Posts Tag: काव्य 13 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Rahul Singh 20 Mar 2024 · 1 min read "सत्य की खोज" ज़िन्दगी की धूप में, सत्य की खोज में, मनुष्य भटकता है, ज्ञान की राहों में। अन्धकार के साथ, उसकी दौड़ जारी है, सत्य की खोज में, उसका मन लालचारी है।... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · काव्य · काव्य प्रतियोगिता · सत्य की खोज 5 2 103 Share Gaurav Sharma 25 Feb 2024 · 2 min read तुम से ना हो पायेगा इंसान अपने बुरे वक्त में हमेशा दुखी होता है, लेकिन वो समय गुजर जाने पर उसे याद करके कभी-कभी हंस देता है...कुछ ऐसी ही मेरे जीवन की घटनाओं पर आधारित... Hindi · Sahitya Kavita Himachal · कविता · काव्य · हास्य · हिन्दी कविता 2 2 141 Share साहित्य गौरव 7 Mar 2023 · 1 min read कविता बाजार जाने कितने है कवि यहां, जाने कितनी है कविताएं, कुछ हिंदी की कुछ उर्दू की, सब भिन्न भिन्न है रचनाएं। लगी साहित्य की भीड़ यहां, नव लगे है रस कतार... Hindi · कविता · कविता-हिन्दी · काव्य 4 676 Share Gaurav Sharma 21 Jan 2023 · 1 min read मैल तन पर चढ़े कपड़े का मैल क्या ही मायने रखता है जनाब, यहाँ तो अब सभी मन के मैले हैं। Hindi · Hindi · कविता · काव्य · काव्य संवाद · रुचि 4 1 210 Share मनोज कर्ण 14 Dec 2022 · 1 min read एक आओर ययाति(मैथिली काव्य) एक आओर ययाति (मैथिली कविता) ~~°~~°~~° एक आओर ययाति प्रकट भेल , देखलक लोग ई कलियुग में । पूत के रहितेऽ धिया अंग देलक , लाज हेराएल कलियुग में। राज... Maithili · एक आओर ययाति · काव्य · मैथिली काव्य 6 344 Share Gaurav Sharma 13 Nov 2022 · 1 min read “कलम” किसी को लगती रंगीन, तो किसी के लिए कुछ फीकी हूं, कौन समझाए इन्हें…. जनाब कलम हूँ, इतिहास लिख देती हूँ। Hindi · Hindi Kavita · Kavita · कविता · काव्य · हिमाचल 5 188 Share विनोद सिल्ला 13 Mar 2022 · 1 min read नूपुरम् नूपुरम् न प्रतीयते आभूषणमिव नूपुरम्, प्रतिपलं प्रतिपदं वा प्रतीयते पर्याय: बन्धनस्य, यत् स्नेहेन स्थापितमस्ति नारीचरणेषु। अवरोद्धुं तस्या: गतिं सीमितुं तस्या: स्वाधीनम्, नोल्लंघ्येत् सा गृहद्वारं न तिष्ठेत् पुरुषाग्रे, बन्धनस्य आकर्षकं नाम... Sanskrit · काव्य 181 Share शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर) 7 Oct 2021 · 1 min read 💐💐गुरुदेवस्य वन्दना💐💐 निवसतिममहृदयेपार्वतीशंकरौ इव, विनस्यति ममसमस्तावगुणत्वानि, प्रकाशका: ज्ञानार्णवा: अहर्निश: , प्रणमति तंगुरुवरः प्रतिपदायाः अवसरे। अर्थ-जो रात्रि दिवस ज्ञान के समुद्र को प्रकाशित करने वाले है, जो मेरे हृदय में माँ पार्वती और... Sanskrit · काव्य 2 333 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 27 Sep 2021 · 1 min read अतिप्राचीना संस्कृतम् देववाणी सनातनम् शब्दग्राह्य विशेषता अतिप्राचीना संस्कृतम् ••• *तीन पंक्तियों में रचा जनक छन्द। सबसे सहज प्रवाह के लिए जाना जाता है। यह दोहे के प्रथम चरण (13 मात्राओं) के तीन... Sanskrit · काव्य 1 1 615 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 27 Sep 2021 · 1 min read प्रवाहिता मन्दाकिनी सुख-दु:ख रूपम वाहिनी प्रदानम् महामोक्ष मम प्रवाहिता मन्दाकिनी ••• ________________________ *तीन पंक्तियों में रचा जनक छन्द। सबसे सहज प्रवाह के लिए जाना जाता है। यह दोहे के प्रथम चरण (13... Sanskrit · काव्य 1 1 322 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 27 Sep 2021 · 1 min read भारतभूमि विशेषता इह विविधताय एकता संपूर्ण: विश्व दृष्टया भारतभूमि विशेषता ••• ________________________ *तीन पंक्तियों में रचा जनक छन्द। सबसे सहज प्रवाह के लिए जाना जाता है। यह दोहे के प्रथम चरण (13... Sanskrit · काव्य 1 1 431 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 26 Sep 2021 · 1 min read संस्कृतम् शरणं गच्छामि हे मित्रम, संस्कृतिं शरणं गच्छामि सर्वदा! हे मित्रम, राष्ट्रगौरवं शरणं गच्छामि सर्वदा!! हे मित्रम, संस्कृतम् शरणं गच्छामि सर्वदा!!! *** ____________________ हिन्दी भावार्थ: — हे मित्र, संस्कृति की शरण लेता हूँ... Sanskrit · काव्य 1 1 310 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 25 Sep 2021 · 1 min read गज्जलिका का मे उरं मुषित्वा, क्षोभयति खलु माम्। का स्मृत्यामेति, स्तम्भयति मम गाम्।।१।। पिबन् सुधां प्रेम्णोऽहं, तथाप्यतृप्तोऽस्मि। दग्धरुरस्य व्यथामथ, वदतु वदानि काम्।।२।। अंतस्थः तिमिरस्य ,शरद्चन्द्रवत् या। करोति प्रीत्या नाशं दृष्ट्यां वासं... Sanskrit · काव्य 10 4 417 Share