Posts Tag: बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 283 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid DR.MDHU TRIVEDI 17 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ जमा कर पैर रखना राह कंकडों से सभलना है अकेले जिन्दगी की इस डगर पर आज बढ़ना है बड़े ही लाड़ से जो बेटियाँ पलती पिता की जब सिखा देना... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 74 1k Share Sumita Mundhra 10 Jan 2017 · 1 min read माँ की सीख - बेटी की टीस सौ.सुमिता राजकुमार मूंधड़ा माँ की सीख - बेटी की टीस _____________________ कदम उठे गलत अगर मेरे, तो मैं सहम - सी जाती हूँ। माँ तेरी सीख याद आ जाती, कुछ... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 24 4 5k Share Dr.Pratibha Prakash 21 Jan 2017 · 1 min read बेटियां ? जीवन को जीवन बनाती बेटियां बेटो का जीवन सजाती है बेटियां इस सृष्टि को सतत बनाती बेटियां फिर क्यों कोख में मारी जाती बेटियां घर को वास्तव घर बनाती बेटियां... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 18 1 1k Share स्वर्णलता विश्वफूल 15 Jan 2017 · 1 min read ''चाक पर चढ़ी बेटी'' उस स्त्रीलिंग प्रतिमा, यौवन-उफनाई प्रतिमा को-- एक पुरुष ने खरीदा और सीमेंटेड रोड पर पटक-पटक / चू्र कर डाला । प्रतिमा के चूड़न को-- सिला में पीस डाला, और अपनी... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 6 15 566 Share विजय कुमार अग्रवाल 11 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ खुशियाँ नहीँ मनाई जाती , क्यों बेटी जब जन्म है लेती । हर घर को खुशियोंकाखजाना ,जबकि अधिकतर बेटी देती ॥ ज्यों ज्यों बेटी बढ़ती जाती ,माँ की जिम्मेदारी लेती... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 5 931 Share Lovi Mishra 11 Jan 2017 · 1 min read बेटी हूँ या भूल जिस दिन मेरा जन्म हुआ तुम, फूट फूट क्यों रोई माँ क्या सपनों की माला टूटी, जो तुमने पिरोई माँ जब मैं तेरी कोख में थी , तू कितना प्यार... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 5 4 881 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 13 Jan 2017 · 1 min read बेटी जिस घर के आँगन में बेटी है वहाँ तुलसी की जरूरत नहीं, देखो बेटी की सूरत से जुदा यहाँ किसी देवी की सूरत नहीं। खुशियाँ पता पूछती हैं उस घर... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 5 2 4k Share लक्ष्मी सिंह 21 Jan 2017 · 2 min read मैं बेटी हूँ ???? मैं बेटी हूँ..... मैं गुड़िया मिट्टी की हूँ। खामोश सदा मैं रहती हूँ। मैं बेटी हूँ..... मैं धरती माँ की बेटी हूँ। निःश्वास साँस मैं ढोती हूँ। मैं बेटी... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 · बेटी/बेटियां 5 1 26k Share बलकार सिंह हरियाणवी 10 Jan 2017 · 1 min read बाबुल के आगंन की चिडियां बाबुल के आंगन की चिडियां ईक दिन तो तुझे उड़ जाना हे, जिसके संग में खाई खैली छोड़ उसी को जाना हे , महक रही उपवन की डाली घर आंगन... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 4 634 Share राजेश 'ललित' 20 Jan 2017 · 1 min read "बेटी की बेटी" प्रस्तुत कविता मेरी बेटी के यहाँ बेटी के जन्म के कुछ दिनों के बाद आनायास ही निकली क़लम से,उसकी निश्छल मुस्कान देख कर।आप भी पढ़िये:- ------------------------- "नातिन" देखी तुमने मेरी... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 4 363 Share उमा शर्मा 23 Jan 2017 · 2 min read बेटियाँ तो बाबुल की रानियाँ हैं मन का मृदंग हैं, भाव हैं, तरंग हैं, कल्पनाओं की पतंग हैं निर्झर, निर्मल, नेह भरी, ये वात्स्ल्य पूर्ण रवानियाँ हैं फिर भी बोलो आखिर क्यों ये, सबकी पहली परेशानियाँ... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 4 2k Share डा. सूर्यनारायण पाण्डेय 25 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ बेटियाँ,बेटियाँ हैं जो हैं सूत्रधार सृजन की,ममत्व की- और वैश्विक सौन्दर्य की । संभव नहीं इनके बिना- सृष्टि का अस्तित्व और यहाँ तक- 'परिवार'की पूर्णता। कितना अधूरा लगता है, बेटियों... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 4 2 1k Share manju gupta 25 Jan 2017 · 1 min read सृष्टि की सृजनहार बेटियाँ अब दब नहीं सकती आधी आबादी की ये बेटियाँ , जो दबाएँ इन्हें बन जाएँगी संहार की चिंगारियाँ , नहीं हैं अब भोग , विलास , वासना की ये कठपुतलियाँ... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 4 2 488 Share इंदु वर्मा 10 Jan 2017 · 1 min read "खुबसीरत" सी बेटियाँ" :) कितना आसान है न.... गैरों की बेटियों का वजूद तय कर जाना … नज़रिए के तराजू को अपमान से भरकर… उसके तन और मन को एक साथ तोल जाना अपने... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 3 868 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 10 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ दो नदियों का मेल कराती हैं बेटियाँ । प्यार की धारा ही बहाती हैं बेटियाँ । संजीदगी से करती हैं कठनाईयों को पार सहयोग का दस्तूर चलाती हैं बेटियाँ ।... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 3 4 1k Share Neeloo Neelpari 12 Jan 2017 · 2 min read बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ बधाई हो बधाई, बेटी घर पर आई बधाई हो बधाई, बेटी घर पर आई बेटा था घर का सूरज, रोशनी अब आई घर आँगन चौबारे ज्ञान की ज्योत जलाई बधाई... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 3 3 1k Share Bijender Gemini 17 Jan 2017 · 1 min read मेरी बेटी - मेरा वैभव कविता मेरी बेटी - मेरा वैभव - बीजेन्द्र जैमिनी मेरी बेटी मेरी शान मेरी आनबान मेरी है पहचान मेरी बेटी - मेरा वैभव मेरी बेटी परिवार की शान परिवार की... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 3 1 624 Share ओम प्रकाश शर्मा 17 Jan 2017 · 1 min read पूछें तुमसे एक प्रश्न माँ पूछें तुमसे एक प्रश्न माँ तेरा न्याय बता कैसा जी न सकें क्यों हम भी भैया जीवन जीए जैसा। वे आए तेरी कोख में तो क्या सौगात लेकर आए मैंने... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 3 5 661 Share डॉ. नीरजा मेहता 'कमलिनी' 21 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ--------"सुन रहे हो बाबा" एक बेटी की बात अपने पिता से—- सुन रहे हो बाबा ! जगाये थे जब मैंने दबे अहसास लिख डाले थे, अधरों पर रुके अल्फाज़, तुमने आँखें तरेर मचाया था... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 3 3 961 Share पियुष राज 'पारस' 22 Jan 2017 · 1 min read अनमोल है बेटियां...(कवि-पियुष राज) अनमोल है बेटियां अगर बेटे हीरा है तो हीरे की खान है बेटियां अपने घर-गांव-देश की पहचान है बेटियां अगर बेटे सूरज है तो गंगा की अविरल धारा है बेटियां... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 3 1 5k Share शक्ति राव मणि 25 Jan 2017 · 1 min read वो बेटी ही तो है,जो हसना सिखाती है. वो बेटी ही तो है,जो हसना सिखाती है, चेहरे की मुस्कान पापा को भा जाती है, लाडली होती है बेटियॉ पिता के लिए,सम्मान यही दिलाती है, घर किसी का भी... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 3 2 575 Share Anju Gupta 25 Jan 2017 · 1 min read मेरी बिटिया मेरी बिटिया घुटनों बल चलती, ठुमकती - थिरकती, कभी आँचल में छिपती, कभी कान्धे पर चढ़ती ! वो नन्ही परी पंख फैलाने लगी है.... मेरी गुड़िया मेरे कान्धे तक आने... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 3 2 371 Share राजेश बन्छोर 29 Jan 2017 · 1 min read आखिर ऐसा क्यों ? बढ़ रहे बलात्कारी ! चीख रही भारत की नारी !! आज के मायावी राक्षसों से भगवान भी घबराता है ! इसलिए द्रोपदी की लाज बचाने कोई कृष्ण नहीं आता है... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 3 1 1k Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 29 Jan 2017 · 2 min read मॉ की कोख मैं मुझे न मारो पापा मेरे प्यारे पापा, मुझे अपना लो पापा जी । मां की कोख में मुझे न मारो, मुझे बचा लो पापा जी ।। मुझको तुम दुनिया दिखला दो, मेरे प्यारे... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 3 1 2k Share Keerti Verma 31 Jan 2017 · 1 min read बेटी है तो कल है तुम मेरे दिन की शुरुआत तुम हो मेरा कल और आज, तुम मेरी रातों की निंदिया तुम मेरे आंगन की चिड़िया। तुम दैवीय वरदान हो असीमित खुशियों की खान हो,... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 3 3 3k Share मंजूषा मन 31 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ बेटियाँ बेटियाँ, बचपन से ही अपने माता पिता की 'माँ' बन जातीं हैं, नन्ही हथेली से सहलाती हैं पिता का दुखता माथा, छिंतीं हैं माँ के हाथ से चकला बेलन।... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 3 3 596 Share पूनम झा 'प्रथमा' 10 Jan 2017 · 1 min read " बेटियां "............. " बेटियाँ " ------------ ये पूछो मत मुझसे क्या होती है बेटी न शब्द न परिभाषा में बंधती है बेटी। * चिड़िया नहीं, ममता से भरी मानव है हँसते हुए... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 2 1 1k Share रागिनी गर्ग 10 Jan 2017 · 2 min read गुम होतीं बेटियाँ खोता भविष्य अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट आयी बिटिया कोख से चिल्लाई | जन्म दे मुझे भी माँ मैं भी जीना चाहती हूँ || भगवान की बनाई इस सृष्टि को मैं ही तो चलाती... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 2 3k Share प्रतीक्षा साहू 11 Jan 2017 · 1 min read एक बेटी की अपनी माँ से अपेक्षा मेरी एक अपेक्षा मेरी माँ से कि माँ क्यूँ तू मुझे अपना बेटा नहीं समझती, क्योंकि देखा है तेरी आँखों में मैंने एक बड़े बेटे की कमी को, पढ़ा है... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 2 1 2k Share अलका जैन 11 Jan 2017 · 1 min read ज्यों गगन में चान्द चमके...बेटी चमके आंगना में ज्यों गगन में चान्द चमके बेटी चमके आंगना में बेटिया साडी का आंचल बेटिया आंखों का काजल बेटिया चूडी की खन-खन बेटिया मां का है दर्पण बेटिया पूजा की थाली... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 2 2 465 Share लक्की सिंह चौहान 12 Jan 2017 · 1 min read बेटियां पिता के जीवन का स्वाभिमान होती है, बेटियां, सब घर वालो की जान होती है, बेटियां। परमात्मा के आशिष के रूप मे, लक्ष्मी का अवतार होती है, बेटियां॥ चिड़ियाँ की... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 2 807 Share Kokila Agarwal 12 Jan 2017 · 1 min read काश मुझे भी बिटिया होती रचनाकार- Kokila Agarwal विधा- कविता काश मुझे भी बिटिया होती उसकी आंखो में खुद को जीती महकी मेरी बगिया होती मन की बाते मैं उससे करती छन से टूटा ख्वाब... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 2 1 599 Share विजय कुमार नामदेव 12 Jan 2017 · 1 min read बेटी है तो घर, घर है गर घर में बेटी है बेटी है तो खेल हैं,खिलौने हैं मीठी-सी बोली है ढेर सारे सपने हैं हँसी है, ठिठोली है बेटी है तो गुड्डे हैं,... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 2 8k Share Lata Agrawal 12 Jan 2017 · 1 min read कटता जंगल कविता ( बेटियों पर ) रचना स्वरचित एवं मौलिक है कटता जंगल जानती हूँ माँ तुम तक पहुंच चुकी है खबर मेरे आने की मगर माँ , मत कर चिंता... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 2 1 427 Share सागर यादव 'जख्मी' 14 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ माता-पिता के अधरोँ की मुस्कान बेटियाँ होती हैँ एक मुकम्मल संसार बेटियाँ हिन्दू के लिए गीता ईसाई के लिए बाईबिल मुस्लिम के लिए पवित्र कुरान बेटियाँ दुनिया के लिए ये... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 2 1 478 Share minakshi mishra 14 Jan 2017 · 1 min read एक मामूली लड़की -बेटी हल्की हवा के झोंकों पर तृण मूल सा वो बिखर जाती, एक छोटी ख़ुशी से भी घन तिमिर में चपला सी वो चमक जाती, पानी की धरातल पर वो रेत... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 2 2 933 Share kislaya pancholi 15 Jan 2017 · 1 min read सुनो बेटियों सुनो बेटियों अब ‘समय’ समझदार हो गया है, देखो तुम्हारे साथ खड़ा है. ‘समझ’ सामयिक हो गयी है तभी तुम्हारे समीप आ चुकी है. ‘सोच’ की तो पूछो ही मत,... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 2 2 577 Share सतीश तिवारी 'सरस' 16 Jan 2017 · 1 min read नवनीत है बेटी छंद-ग़ज़ल अरु गीत है बेटी, प्यार भरा संगीत है बेटी. दुःख-दर्दों में साथ निभाये, माँ की सच्ची मीत है बेटी. पूत कपूत भले हो लेकिन, बाँटे हरदम प्रीत है बेटी.... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 2 1 683 Share Upasna Siag 16 Jan 2017 · 1 min read सारे रंग बेटियों से ही तो हैं... आँखे बंद करके सोचा जब तुझे , तो बहुत ही करीब पाया ... छोटे - छोटे,नर्म -मुलायम , हाथों को अपने चेहरे के करीब पाया ... फूलों की पंखुड़ी से... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 2 2 421 Share raksha tiwari 19 Jan 2017 · 1 min read बेटी का अरमान बेटी को कब किसने पहचाना है, ईश्वर का वरदान कहां माना है, जन्म लेकर जिसने माता पिता का सर झुकाया है, कल उसी ने नेक कामों से उस झुकते सर... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 2 1 858 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 19 Jan 2017 · 1 min read बेटी जो हँस दे तो कुदरत हँसती है। *बेटिया* सामाजिक बगिया में, गुल सम रहती है। बेटी जो हँस दे तो, कुदरत हँसती है। चिंताऐं हर रोज जकड़ लेती मन को। पल में भोली सूरत हर्षा उठती है।... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 2 1k Share Amita Magotra 19 Jan 2017 · 1 min read मेरी बेटी कभी ठुमक ठुमक, कभी मटक मटक वो सारे घर में चलती है कभी माँ, कभी मम्मा, कभी मम्मी जी मुझको हर वक़्त बुलाती रहती है || मेरी नन्ही सी परी,... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 2 2 848 Share Neha Sharma 19 Jan 2017 · 1 min read "मेरी बिटिया, मेरी बगिया का फूल" मेरे जीवन की सूनी बगिया में, इक फूल खिला था प्यारा सा। नाज़ुक सा, गुदगुदाता सा, अपनी खुशबू से महकाता था। मुझे ममता का अहसास करवाने वाली, अपनी किलकारियों से... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 2 1k Share Dr Purnima Rai 20 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ बेटी को जन्म देकर भी माँ माँ ही रहती है बेटी के जन्म पर अक्सर माँ की रुस्वाई होती है। एक बेटी क्या कम थी जो दूसरी को पैदा किया... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 2 1k Share Saksena Dr.Shipra Shilpi 21 Jan 2017 · 1 min read बेटियां.. ???वेदना के स्वर तितली के संग??? काश मै तितली होती उडती मदमस्त फिजाओं में इन्द्रधनुषी रंगों में रंगकर रंगती सारे सपनो को सपने जो बुनती थी मै अरमानो का पंख... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 2 1 1k Share Dr.Priya Sufi 21 Jan 2017 · 1 min read नन्हीं गुड़िया मैं नन्ही सी प्यारी गुडिया मम्मी की दुलारी गुडिया चंदा है मामा मेरे पापा के मन न भाई गुडिया मुझे उठाया पास बिठाया साथ ले जा कर खूब घुमाया घर... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 2 1 718 Share प्रियंका झा 'प्रवोधिनी' 21 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ ★बेटियाँ★ ------------------- चम्पाहार श्रृंगार बेटियाँ खुशबू का संसार बेटियाँ घर की शोभा दुबरी करतीं फिर भी मुख से कुछ न कहतीं मूक रहे हर लेतीं पीड़ा कब माँगे अधिकार बेटियाँ... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 2 2 611 Share Tarun Singh Pawar 22 Jan 2017 · 1 min read बेटियां एक सहस बेटी ही लाती है घर में, खुशियों का अनुपम उपहार। बेटी से ही होता निर्मल, पावन सकल ये घर संसार।।1।। मात-पिता की सेवा करना, उनके जीवन का आधार। बेटी है... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 2 1k Share Ayub Khan Bismil 23 Jan 2017 · 2 min read बेटियाँ अच्छी लगती हैं तेरी मासूम आँखों में शरारत अच्छी लगती है मेरी बेटी मुझे तेरी हर आदत अच्छी लगती है जो सर से पाँव तक है वो नज़ाक़त अच्छी लगती है परी जैसी... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 2 2 775 Share Reena Bharti 26 Jan 2017 · 2 min read शोर क्यों ? शोर क्यों है ? बेटी बचाओ, बेटी बचाओ | क्या बीमार हैं हम ? या लाचार हैं हम ? जब लाचार हम नहीं, बीमार हम नहीं ! तो बचाओ-बचाओ का... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 2 1 1k Share Page 1 Next