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Tag: गीत
8k posts
प्रणय गीत
प्रणय गीत
Neelam Sharma
प्रणय गीत --
प्रणय गीत --
Neelam Sharma
विषय :- रक्त रंजित मानवीयता रस-वीभत्स रस विधा-मधुमालती छंद आधारित गीत मापनी-2212 , 2212
विषय :- रक्त रंजित मानवीयता रस-वीभत्स रस विधा-मधुमालती छंद आधारित गीत मापनी-2212 , 2212
Neelam Sharma
भरोसा
भरोसा
ललकार भारद्वाज
छन्द- वाचिक प्रमाणिका (मापनीयुक्त मात्रिक) वर्णिक मापनी – 12 12 12 12 अथवा – लगा लगा लगा लगा, पारंपरिक सूत्र – जभान राजभा लगा (अर्थात ज र ल गा)
छन्द- वाचिक प्रमाणिका (मापनीयुक्त मात्रिक) वर्णिक मापनी – 12 12 12 12 अथवा – लगा लगा लगा लगा, पारंपरिक सूत्र – जभान राजभा लगा (अर्थात ज र ल गा)
Neelam Sharma
वतन-ए-इश्क़
वतन-ए-इश्क़
Neelam Sharma
बदनाम
बदनाम
Deepesh Dwivedi
मेरी मुस्कुराहटों की वजह
मेरी मुस्कुराहटों की वजह
ललकार भारद्वाज
हम रहें कि न रहें
हम रहें कि न रहें
Shekhar Chandra Mitra
हश्र का मंज़र
हश्र का मंज़र
Shekhar Chandra Mitra
तू याद कर
तू याद कर
Shekhar Chandra Mitra
मैं नाकाम सही
मैं नाकाम सही
Shekhar Chandra Mitra
मैं नहीं तो कोई और सही
मैं नहीं तो कोई और सही
Shekhar Chandra Mitra
तुम्हें आसमान मुबारक
तुम्हें आसमान मुबारक
Shekhar Chandra Mitra
हमें अलग हो जाना चाहिए
हमें अलग हो जाना चाहिए
Shekhar Chandra Mitra
मैं उड़ना चाहती हूं
मैं उड़ना चाहती हूं
Shekhar Chandra Mitra
लोगों को जगा दो
लोगों को जगा दो
Shekhar Chandra Mitra
मज़दूर दिवस
मज़दूर दिवस
Shekhar Chandra Mitra
तू बदल गईलू
तू बदल गईलू
Shekhar Chandra Mitra
खो गईं।
खो गईं।
Roshni Sharma
ग़ज़ल - वो पल्लू गिराकर चले थे कभी,
ग़ज़ल - वो पल्लू गिराकर चले थे कभी,
डी. के. निवातिया
वोट डालने जाना है
वोट डालने जाना है
जगदीश शर्मा सहज
राम गीत 2.0
राम गीत 2.0
Abhishek Soni
कलम व्याध को बेच चुके हो न्याय भला लिक्खोगे कैसे?
कलम व्याध को बेच चुके हो न्याय भला लिक्खोगे कैसे?
संजीव शुक्ल 'सचिन'
#वर_दक्षिण (दहेज)
#वर_दक्षिण (दहेज)
संजीव शुक्ल 'सचिन'
संवेदनहीनता
संवेदनहीनता
संजीव शुक्ल 'सचिन'
जनता की कैसी खुशहाली
जनता की कैसी खुशहाली
महेश चन्द्र त्रिपाठी
विस्मरण
विस्मरण
Deepesh Dwivedi
विरक्ति
विरक्ति
Deepesh Dwivedi
वेदना
वेदना
संजीव शुक्ल 'सचिन'
संवेदना
संवेदना
Shalini Mishra Tiwari
कंधे पे अपने मेरा सर रहने दीजिए
कंधे पे अपने मेरा सर रहने दीजिए
rkchaudhary2012
समारोह चल रहा नर्क में
समारोह चल रहा नर्क में
महेश चन्द्र त्रिपाठी
बदल रहा परिवेश
बदल रहा परिवेश
महेश चन्द्र त्रिपाठी
कही-अनकही
कही-अनकही
Deepesh Dwivedi
उॅंगली मेरी ओर उठी
उॅंगली मेरी ओर उठी
महेश चन्द्र त्रिपाठी
सज़ा तुमको तो मिलेगी
सज़ा तुमको तो मिलेगी
gurudeenverma198
एक गुजारिश तुझसे है
एक गुजारिश तुझसे है
Buddha Prakash
मुहब्बत भी मिल जाती
मुहब्बत भी मिल जाती
Buddha Prakash
ऐ ज़िंदगी
ऐ ज़िंदगी
Shekhar Chandra Mitra
नाकाम मुहब्बत
नाकाम मुहब्बत
Shekhar Chandra Mitra
अफ़सोस
अफ़सोस
Shekhar Chandra Mitra
हो सके तो मुझे भूल जाओ
हो सके तो मुझे भूल जाओ
Shekhar Chandra Mitra
आजकल / (नवगीत)
आजकल / (नवगीत)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
यह तुम्हारी नफरत ही दुश्मन है तुम्हारी
यह तुम्हारी नफरत ही दुश्मन है तुम्हारी
gurudeenverma198
मैं आदमी असरदार हूं - हरवंश हृदय
मैं आदमी असरदार हूं - हरवंश हृदय
हरवंश हृदय
तख्तापलट
तख्तापलट
Shekhar Chandra Mitra
किससे कहे दिल की बात को हम
किससे कहे दिल की बात को हम
gurudeenverma198
मदर इंडिया
मदर इंडिया
Shekhar Chandra Mitra
किसी को उदास पाकर
किसी को उदास पाकर
Shekhar Chandra Mitra
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