Tag: भक्ति मुक्तक
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बड़ा सुंदर समागम है, अयोध्या की रियासत में।
जगदीश शर्मा सहज
यहाँ श्रीराम लक्ष्मण को, कभी दशरथ खिलाते थे।
जगदीश शर्मा सहज
■ बच कर रहिएगा
*Author प्रणय प्रभात*
*धन्य अयोध्या हुई जन्म-भू, जिनकी गरिमा पाई【मुक्तक】*
Ravi Prakash
#अपील....
*Author प्रणय प्रभात*
*दशरथनंदन सीतापति को, सौ-सौ बार प्रणाम है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*चलते रहे जो थाम, मर्यादा-ध्वजा अविराम हैं (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*वनवास हो या राजपद, जिनको सदैव समान है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
■ आज का मुक्तक
*Author प्रणय प्रभात*
*हे अष्टभुजधारी तुम्हें, मॉं बार-बार प्रणाम है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*गूॅंजती जयकार से मॉं, यह धरा-आकाश है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*धन्य तुम मॉं, सिंह पर रहती सदैव सवार हो (मुक्तक)*
Ravi Prakash
■ मुक्तक...
*Author प्रणय प्रभात*
#जीवन का सार...
*Author प्रणय प्रभात*
अभी तक न विफलता है ,अभी तक न सफलता है (मुक्तक)
Ravi Prakash
■ आज का मुक्तक
*Author प्रणय प्रभात*
■ शर्मनाक हालात
*Author प्रणय प्रभात*
*आर्य समाज (मुक्तक)*
Ravi Prakash