poetry Writing Challenge · कविता · मानवता · मेरी कलम से… आनन्द कुमार