बदरा को अब दोष ना देना, बड़ी देर से बारिश छाई है।
सांझ की अंतिम बेला में, बदरा ये संवर कर आयी है, नाचती-गाती बयार ने, स्वागत में धूल उड़ाई है। बंद-खिड़कियाँ और दरवाजों पर दस्तक इसने लगाई है, तपती शहर की...
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